रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप 2 अक्टूबर से रायपुर जिले सहित पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण योजना प्रारंभ की गई हैै। इस अभियान को गति देने और एक आधार कायम करने की दृष्टि से रायपुर जिले में करीब 2 माह पूर्व पायलेट प्रोजेक्ट “सुपर-40“ के नाम से विशेष पहल भी प्रारंभ की गई थी। इस अभियान और पहल के परिणाम अब स्वस्थ और सुपोषित बच्चों के रूप में दिखने लगे है।
पायलेट प्रोजेक्ट “सुपर-40“ केे लिए मांढर की अति गंभीर कुपोषित नन्हीं बालिका लवन्या साहू का चयन किया गया और छः माह के भीतर उसे सामान्य श्रेणी की बालिका बनाने के प्रयास शुरू किये गए। उस समय 8 अगस्त 2019 को लवन्या का वजन 6.9 किग्रा. था। मांढर के स्वास्थ्य केन्द्र में पर्यवेक्षक रेखा राजपूत द्वारा बाल संदर्भ मेलेें में उसका स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाईयां उपलब्ध कराई गई। सुपर-40 में निर्धारित मेन्यू के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मालती गोस्वामी द्वारा नियमित रूप से अण्डा, दूध, केला, टानिक का सेवन कराया गया। उसे निर्धारित मात्रा के अनुसार रेडी टू ईट फूड सेवन कराने को भी कहा गया। लवन्या के माता-पिता और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता के संबंध में सलाह देकर व्यवहार परिवर्तन का प्रयास किया गया। एक दिन में 4 से 5 बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में लवन्या को भोजन कराने और स्तनपान जारी रखने की सलाह दी गई। हर सप्ताह उसका वजन कर माॅनीटिरिंग शुरू की गई।
लवन्या के नियमित देखभाल से मात्र एक माह में उसके वजन में करीब आधा किलो की वृध्दि हुई और वह मध्यम श्रेेणी के कुपोषण में आ गई। लवन्या को दस्त की शिकायत होने पर बाल गोपाल हाॅस्पिटल रायपुर में शिशु रोग विशेषज्ञ के पास स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाईयां भी उपलब्ध कराई गई और उसका पूर्व की तरह सुपोषित आहार जारी रखा गया। 21 अक्टूबर 2019 की स्थिति में अब लवन्या का वजन 900 ग्राम बढ़कर 7.8 किग्रा. हो गया और अब वह सामान्य श्रेणी के बच्चों की श्रेणी में आ गई है।
उल्लेखनीय है कि रायपुर जिले में कलेक्टर डॉ. भारतीदासन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव कुमार सिंह द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग और रायपुर जिले के सेवाभावी नागरिकों के सहयोग से पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जिले में चिन्हांकित 850 अति गंभीर कुपोषित बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने की कार्ययोजना बनाई गयी है।
’मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ के तहत रायपुर जिले के पंचायतों और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कुपोषित बच्चों और एनीमिक महिलाओं को गर्म और पौष्टिक भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है। इस अभियान के तहत आगामी तीन वर्ष में प्रदेश को कुपोषण और एनिमिया के कलंक से मुक्ति की रणनीति तैयार की गई है। इस रणनीति में 0 से 5 वर्ष के कुपोषित बच्चें, 15 से 49 वर्ष की कुपोषण और एनीमिया से पीड़ित महिलाओं को पंचायतों और महिला समूहों के माध्यम से पौष्टिक गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।