प्रधानमंत्री आवास योजना, इंदिरा आवास योजना का ही परिष्कृत रूप है। जिसके अंतर्गत सितंबर 2016 में इंदिरा आवास योजना के तहत मिलने वाली धनराशि में भारी बढ़ोत्तरी करके उसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया।
प्रधानमंत्री आवास योजना, केंद्र सरकार की एक योजना है, जिसके तहत बीपीएल और अल्प आय वर्ग के लोगों को अपना घर बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें अनुपातिक आधार पर वित्तीय और अन्य मदद प्रदान करती हैं। यह योजना ग्रामीण और शहरी इलाकों में अलग-अलग शर्तों के मुताबिक चलाई जा रही है। इस योजना की शुरुआत तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वित्त वर्ष 1985-86 में शुरू की गई थी। फिलवक्त नरेंद्र मोदी की सरकार में यह योजना कई अतिरिक्त सुविधाओं के साथ चलाई जा रही है, जिससे बेघर लोगों में एक नई उम्मीद जगी है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना, इंदिरा आवास योजना का ही परिष्कृत रूप है। जिसके अंतर्गत सितंबर 2016 में इंदिरा आवास योजना के तहत मिलने वाली धनराशि में भारी बढ़ोत्तरी करके उसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया। साथ ही, इसके तहत बीपीएल परिवारों को मिलने वाली आर्थिक मदद को 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 70 हजार रुपये कर दिया गया।
वास्तव में, यह एक केंद्र प्रायोजित आवास निर्माण योजना है, जिसका वित्तपोषण केंद्र और राज्यों के बीच 75:25 के अनुपात में किया जाता है। हालांकि, उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए केंद्र-राज्य वित्त अनुपात 90:10 है। संघ शासित प्रदेशों के लिए यह योजना शत प्रतिशत केंद्र प्रायोजित है। बता दें कि 1985-86 से प्रारंभ इस योजना का पुनर्गठन 1990-2000 में किया गया था, जिसके अंतर्गत गांवों में गरीबों के लिए मुफ़्त में मकानों का निर्माण किया जाता है।
वर्तमान में ग्रामीण परिवारों को मकान निर्माण के लिए 70 हजार की धनराशि दी जाती है। जबकि, संकटग्रस्त क्षेत्रों में यह राशि लगभग 74 हजार नियत की गयी है। यह योजना केवल गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले (बीपीएल) परिवारों के लिए हैं। इसके तहत धनराशि घर की किसी महिला के नाम पर ही निर्गत की जाती है। भारत निर्माण के अंतर्गत चल रही प्रधानमंत्री आवास योजना पर प्रतिवर्ष हजारों करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की जाती है।
जहां तक प्रधानमंत्री आवास योजना नगरीय की बात है, तो यह बताना समीचीन होगा कि प्रधानमंत्री आवास योजना नगरीय, भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाते हैं। इसके तहत सरकार ने 9 राज्यों के 305 नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है जिनमें ये घर बनाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना नगरीय, केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से अलग हटकर एक संचालित योजना है, जिसका शुभारम्भ 25 जून, 2015 को हुआ। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है। इसके लिए सरकार 20 लाख घरों का निर्माण करवाएगी, जिनमें से 18 लाख घर झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में बन रहे हैं, जबकि बाकि 2 लाख घरों का निर्माण शहरों के गरीब इलाकों में किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने इस योजना को 3 फेज में विभाजित किया है, जिसके तहत पहला फेज अप्रैल 2015 को शुरू किया गया था और जिसे मार्च 2017 में समाप्त कर दिया गया। इसके अंतर्गत 100 से भी अधिक शहरों में घरों का निर्माण हुआ है। वहीं, दूसरा फेज अप्रैल 2017 से शुरू हुआ, जो मार्च 2019 में पूरा हो गया। इसमें सरकार ने 200 से ज्यादा शहरों में मकान बनाने का कार्य किया है। वहीं, तीसरा और अंतिम फेज अप्रैल 2019 में शुरू किया गया है, जो मार्च 2022 में समाप्त किया जाएगा। इस दौरान बाकी बचे हुए लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
इस योजना की कुछ खास विशेषताएं हैं, जिसके तहत मिलने वाली राशि और सब्सिडी राशि डायरेक्ट उम्मीदवार के बैंक खाते में आएगी, जोकि आधार कार्ड से लिंक होगा, ताकि उसे इसका सम्पूर्ण फायदा मिल सके। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले पक्के मकान 25 वर्ग मीटर (लगभग 270 वर्ग फिट) के होंगे, जोकि पहले से बढ़ा दिए गए हैं। बता दें कि पहले इनका आकार 20 वर्ग मीटर (लगभग 215 वर्ग फिट) तय किया गया था। इसके अतिरिक्त, इस योजना में लगने वाला खर्चा केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा मिलकर किया जायेगा। मैदानी क्षेत्रों में इस शेयर की जाने वाली राशि का अनुपात 60:40 होगा।वहीं, उत्तर-पूर्व और हिमालय वाले तीन राज्यों- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में यह अनुपात 90:10 होगा।
खास बात यह कि प्रधानमंत्री आवास योजना को स्वच्छ भारत योजना से भी जोड़ा गया है, जिसके अंतर्गत बनने वाले शौचालय के लिए स्वच्छ भारत योजना के तहत 12,000 रूपए अलग से आवंटित किये जायेंगे। यही नहीं, इस योजना के तहत यदि लाभार्थी चाहे तो 70 हजार रुपये का लोन भी ले सकता है, जोकि बिना ब्याज के होगा। इसे क़िस्त रूप में पुनः भरना होगा जोकि उसे विभिन्न फाइनेंसियल इंस्टिट्यूट से अप्लाई करके लेना होगा। शहरी क्षेत्र में उम्मीदवार 70 हजार से अधिक लोन ले सकता है, जोकि बहुत ही काम ब्याज दरों पर उपलब्ध होगा। लोन केटेगरी एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी केटेगरी के हिसाब से मिलेगी।
बता दें कि इस योजना के तहत लाभार्थी को संपूर्ण सुविधा जैसे टॉयलेट, पीने का पानी, बिजली, सफाई, खाना बनाने के लिए धुआं रहित ईंधन, सोशल और तरल अपशिष्टों से निपटने के लिए इस योजना को अन्य योजनाओं से जोड़ा भी गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना की कुछ खास विशेषताएं
शहरी इलाके में ”सभी के लिए घर” मिशन के तहत कार्यकारी एजेंसियों को केंद्रीय सहायता प्रदान करने के लिए मिशन को 17 जून 2015 से प्रभावी कर दिया गया है। इस मिशन के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम प्रस्तुत की जा रही है, जिसके मुताबिक मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) को घर बनाने या अधिग्रहण (दोबारा खरीदने) के लिए लिए हाउसिंग लोन के ब्याज़ दर पर सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और कम आय वाले वर्ग (एलआईजी) को घर के निर्माण या अधिग्रहण के लिए हाउसिंग लोन के ब्याज़ पर सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, इन्क्रीमेंटल हाउसिंग के रूप में वर्तमान निवास स्थान में नए निर्माण और अतिरिक्त कमरे, रसोई घर, शौचालय आदि के लिए भी होम लोन पर क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी का लाभ उपलब्ध होगा।
इस योजना कि खास बात यह कि ब्याज़ सब्सिडी का लाभ बकाया मूल राशि पर पहले मिलेगा। ब्याज़ सब्सिडी की उपलब्धता और राशि, स्कीम के तहत विभिन्न कैटेगरी के आय मानदंडों की पूर्ति के अधीन है। इस योजना के अंतर्गत होम लोन लेने पर ब्याज़ पर 2.67 लाख रुपये तक की बचत करें और 3.5 करोड़ तक के होम लोन शीघ्र पाएं।
इस योजना के तहत एक लाभार्थी परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बेटे या अविवाहित बेटियां शामिल होंगी। कमाई करने वाले व्यक्ति (चाहे वैवाहिक स्थिति कुछ भी हो) को एक अलग हाउसहोल्ड के रूप में माना जा सकता है। इसके तहत घर की गुणवत्ता और फ्लैट निर्माण राष्ट्रीय भवन संहिता, बीआईएस कोड और एनडीएमए दिशानिर्देशों के अनुसार होगी। बिल्डिंग डिज़ाइन के लिए अप्रूवल अनिवार्य है।
भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की स्कीम महंगे रियल स्टेट सेक्टर की अपेक्षा सस्ते घरों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरु की गई थी। इस स्कीम का लक्ष्य, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 31 मार्च 2022 तक देश भर में 20 मिलियन घरों का निर्माण करके “सबके लिए घर” के अपने उद्देश्य को प्राप्त करना है। क्षेत्रों की आवश्यकताओं के आधार पर, इस योजना को दो भागों में बांटा गया है- शहरी और ग्रामीण।
पहला, प्रधानमंत्री आवास योजना अर्बन (नगरीय) की इस स्कीम के अंतर्गत लगभग 4,331 कस्बे और शहर हैं, जिसमें शहरी विकास प्राधिकरण, विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण, औद्योगिक विकास प्राधिकरण, विकास क्षेत्र, अधिसूचित योजना, और शहरी प्राधिकरण और नियमों के लिए उत्तरदायी सभी अन्य प्राधिकरण शामिल हैं। आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 1 जुलाई 2019 तक, सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में इस योजना की प्रगति इस प्रकार है:- स्वीकृत घर- 83.63 लाख, पूरे हो चुके मकान- 26.08 लाख और अधिगृहीत मकान- 23.97 लाख। वहीं, सामान्य डेटा के अनुसार, इन्वेस्ट की जाने वाली कुल राशि रु. 4,95,838 करोड़ है, जिसमें से रु. 51,414.5 करोड़ की धनराशि पहले ही जारी की जा चुकी है।
दूसरा, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण जिसको पहले इंदिरा आवास योजना कहा जाता था, का मार्च 2016 में नाम बदल दिया गया। इसका लक्ष्य दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर पूरे ग्रामीण भारत के लिए किफायती और सुगम हाउसिंग को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य बेघरों को फाइनेंशियल सहायता और पुराने घरों में रहने वालों को पक्के घरों के निर्माण में सहायता प्रदान करना है। इसके तहत मैदानी इलाकों में रहने वाले लाभार्थी 1.2 लाख रुपए तक प्राप्त कर सकते हैं और उत्तर-पूर्वी, पहाड़ी क्षेत्रों, इंटीग्रेटेड ऐक्शन प्लान और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लाभार्थी 1.3 लाख रुपए तक का लाभ उठा सकते हैं। वर्तमान में ग्रामीण विकास मंत्रालय से उपलब्ध डेटा के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,03,01,107 मकानों को स्वीकृति दी जा चुकी है।
इस स्कीम के लाभार्थियों की पहचान सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) से उपलब्ध डेटा के अनुसार की जाएगी, जिसमें शामिल होंगे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, गैर एससी-एसटी और बीपीएल में आने वाले अल्पसंख्यक, स्वतंत्र बंधुआ मजदूर, अर्धसैनिक बलों के परिजन, विधवाएं तथा ऐक्शन में मारे गए व्यक्ति, पूर्व सैनिक और रिटायरमेंट स्कीम के अंतर्गत आने वाले व्यक्ति शामिल हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए कौन-कौन से लोग पात्र हैं?
इस योजना के लिए निम्न व्यक्ति और परिवार पात्र हैं:-
- पहला, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) जिनकी आय मात्र 3 लाख रुपए वार्षिक हो।
- दूसरा, निम्न आय वर्ग (एलआईजी) जिनकी आय 3 लाख रुपये से लेकर 6 लाख रुपये तक वार्षिक हो।
- तीसरा, मध्यम आय वर्ग एक (एमआईजी वन) जिनकी आय 6 लाख रुपए से लेकर 12 लाख रुपये तक वार्षिक हो।
- चौथा, मध्यम आय वर्ग द्वितीय (एमआईजी टू) जिनकी आय 6 लाख रुपए से लेकर 12 लाख रुपए तक वार्षिक हो। महिलाएं जो ईडब्ल्यूएस और एलआईजी कैटेगरी से संबंधित हैं।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग के अतिरिक्त, लाभार्थी निम्नलिखित कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करके इस स्कीम का लाभ उठा सकते हैं:- प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता को पूरा करने के लिए उसके पास अपना घर नहीं होना चाहिए। व्यक्ति ने राज्य या केंद्र सरकार की किसी अन्य हाउसिंग स्कीम का लाभ न लिया हो।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए अप्लाई कैसे करें?
लाभार्थी निम्न माध्यम से इस स्कीम के लिए अप्लाई कर सकते हैं:- पहला, ऑनलाइन: इस तरह से अप्लाई करने के लिए व्यक्ति स्कीम की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकता है। हालांकि, अप्लाई करने के लिए उनके पास मान्य आधार कार्ड होना चाहिए। दूसरा, ऑफलाइन: लाभार्थी कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से उपलब्ध फॉर्म भरकर स्कीम के लिए ऑफलाइन अप्लाई कर सकता है। इन फार्म का मूल्य रु. 25 + जीएसटी है।
मौजूदा होम लोन उधारकर्ता भी उठा सकते हैं इस योजना का लाभ
सवाल कि क्या प्रधानमंत्री आवास योजना मौजूदा होम लोन उधारकर्ताओं के लिए उपलब्ध है? तो जवाब होगा कि मौजूदा होम लोन लेने वाले भी इस स्कीम के लिए पात्र हैं, बशर्ते कि वे संबंधित पात्रता मानदंडों को पूरा करते हों।
इस बात में कोई दो राय नहीं कि प्रधानमंत्री आवास योजना ने किफायती हाउसिंग स्कीम प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस स्कीम की भूमिका केवल हाउसिंग को फाइनेंशियल स्थिरता के बावजूद सस्ता और किफायती बनाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने रियल एस्टेट सेक्टर में रोजगार के पर्याप्त अवसर भी पैदा किए हैं। इस स्कीम में, रेरा के शामिल होने के साथ, पूरे देश में लगभग 6.07 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, जो बड़ी बात है।