भारत को स्वच्छ बनाने के लक्ष्य के साथ नई दिल्ली के राजघाट पर 2 अक्दूबर 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा इस अभियान की शुरुआत हुई। इसका लक्ष्य है 2 अक्दूबर 2019 तक हर परिवार को शौचालय सहित स्वच्छता-सुविधा उपलब्ध कराना है, ठोस और द्रव अपशिष्ट निपटान व्यवस्था, गाँव में सफाई और सुरक्षित तथा पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी उपलब्ध हो। ये भारत के राष्ट्रपिता को उनके 150वें जन्मदिवस पर सबसे उपयुक्त श्रद्धांजलि होगी। ये बहुत महत्वपूर्ण है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये प्रधानमंत्री स्वयं अग्रसक्रिय भूमिका निभा रहे है; राजघाट पर उन्होंने खुद सड़कों को साफ कर इस मुहिम की शुरुआत की।
जबकि, ये पहले ही निर्धारित कर दिया गया है कि ये अभियान केवल सरकार का कर्तव्य नहीं है बल्कि राष्ट्र को स्वच्छ बनाने की की जिम्मेदारी इस देश के सभी नागरिकों है ।
स्वच्छ भारत अभियान का इतिहास :
स्वच्छ भारत आंदोलन की मुहिम आज तक स्वच्छता से संबंधित लिया गया एक बड़ा कदम है। इस अभियान को विश्वस्तर पर प्रसिद्ध करने के लिये तथा आम जनता को इसके प्रति जागरुक करने के लिये स्कूलों तथा कॉलेज के विद्यार्थीयों सहित लगभग 3 लाख सरकारी कर्मचारीयों ने इसके प्रारंभ होने के दिन इसमें भाग लिया। 1500 लोगों के मौजूदगी में 2 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रपति भवन में इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया था। भारतीय राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने झंडा दिखाकर इस आंदोलन की शुरुआत की।
इस मुहिम को आगे बढ़ाने के लिये व्यापार, खेल और फिल्म उद्योग से जुड़े नौ प्रसिद्ध व्यक्तियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नामित किया। उन्होंने उन नौ व्यक्तियों से निवेदन भी किया कि वे और नौ व्यक्तियों को इस अभियान से जोड़ें और स्वच्छता के इस आंदोलन को देश के कोने-कोने में रहने वाले हर एक भारतीय तक इसे पहुचाऐ।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस मुहिम को चुनौती की तरह लेना चाहिये तथा व्यक्तिगत (पेड़ की शाखाओं की तरह) तौर पर दूसरे नौ लोगों को आमंत्रित करना चाहिये जिससे स्वच्छता का ये दृष्टीकोण 2019 तक पूरा हो जाए और इतिहास में हमेशा के लिये भारत एक स्वच्छ देश बने।
इस भारतीय अभियान से प्रेरणा लेकर 3 जनवरी 2015 को, इंडो-नेपाल डॉक्टर एशोसियन ने एक मुहिम की शुरुआत की जिसको “स्वच्छ भारत नेपाल- स्वच्छ भारत नेपाल अभियान” कहा गया। इसकी शुरुआत इंडो-नेपाल बाडर्र क्षेत्र, सुनौली-बेलिहिया (भगवान बुद्ध का जन्म स्थल, पवित्र शहर लुंबिनी,नेपाल) हुई।
भारत में स्वच्छता के दूसरे कार्यक्रम जैसे केन्द्रीय ग्रामीण स्वच्छता कायर्क्रम (सीआरएसपी) का प्रारंभ 1986 में पूरे देश में हुआ जो कि गरीबी रेखा से नीचे के लोगों के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिये स्वास्थयप्रद शौचालय बनाने पर केन्द्रित था। इसका उद्देश्य सूखे शौचालयों को अल्प लागत से तैयार स्वास्थयप्रद शौचालयों में बदलना, खासतौर से ग्रामीण महिलाओं के लिये शौचालयों का निर्माण करना तथा दूसरी सुविधाएँ जैसे हैंड पम्प, नहान-गृह, स्वास्थ्यप्रद, हाथों की सफाई आदि था। यह लक्ष्य था कि सभी उपलब्ध सुविधाएँ ठीक ढंग से ग्राम पंचायत द्वारा पोषित की जाएगी। गाँव की उचित सफाई व्यवस्था जैसे जल निकासी व्यवस्था, सोखने वाला गड्ढा, ठोस और द्रव अपशिष्ट का निपटान, स्वास्थ्य शिक्षा के प्रति जागरुकता, सामाजिक, व्यक्तिगत, घरेलू और पर्यावरणीय साफ-सफाई व्यवस्था आदि की जागरुकता हो।
ग्रामीण साफ-सफाई कार्यक्रम का पुनर्निमाण करने के लिये भारतीय सरकार द्वारा 1999 में भारत में सफाई के पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) की शुरुआत हुई। पूर्ण स्वच्छता अभियान को बढ़ावा देने के लिये साफ-सफाई कार्यक्रम के तहत जून 2003 के महीने में निर्मल ग्राम पुरस्कार की शुरुआत हुई। ये एक प्रोत्साहन योजना थी जिसे भारत सरकार द्वारा 2003 में लोगों को पूर्ण स्वच्छता की विस्तृत सूचना देने पर, पर्यावरण को साफ रखने के लिये साथ ही पंचायत, ब्लॉक, और जिलों द्वारा गाँव को खुले में शौच करने से मुक्त करने के लिये प्रारंभ की गई थी।
निर्मल भारत अभियान की शुरुआत 2012 में हुई थी और उसके बाद स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 में हुई। जबकि इसके पूर्व में भारतीय सरकार द्वारा चलाए जा रहे है सभी सफाई-सफाई व्यवस्था और स्वच्छता कार्यक्रम वर्तमान 2014 के स्वच्छ भारत अभियान के जितना प्रभावकारी नहीं थे।
क्या है स्वच्छ भारत अभियान :
स्वच्छ भारत अभियान / क्लीन इंडिया कैंपेन प्रधानमंत्री मोदी एवं भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है। यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता की ओर ध्यान देने वाला अभियान है। हालाँकि इससे पहले की सरकारों द्वारा भी इसे अलग – अलग नाम से अलग – अलग तरीके से शुरू किया गया था। परन्तु मोदी सरकार द्वारा शुरू किये गए इस प्रोजेक्ट में पहले की तुलना में काफी हद तक लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैली है।
स्वच्छ भारत अभियान कब और कैसे शुरू हुआ / स्थापना दिवस? :
स्वच्छ भारत अभियान को प्रधानमंत्री मोदी जी के सत्ता में आने के बाद शुरू किया गया था। इसकी घोषणा उन्होंने महात्मा गाँधी जी की जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2014 को अधिकारिक तौर पर की थी। इस उपलक्ष्य में उन्होंने दिल्ली के राज घाट में यह घोषणा की एवं वहां उन्होंने स्वयं सफाई कर इस अभियान को शुरू किया। इस अभियान में भारत के सभी हिस्सों के लगभग 3 मिलियन सरकारी कर्मचारी, स्कूल एवं कॉलेज के छात्र शामिल थे।
यह मिशन अपने आप में दो भागों में बंटा हुआ है। स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण / रूरल क्षेत्रों के लिए), इसका संचालन पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है और स्वच्छ भारत अभियान (शहरी क्षेत्रों के लिए), इसका संचालन आवास और शहरी मंत्रालय के तहत किया जा रहा है। इस मिशन में एम्बेसडर्स और नेशनल रियल – टाइम मॉनिटरिंग, विभिन्न एनजीओ’स और साथ ही विभिन्न अधिकारी आदि भारत की स्वच्छता के लिए अपने विचार के प्रति काम कर रहे हैं। सन 2019 मे महात्मा गाँधी जी की 150 वी जयंती है, तो मोदी जी ने 2019 तक उनके स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने की बात कही।
स्वच्छ भारत अभियान का चिन्ह :
इस अभियान की घोषणा के दौरान मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान के लोगो के बारे में भी बात की। स्वच्छ भारत अभियान का लोगो गाँधी जी के चश्मे की तरह है, जिसमें स्वच्छ भारत लिखा हुआ है। उन्होंने कहा था कि – यह लोगो यह दर्शाता है, कि गाँधी जी इस चश्मे के माध्यम से देख रहे है, कि उनके द्वारा शुरू की गई यह पहल कितना काम कर रही है। कैसे कर रही है और देश के कौन – कौन से नागरिक इसमें हिस्सा लेने के लिए तत्पर हैं। इस अभियान को शुरू करने के साथ एक टैग लाइन भी जारी की गई है ‘एक कदम स्वच्छता की ओर’।
स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े मुख्य नाम :
स्वच्छ भारत अभियान मे योगदान देने के लिए सर्वप्रथम मोदी जी ने 9 लोगो को इसमे शामिल किया, इनमे मृदुला सिन्हा, सचिन तेंदुलकर, बाबा रामदेव, शशी थुरुर, अनिल अंबानी, कमल हसन, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा और तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम शामिल है, तथा अब इन 9 लोगो को अन्य 9 लोगो को शामिल करने की बात कही, इस प्रकार एक श्रंखला बनाने को कहा ताकि स्वच्छ भारत अभियान जल्द से जल्द ओर अच्छी तरह से पूरा हो जाए।
स्वच्छ भारत अभियान को सहयोग करने कई लोग आगे आए, जिसमे अभिनेता आमिर खान, अमिताभ बच्चन, कपिल शर्मा, v.v.s.लक्ष्मण, सौरव गांगुली, किरण बेदी, रमोजी राव तथा सभी राज्यो के मुख्य मंत्री शामिल है।
स्वच्छ भारत अभियान मुख्य उद्देश्य :
इसका सबसे बड़ा लक्ष्य भारत के सभी शहरों और गांवों में शौचालय बनवाना एवं पूरे देश की सडकों एवं इंफ्रास्ट्रक्चर को स्वच्छ करना है। इस अभियान के बारे में सबसे अच्छी बात यह है, कि यह सभी स्कूलों और कॉलेजों में शौचालयों की सफाई और उपलब्धता पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। इस मिशन का मुख्य लक्ष्य 2 अक्टूबर 2019 तक ‘स्वच्छ भारत’ के दृष्टिकोण को पूरा करना है। यह तिथि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की 150 वीं जयंती है। इस अभियान में 62,000 करोड़ रूपये तक के निवेश करने की उम्मीद की गई है। इसके अलावा सरकार ने इसे ‘राजनीति से परे’ एवं ‘देशभक्ति से प्रेरित’ होने के रूप में लेने के लिए कहा है। इसके कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य इस प्रकार हैं –
- भारत में खुले में शौच की व्यवस्था को ख़त्म करना।
- अव्यवस्थित शौचालयों को व्यवस्थित शौचालय में परिवर्तित करना।
- हाथ से सफाई करने की प्रणाली को हटाना।
- लोगों में व्यावहारिक परिवर्तन लाने के साथ ही लोगों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता की प्रथाओं के बारे में जागरूक करना।
- सार्वजानिक जागरूकता पैदा करने के लिए लोगों को स्वच्छता और सावर्जनिक स्वास्थ्य के कार्यक्रमों से जोड़ना।
- स्वच्छता से संबंधित सभी प्रणालियों को डिज़ाइन, एक्सीक्यूट और ऑपरेट करने के लिए शहरी स्थानीय निकायों को मजबूत बनाना।
- पूरी तरह से वैज्ञानिक प्रोसेसिंग शुरू करने के लिए, डिस्पोजल का पुनः उपयोग और ठोस कचरे की रिसाइकिलिंग करना।
- 2018 में स्वछ्ता अभियान को बढ़ावा देने के लिये स्वच्छ भारत ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप शुरू की गई है।
कॉरपोरेट भारत और स्वच्छ भारत अभियान :
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बुलावे पर ध्यान देते हुए कॉरपोरेट भारत ने भी इस अभियान को सफल बनाने के लिये उत्साह के साथ कदम आगे बढ़ाया।
अनिवार्य कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत स्वच्छता गतिविधियों में सार्वजनिक और निजी कंपनीयों को जोड़ा जा रहा है जो कि कंपनी अधिनियम 2013 के तहत कानूनी जरुरत है। सीएसआर एक क्रियाविधी है जिसके द्वारा कंपनियाँ पूरे समाज के भले कार्यों में पूँजी लगाती है।
हाल ही में बड़े कॉरपोरेट घराने जैसे एलएनटी, डीएलएफ, वेदांता, भारती, टीसीएस, अंबुजा सीमेंट, टोयोटा किरलोस्कर, मारुती, टाटा मोटर्स, कोका कोला, डॉबर्र, आदित्य बिरला, अदानी, इंफोसिस, टीवीएस और कई दूसरों के पास निश्चित किये गये बजट स्वच्छ भारत अभियान के लिये है। एक अनुमान के मुताबिक कॉरपोरेट सेक्टर के द्वारा 1000 करोड़ की कीमत के कई स्वच्छता परियोजनाएँ पाइपलाइन में है। दूर-दराज़ के गाँवों में शौचालय बनाने सहित इन परियोजनाओं में व्यवहार में बदलाव लाने के लिये कार्यशाला चलाना, कचरा प्रबंधन तथा साफ पानी और दूसरी चीजों में साफ-सफाई क्रिया-कलाप आदि है।
स्वच्छ भारत अभियान के लिये एक बोली में कॉरपोरेट्स धन को आमंत्रित करना, अभी हाल ही में सरकार ने ये फैसला लिया कि इस स्कीम में कॉरपोरेट भागीदारी को सीएसआर खर्चे में गिनती होगी। और बाद में इसे स्पष्ट करने के लिये कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भी कंपनी अधिनियम के शेड्यूल 7 को संशोधित किया ये उल्लिखित करने के लिये कि स्वच्छ भारत कोष में योगदान सीएसआर के लिये योग्य होगा। इसलिये, ना केवल सरकरी और निजी शख्स बल्कि कॉरपोरेट क्षेत्रक भी भारत को स्वच्छ बनाने में अपनी भूमिका निभा रहे है।
योजनायें :
इस अभियान को शुरू करने के लिए एवं सभी उद्देश्य को पूरा करने के लिए निम्न योजनाये बनाई गई है –
शौचालय बनवाना एवं उसका उपयोग करने के लिए लोगों को जागरूक करना :- मोदी जी ने देश में स्वच्छता अभियान शुरू करने के लिए सबसे पहली योजना देश के सभी गाँव एवं शहरों में शौचालय बनवाने की शुरू की है। हम सभी जानते है कि खुले में शौच करना कितना खतरनाक एवं हानिकारक है। इससे बहुत सी बीमारियाँ फैलती है। इस योजना के तहत खुले में शौच करने वाले लोगों को खास कर के महिलाओं को इससे होने वाली परेशानियों एवं शारीरिक नुकसानों के बारे में बताये हुए लोगों को इसके प्रति जागरूक एवं प्रेरित किया गया है। और उनसे शौचालय का इस्तेमाल करने के लिए भी अनुरोध किया गया है। इसके लिए सरकार ने देश के सभी छोटे बड़े गांवों एवं कस्बों में शौचालय बनाने का अभियान चलाया। साथ ही सभी बाजारों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड, पर्यटन स्थलों आदि में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी किया जाने का फैसला किया है। इस योजना में जिन स्थानों पर लोगों के लिए घरेलू शौचालय बनवाना संभव नहीं था उन स्थानों पर सार्वजनिक शौचायल बनवाए गये। इस तरह से देश में कुल 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य सरकार द्वारा तय किया गया। ताकि हमारा भारत देश खुले में शौच से मुक्त हो सके।
- सड़कों की सफाई करना :- इसके अलावा देश में कई स्थानों पर जैसे मैदानों, सड़कों, पर्यटन स्थलों, बीच आदि पर लोगों द्वारा कचरा फेकने के कारण बहुत अधिक प्रदूष्ण फैलता है। जिसके कारण भी कई बीमारियाँ फैलती है। इसके लिए सरकार ने ऐसे स्थानों की सफाई कर वहां अलग – अलग तरह के डस्टबिन रखने की योजना बनाई है और लोगों से उस डस्टबिन में यानि कचरा पेटी में कचरा फेकने की अपील की है। इसके साथ ही इस अभियान में स्कूल के शिक्षकों और छात्रों के साथ मिलकर उन्हें इसका हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करने के लिए भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्री ने आग्रह किया है।
- कचरा का प्रबंधन :– कचरा तो सभी जगह इकठ्ठा होता है, ऐसे में उसका सही से प्रबंधन होना भी आवश्यक है। इसके लिए सरकार ने निम्न चरणों के माध्यम से कचरे का प्रबंधन किया है –
- कचरे को अलग – अलग इकठ्ठा करना :- नये नियम के अनुसार कचरे को 3 अलग – अलग श्रेणियों में रखना बहुत महत्वपूर्ण है वे श्रेणियां – बायोडिग्रेडेबल (स्वाभाविक रूप से सड़ने वाला गीला कचरा), सूखा कचरा (प्लास्टिक, पेपर, धातु, लकड़ी) और घरेलू खतरनाक कचरा (बच्चों के डायपर, नैपकिन, मच्छर रिपेल्लेंट्स, सफाई एजेंट्स) आदि है। ऐसा करने से कचरा इकठ्ठा करने वालों को भी आसानी होगी। और साथ ही गीला कचरा को कम्पोस्टिंग / बायोमैथेनेशन के लिए उपयोग किया जा सकेगा। और सूखे कचरे को रिसाइकिलिंग की सहायता से फिर से उपयोग किया जा सकेगा।
- सेनेटरी नैपकिन का कलेक्शन और डिस्पोजल :- डायपर और सेनेटरी पैड जैसे सेनिटरी कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंध करने के लिए नया नियम यह है, कि उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को इसे बेचते समय इसके प्रबंधन के लिए पाउच या रेपर देना आवश्यक है। इस कचरे से निपटने के लिए सभी स्थानीय अधिकारीयों के लिए अपने क्षेत्र में एक सेनेटरी लैंडफिल स्थापित करना अनिवार्य कर दिया है। 1 मिलियन या उससे अधिक की आबादी के लिए एक सेनेटरी लैंडफिल स्थापित करने के लिए 2 साल की समय सीमा तय की गई है। यह सभी लैंडफिल स्थानीय निकायों एवं जनगणना वाले कस्बों में स्थापित किये जायेंगे।
- उपयोगकर्ता शुल्क और स्पॉट जुर्माना :– नये नियम के तहत, कचरा फैकने वाले लोगों को कचरा इकठ्ठा करने, डिस्पोजल और कचरे की प्रोसेसिंग जैसी गतिविधियों के लिए कचरा इकठ्ठा करने वाले लोगों को कुछ भुगतान करना होगा। पूरे भारत में स्थानीय निकाय के पास ‘यूजर फीस’ का निर्णय लेने का अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति इस अभियान के नियम एवं दिशानिर्देशों का उलंघन करता है, तो इसके लिए उन पर ‘स्पॉट जुर्माना’ लगाया जायेगा।
- नॉन – बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग के कचरे के लिए :- बाजार में किसी उत्पाद को बनाने वाले ब्रांड मालिक जो पैकेजिंग सामग्री का उपयोग कर अपने उत्पादों को बेचते है। वह पैकेजिंग का कचरा पर्यावरण के अनुकूल नहीं होता है। इसलिए उन्हें अपने उत्पादन में उपयोग होने वाले पैकेजिंग के कचरे को इकठ्ठा करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करनी होगी।
- सड़कों में दुकानें लगाने वालों के लिए एक कचरा पेटी :– सभी सड़कों पर दुकानें लगाने वाले विक्रेताओं को खाद्य कचरे, डिस्पोजल प्लेट्स, कप, डिब्बे, रैपर, नारियल के गोले, बचा हुआ भोजन, सब्जियां और फल आदि जैसे कचरे के भंडारण के लिए उचित कंटेनर या डिब्बे रखना चहिये। आप अपने स्वयं के कचरे के लिए जिम्मेदार है, और उसे आपको स्थानीय निकायों द्वारा नॉटीफाइड किये गये कचरे के भंडारण डिपो या कंटेनर या वाहन पर कचरा जमा करना चाहिए। आजकल हर शहर के हर गली एवं मोहल्ले में कचरा वाली गाड़ी की सुविधा शुरू की गई है, यह लोगों के घर घर जाकर वहां से कचरा इकठ्ठा करती है। और फिर इसकी प्रेसिस्सिंग की जाती है।
- लैंडफिल के लिए दिशानिर्देश :– वह कचरा जिसे रिसाइकिल नहीं किया जा सकता, उसे लैंडफिल में खत्म किया जाता है। इसका उपयोग या तो ऊर्जा पैदा करने के लिए या डेराइव्ड ईंधन को अलग करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग सीमेंट या थर्मल पावर प्लांट में को – प्रोसेसिंग के लिए भी किया जाता है। यह लैंडफिल नदियों से 100 मी, तालाब से 200 मी, राजमार्गों, घरों, पब्लिक पार्क्स और जल सप्लाई के कुएं से 500 मी, और एयरपोर्ट या एयरबेस से 20 किमी दूर होना चाहिए। पहाड़ी इलाकों में इसके निर्माण से बचा जाना चाहिए।
- रेलवे एवं ट्रेनों की सफाई :- इस अभियान के तहत रेल मंत्रालय द्वारा भी एक योजना बनाई गई है जिसमें सभी ट्रेनों के सभी नॉन – एसी कोचों में जरुरत के अनुसार डस्टबिन, जैव – शौचालय, आटोमेटिक लांड्री से साफ किये हुए बिस्तर – रोल, आदि की सुविधा दी जाएगी। केंद्र सरकार इस अभियान के साथ अपने डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट का उपयोग सौर ऊर्जा द्वारा संचालित ट्रैश डिब्बे के लिए कर सकती है। जैसा कि विदेशों में होता है। वहां प्रोजेक्ट के एडवांसमेंट और इनोवेशन के माध्यम से स्वच्छता दल को अलर्ट भेजा जाता है।
स्वच्छ भारत अभियान से कैसे जुड़े? :
देश में रह रहे सभी नागरिकों के प्रयासों के द्वारा भारत को एक स्वच्छ भारत बनाने के लिये स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत हुई। इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्पष्ट रुप से घोषित किया गया कि कोई भी इस कार्यक्रम में किसी भी समय सक्रिय रुप से भाग ले सकता है। उसे बस गंदी जगहों की एक तस्वीर लेनी है और इसके बाद उसे उस जगह की सफाई करने के बाद तस्वीर लेनी है और पहले और बाद की फोटो सोशल मीडिया वेबसाइटों जैसे फेसबुक, ट्वीटर आदि पर अपलोड कर देनी है जिससे इसी तरह का कार्य करने के लिये दूसरे आम लोग इससे परिचित और प्रेरित हो स्वच्छ भारत के दृष्टी को पूरा कर सके।
भारतीय जनता से भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा इस तरह की अपील के बाद ये भारत के लोगों द्वारा तेजी से शुरु हुआ। इस कार्यक्रम के आरंभ होने के दिन से ही लोग बहुत सक्रिय और प्रेरित हुए और इसको वैश्विक बनाने के लिये पहले और बाद की स्नैप लेकर सोशल मीडिया वेबसाइटों पर अपलोड कर उसी तरह शुरु किया गया। नरेन्द्र मोदी द्वारा ये भी कहा गया कि जो भी इस मुहिम को आगे बढ़ायेगा उसे सोशल मीडिया वेबसाइटों पर सरकरा द्वारा सराहा जायेगा। बॉलीवुड, टॉलीवुड, राजनीतिज्ञ, खेल, व्यापार उद्योग, आदि से जुड़े बहुत सारे प्रसिद्ध व्यक्तित्व जैसे आमिर खान, अमिताभ बच्चन, रितीक रोशन, सचिन तेंदूलकर, मृदुला सिन्हा जी, अनिल अंबानी, बाबा रामदेव, शशि थरुर, कमल हासन, प्रियंका चोपड़ा, एम.वेंकैया नायडु, अमित शाह, सलमान खान, तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम और कई सारी हस्तियाँ अपने समयनुसार इस मुहीम से जुड़े तथा फेसबुक और ट्वीटर पर इससे जुड़ी तस्वीरें अपलोड की।
इसे स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय के छात्रों और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के द्वारा भी किया जा रहा है। दैनिक रुटीन कार्य और दूसरे व्यवसायिक गतिविधियों में लगे देश के युवा भी कार्यक्रम में भाग लेते है तथा इसी तरह का कार्य करते है। सभी क्रिया-कलाप प्रसिद्ध व्यक्तित्व, विद्यार्थी तथा देश के युवा द्वारा समर्थित होता है और आम जन को इसमें सक्रियता से भाग लेने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। अपने आस-पास के जगह को साफ और उत्तम करने के लिये हमें भारतीय होने के नाते अपने हाथों में झाड़ू लेने की जरुरत है।
ज्यादातर स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों ने ग्रुप कार्यक्रम में भाग लिया था तो हम क्यूँ पीछे है ? हमें भी इसमें पूरी सक्रियता से भाग लेना चाहिये। इस अभियान को सफल अभियान बनाने के लिये कई स्वतंत्र एप्लिकेशन प्रोग्राम डेवलपर ने मोबाईल तकनीक का इस्तेमाल कर कई मोबाईल एप्लिकेशन बनाए। मीडिया ने भी अपने लेख और खबर प्रकाशन के द्वारा इस अभियान को बढ़ावा दिया। इस अभियान की ओर लोगों को टाईम्स ऑफ इंडिया ने भी अपने लेख “फेसबुक को देशी कंपनी ने हराया ‘स्वच्छ एप्स रेस’ में” से प्रेरित किया। दूसरा प्रकाशित लेख है-“ये भारतीय एप बदल सकता है कैसे लोग अपनी सरकार से बात करें”।
2019 तक 100% खुले में शौचमुक्त भारत का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये इस अभियान के तहत ठीक ढ़ंग से शौचालय बनाया जाना है जिसके लिये भारत सरकार द्वारा राष्ट्रव्यापी वास्तविक समय निगरानी की भी शुरुआत हुई है। लोगों को स्वच्छ भारत का महत्वपूर्ण संदेश पहुँचाने के लिये एनआईटी राऊरकेला पीएचडी विद्यार्थीयों द्वारा स्वच्छ भारत पर एक लघु फिल्म बनाई गई है। हमें भी अपने हाथ इस मिशन के लिये जोड़ना चाहिये और इसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण भाग समझना चाहिये। स्वच्छ भारत केवल एक का नहीं बल्कि सभी भारतीय नागरिकों की जिम्मेदारी है।
स्वच्छता स्वच्छ भारत अभियान पर नारे :
जागो युवा जागो स्वच्छ भारत हैं तुम्हारा अधिकार लेकिन पहले उठाओं पहले कर्तव्य का भार
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सीमा पर लड़ना ही नही हैं देशभक्ति का नाम स्वच्छ बने देश करों ऐसा काम
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कदम से कदम मिलाओं स्वच्छता की तरफ हाथ बढ़ाओ
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क्या दोगे आने वाले को? पूर्वजो से तुम्हे स्वतंत्र आसमान मिला
न करो कोई बड़ा वादा
बस दो स्वच्छ आसमा की छाया
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युवा शक्ति हैं सब पे भारी, उठाओं झाड़ू गंदगी बाहर करो सारी
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स्वच्छता ही हैं देश का सौन्दर्य, जिसे लाना हैं हमारा कर्तव्य
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स्वच्छता स्वच्छ भारत अभियान पर कविता व शायरी :
मैं नहीं तू, तू नहीं मैं
सदा ही करते तू तू मैं मैं
करो कभी कोई अच्छा काम
बढ़ाये जो भारत देश का नाम
देश की धरोहर पर हैं सबका अधिकार
फिर क्यूँ हैं इसकी सफाई से इनकार
नहीं हैं कोई बहुत बड़ा उपकार
बस करना हैं जीवन में बदलाव
शहर को मानकर घर अपना
निर्मल स्वच्छ हैं उसे भी रखना
कूड़े दान में फेंको कूड़ा
हर जगह ना फेंको पुड़ा
थूकने को नहीं हैं धरती मैया
बदलो अपनी आदत भैया
न करो किसी पड़ौसी का इंतजार
देश हैं सबका बढ़ाओ स्वच्छता अभियान