विशेष लेख : गरीबों का इलाज हुआ आसान : मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना बनी वरदान, दस माह में 8 लाख से अधिक मरीजों का हुआ उपचार

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मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्लम बस्तियों में बढ़ती आमद और स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन ऐसे गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान बन गये है जो बीमार होकर भी अस्पताल नहीं जा पाते थे। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ गरीबों का त्वरित इलाज कर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदम का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना गरीब परिवारों का दिल जीत रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के…

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यह पकवान है छत्तीसगढ़ की शान, स्वाद और मिठास है इसकी पहचान, गढ़कलेवा में घुलने लगी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के स्वाद की मिठास

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रायपुर। जिस तरह गीत के साथ संगीत का, सुर के साथ ताल का, ध्वनि के साथ तरंग का तालमेल होता है और इनकी जुगलबंदी सबकों मंत्र-मुग्ध कर देती है, ठीक उसी तरह ही छत्तीसगढ़ का व्यंजन है ,जो बनाने वाले के अदभुत पारम्परिक पाककला के साथ उनकी मीठी और भोली बोली के चाशनी में डूबकर आपकों गढ़ कलेवा में कुछ इस तरह मिलेगी कि आप इसे खाते ही कहेंगे…वाह मजा आ गया….। निश्चित ही स्वाद के साथ मिठास भी आपको मिलेगा और एक बार खाने के बाद बार-बार खाने के…

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“विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष लेख’’ आदिवासी समुदाय को जल, जंगल और जमीन से जोड़ने की सार्थक पहल

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रायपुर। मूलनिवासियों को हक दिलाने और उनकी समस्याओं का समाधान, भाषा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 9 अगस्त 1994 को जेनेवा शहर में विश्व के मूलनिवासी प्रतिनिधियों का ’प्रथम अंतर्राष्ट्रीय मूलनिवासी दिवस’ सम्मेलन आयोजित किया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने व्यापक चर्चा के बाद 21 दिसम्बर 1994 से 20 दिसम्बर 2004 तक ’’प्रथम मूलनिवासी दशक’’ और प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मूल निवासी दिवस (विश्व आदिवासी दिवस) मनाने का फैसला लिया और विश्व के सभी देशों को मनाने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ में…

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छग में गोबर खरीदी: आर्थिक नवाचार या राजनीतिक ‘अवशेष’वाद’…!

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योजना डेस्क। यकीनन छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला गोबर को प्रतिष्ठा दिलाने वाला है। वरना ‘पंच गव्य’ का यह पांचवा तत्व आर्थिक रूप से भी उपेक्षित ही रहा है। बावजूद इसके कि गाय बराबर गोबर कर रही हैं। लेकिन किसी सरकार का ध्यान इस बात पर गंभीरता से नहीं गया कि गोबर गोपालक के साथ-साथ सरकार की माली हालत को भी बदल सकता है। यह पहल इसलिए भी अनूठी है, क्योंकि कोरोना काल में मप्र सहित देश की कई राज्य सरकारों ने शराब को ही आर्थिक वैतरणी माना हुआ था।…

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ममता-मोदी की तकरार में पिस रहे 70 लाख किसान नहीं मिला रहा PM- किसान सम्मान निधि योजना का लाभ

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना PM- किसान सम्मान निधि का लाभ देशभर के किसान उठा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान इस लाभ से वंचित हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस योजना पर आपत्ति के कारण प्रदेश में यह योजना अब तक लागू नहीं हो पाई है। आरंभ में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी PM- किसान योजना के आलोचक थे, मगर बाद में उन्होंने अपना विचार बदला और PM- किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को लाभ दिलाने के…

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पौनी पसारी : परम्परागत व्यवसायों को नया जीवन देने की पहल

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रायपुर। पौनी पसारी का नाम सुनते ही आज के पढ़े लिखे नौजवानों को अचरज होता है लेकिन यह हमारी छत्तीसगढ़ी सभ्यता और संस्कृति से जुड़ा शब्द है। इसका संबंध परम्परागत रूप से व्यवसाय से जुड़े लोगों को नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराने से था। बदलती हुई परिस्थितियों में जब गांवों ने नगरों का स्वरूप लिया तो इन कार्यों से जुड़े लोगों के लिए हर घर में जाकर सुविधा देने में दिक्कत होने लगी तब उनके लिए एक व्यवस्थित बाजार की कल्पना हुई। वर्तमान समय में युवाओं को रोजगार दिलाने…

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पूरा देश साल में सिर्फ एक दिन 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाता है, लेकिन बॉलीवुड हर हफ्ते हिन्दी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाता है

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हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी को लेकर विशेष चर्चा होती है। नगरों-महानगरों में हिन्दी के विद्वान इक्कठा होते हैं और इसकी दशा-दूर्दशा पर घंटों बहस चलती है। हिन्दी के उत्थान के लिए कई योजनाएं बनती हैं। लेकिन कितनी धरातल पर उतर पाती हैं, इसका हिसाब लगा पाना मुश्किल है। लेकिन जैसा हम सभी हर दिन देखते-समझते है, उसके आधार पर मैं कह सकता हूं कि हिन्दी की दशा दयनीय नहीं है, अगर इसकी समानता इंग्लिश या किसी अन्य भाषा से ना करें तो। क्योंकि…

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