“विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष लेख’’ आदिवासी समुदाय को जल, जंगल और जमीन से जोड़ने की सार्थक पहल

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रायपुर। मूलनिवासियों को हक दिलाने और उनकी समस्याओं का समाधान, भाषा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 9 अगस्त 1994 को जेनेवा शहर में विश्व के मूलनिवासी प्रतिनिधियों का ’प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस’ सम्मेलन आयोजित किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने व्यापक चर्चा के बाद 21 दिसम्बर 1994 से 20 दिसम्बर 2004 तक ’’प्रथम मूलनिवासी दशक’’ और प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मूल निवासी दिवस (विश्व आदिवासी दिवस) मनाने का फैसला लिया और विश्व के सभी देशों को मनाने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ में…

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छग में गोबर खरीदी: आर्थिक नवाचार या राजनीतिक ‘अवशेष’वाद’…!

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योजना डेस्क। यकीनन छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला गोबर को प्रतिष्ठा दिलाने वाला है। वरना ‘पंच गव्य’ का यह पांचवा तत्व आर्थिक रूप से भी उपेक्षित ही रहा है। बावजूद इसके कि गाय बराबर गोबर कर रही हैं। लेकिन किसी सरकार का ध्यान इस बात पर गंभीरता से नहीं गया कि गोबर गोपालक के साथ-साथ सरकार की माली हालत को भी बदल सकता है। यह पहल इसलिए भी अनूठी है, क्योंकि कोरोना काल में मप्र सहित देश की कई राज्य सरकारों ने शराब को ही आर्थिक वैतरणी माना हुआ था।…

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