इस सृष्टि में सभी चीजे गतिमान हैं। निष्क्रिय वस्तु का जिन्दगी से ताल्लुक नहीं होता है। ठीक इसी तरह धन या मूल्यवान धातु तभी तक मूल्यवान रहती है। जब तक वह बाज़ार में चलन में रहती है। इन्हीं मूल्यवान धन के बदौलत किसी भी देश की इकनोमिक पॉवर का अंदाजा लगाया जाता है। मूल्यवान वस्तुओं को तिजोरी में रखने से वह धन निष्क्रिय हो जाती है। ऐसा हीं मूल्यवान धातु है सोना जिसका उपयोग गहनों के लिए किया जाता है। किन्तु जरुरत से ज्यादा गहने बनवा कर इस मूल्यवान धातु को तिजोरी में रखने से देश के इकनोमिक ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है।
एक अनुमान के अनुसार देश भर में 20 हज़ार टन सोना चलन से बाहर लोगों की तिजोरी में जब्त है। इस सोने के बड़े भाग को देश के विकास में लगाने के लिए हीं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गोल्ड मोनेटाईजेशन योजना की घोषणा वर्ष 2015 में किया गया था। रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा स्वर्ण मुद्रीकरण योजना के लिए मानदंड जारी कर दिया गया है। आइये जाने इस योजना की जानकारी।
गोल्ड मोनेटाईजेशन योजना क्या है।
इस योजना के तहत कोई भी भारत का नागरिक अपना सोना बैंक में जमा कर सकता है। उसके बदले में बैंक आपको निर्धारित दर के अनुसार ब्याज देगी। इस योजना के अनुसार नागरिक शोर्ट टर्म डिपाजिट, मीडियम टर्म डिपाजिट एवं लॉन्ग टर्म डिपाजिट कर सकेंगे। निर्धारित अवधि से पहले पैसा निकालने पर जुर्माना भरना होगा। डिपाजिट की मच्योरिटी पूरी होने पर लोगों के पास पैसा या सोना लेने का विकल्प होगा। सोने के बदले पैसा प्राप्त करना हीं गोल्ड मोनेटाईजेशन है।
गोल्ड मोनेटाईजेशन योजना शुरू की जाने वाली तिथी :
सरकार ने इस साल बजट मे गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम योजना की घोषणा की थी। यह योजना गोल्ड डिपाजिट स्कीम के स्थान पर शुरू की गई हैं । इसमें कई संशोधन किये गये हैं जिसके बाद गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम की घोषणा की गई थी और अब 5 नवंबर 2015 को यह योजना लागु की जा रही हैं ।
गोल्ड मोनेटाईजेशन योजना के अंतर्गत आने वाली शर्ते :
- योजना का मूल रूप : अगर कोई व्यक्ति इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसे कम से कम 30 ग्राम सोना जमा करना होगा। इस योजना के अंतर्गत अधिक्तम सोने की मात्रा का निर्धारण नही किया गया हैं । अर्थात जमाकर्ता 30 ग्राम से लेकर अपनी इच्छानुसार सोना जमा कर सकता हैं ।इस सोने के एवज में बैंक द्वारा ग्राहक को ब्याज दिया जायेगा । इस स्वर्ण जमा खाते पर वही नियम लागू होंगे जो सामान्यतः किसी जमा खाते पर होते हैं ।
- योजना के तहत शर्ते : सोना जमा करने की अवधि कम से कम 1 साल होनी चाहिए । एक साल से कम अवधि के लिए सोना जमा नहीं किया जा सकता ।
- जमा किया जाने वाला सोना ज्वेलरी, सिक्के, बिस्किट किसी भी रूप मे हो सकता है।
- गोल्ड मोनेटाईजेशन स्कीम का फायदा कोई भी भारतीय मूल का व्यक्ति का उठा सकता हैं ।
- ब्याज संबंधी शर्ते : ब्याज का मूल्यांकन सोने के रूप मे किया जाएगा। मतलब ग्राहक यदि 100 ग्राम सोना जमा करता है तो बैंक उसे 5 प्रतिशत ब्याज देता है तथा समय पूरा होने पर ग्राहक के खाते मे 105 ग्राम सोना होगा। ग्राहक चाहे तो 105 ग्राम सोना ले सकता है लेकिन वही सोना नहीं मिलेगा जो ग्राहक के द्वारा जमा किया गया था।
- सोना जमा करने के बाद ब्याज उस दिन से शुरू होगा जब सोने की पूरी तरह जांच हो जाने पर उसे प्रमाणित किया जा चूका होगा । इसके लिए 30 दिन की अवधि दी गई हैं ।
- इसमे ब्याज दर बैंक अपने हिसाब से तय करेगी तथा आप यह ब्याज नगद तथा सोने दोनों के रूप मे ले सकते है परंतु यह सोना जमा करते वक़्त तय करना होगा की आप ब्याज किस रूप मे लेना चाहते है। तथा आप इसे एफ़डी की ही तरह समय से पहले ही तोड़ भी सकते है।
- सोना संबंधी शर्ते : यू तो सोना 20, 22 तथा 24 कैरेट का होता है ऐसे मे सवाल यह उठता है की इसकी कीमत कैसे तय होगी। देश मे मानक ब्यूरो द्वारा मान्यता प्राप्त 350 होलमार्क केंद्र है । जहाँ से ही सोने की शुद्धता की जाच करवानी होगी। तथा इन केन्द्रो से प्राप्त सर्टिफिकेट के आधार पर ही सोना बैंको मे रखा जाएगा।
- जमा कार्ता द्वारा जमा किये गये सोने का परिक्षण किया जायेगा । प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही जमा कर्ता इस योजना का लाभ उठा सकेंगे ।
इसके अलावा अगर कोई मेच्युरिटी टाइम के पहले इसे बंद करना चाहता हैं तो इसके लिये सभी बैंक में अपने हिसाब से शर्ते बनाई गई हैं ।
इस योजना के सरकार व बैंको को फायदे
- माना जा रहा है कि घरो तथा अन्य संस्थानो मे करीब 20 हजार टन सोना पड़ा हुआ है जिसकी कीमत करीब 60 लाख करोड़ रूपये है। अगर यह सोना बैंको के पास आता है तो बाजार मे लिक्विडिटी बढ़ेगी ।
- सोने की खपत सबसे ज्यादा भारत मे होती है। हर साल 800 से 1000 टन सोना आयात किया जाता है। आयात कम होगा तो विदेशी मुद्रा बचेगी ।
- बैंक विदेशी मुद्रा के लिए ये सोना बेच सकेगी। मिली विदेशी मुद्रा से कर्ज दे सकेंगे। तथा बैंक इनके सिक्के बनाकर अन्य ग्राहको को भी बेच सकती है। कमोडिटी एक्स्चेंज पर ट्रेडिंग भी हो सकती है।
कितनी अवधि के लिए जमा होगा सोना
- सोने को आप न्यूनतम एक साल तो अधिकतम 15 साल तक जमा रख सकते हैं।
- शार्ट टर्म के लिए आपको सोना एक से तीन साल के रखना होगा।
- मीडियम टर्म की अवधि 5 से 7 वर्ष होगी।
- लांग टर्म स्कीम के तहत आप सोने को 12 से 15 साल तक के लिए जमा कर सकते हैं। वैसे अधिकतम की कोई सीमा नहीं है। आप चाहें तो सोने को उम्र भर के लिए बैंको को दे सकते हैं।
- आप सोने को जितने अधिक समय के लिए जमा करेंगे, उतना अधिक लाभ मिलेगा। मान लीजिए आपने सोने को 15 साल के लिए जमा किया है तो यह आपको 75 प्रतिशत बढ़कर मिलेगा।
- अगर आप ब्याज के पैसे को कैश रूप में ले लेते हैं तो भी आपको असल सोना वापस मिलेगा। 15 साल में सोने की कीमत कहां पर पहुंचेगी, इसका अंदाजा आप लगा ही सकते हैं। सोने की कीमत तो बढ़ेगी, इस पर से ब्याज पर आप अलग से कमाई कर लेंगे। यानि डबल फायदा।
गोल्ड मोनेटाइजेशन के नुकसान
- आप और हम कभी सोने को शुद्ध रूप में नहीं खरीदते हैं। सोने को हमेशा ज्वैलरी के रूप में लिया जाता है। इसमें शुद्ध सोने की मात्रा कम होती है। इसमें सोना 18, 20 या 22 कैरेट ही होता है। ज्वैलरी बनवाने के लिए आपको मेकिंग चार्ज अलग से देना पड़ता है। ऐसे में जब सोने को गलाया जाएगा तो उसमें से दूसरे मैटल निकाले जाएंगे। इससे सोने की मात्रा कम हो जाएगी और आपने जो मेकिंग चार्ज दिया है, वह भी डूब जाएगा।
- अगर आपके पास पुश्तैनी ज्वैलरी है तो वह खत्म हो जाएगी। आपका सोना शुद्ध रूप में आ जाएगा। मतलब यह है कि पुरानी यादें मिट जाएंगी। फिर आप यह नहीं बता सकेंगे यह अंगूठी, चेन दादा या दादी ने दी है।
- बैंक आपको अधिकतम 5 प्रतिशत तक ब्याज देंगे। ब्याज की दर बाजार के मौजूदा हाल पर निर्भर करेगी। ब्याज दर एफडी की तुलना में कम है लेकिन बचत खाते से ज्यादा है।
- इस योजना में शामिल होने के लिए आपके पास कम से 30 ग्राम सोना होना चाहिए। इसका मतलब है कि जिनके पास इससे कम सोना है, वे इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते।
गोल्ड मोनेटाईजेशन लाभ एवं हानी
क्र. | लाभ | हानि |
1 | इस योजना के तहत गोल्ड जमा करने पर धारक को ब्याज मिलता हैं । | इस योजना के तहत गोल्ड जमा करने पर आपका सोना उपयोग में ले लिया जायेगा । समयावधि पूरी होने पर अथवा आपके अनुसार जब भी आपको सोना चाहिये आपको सोना आपके मूर्त रूप में नही मिलेगा। |
2 | इससे व्यक्ति घर में पड़ा सोना उपयोग कर सकता हैं। | सोने की जाँच की जायेगी उसके अनुसार जितना सोना होगा उतना ही ब्याज मिलेगा। और कोई भी गोल्ड आभूषण में पूरा प्रतिशत सोना नही होता। इसका नुकसान धारक को हो सकता हैं। |
3 | इससे देश की अर्थ व्यवस्था में सुधार होगा। | इससे धारक को उतना भी ब्याज नहीं मिलेगा जितना उसे अन्य पालिसी के तहत मिलता हैं। |
4 | इस योजना के तहत देश में सोना आयात कम होगा | निर्यात भी करना संभव हो सकेगा। | इसमें व्यक्ति को अपने चहेते सोने के आभूषण का मोह छोड़ना होगा । |
5 | बैंक को भी इस योजना से फायदा होगा। | बैंक के द्वारा ब्याज दर लगाई जायेगी जो कम भी आँकी जा सकती हैं और कुछ बैंक में ब्याज के रूप में सोने के बदले पैसा ब्याज में दिया जा सकता हैं। |
6 | इस योजना के तहत अधिकतम की कोई सीमा नहीं हैं इसका फायदा ग्राहक को मिलेगा। | इस योजना के तहत न्यूनतम मात्रा फिक्स की गई हैं जिसके कारण कई लोग जिनके पास कम सोना हैं लेकिन वे इसमें इन्वेस्ट करना चाहते हैं स्वत: ही योजना से बाहर हो जायेंगे। इस कारण कुछ लोग चाहकर भी हिस्सा नहीं बन पायेंगे। |
यह सरकार द्वारा देश के लोगो को दिवाली का एक बहुत बेहतर गिफ्ट साबित होगा इस योजना का हिस्सा बनकर आप अपने साथ देश के विकास में भी योगदान देंगे ऐसा अवसर आपको गँवाना नहीं चाहिये । Gold monetization scheme Yojana गोल्ड मोनेटाईज़ेशन स्कीम के बारे में पढ़ने से आपको हेल्प मिली हैं तब कमेंट करें ।