भारत सरकार राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले वृद्धों को लाभ पहुंचा रही है। इस योजना के तहत सरकार उन तमाम वृद्धों को, जो शारीरिक रूप से किसी तरह से भी अक्षम है, उन्हें सरकार की तरफ से मुफ्त व्हीलचेयर तथा अन्य सहायक उपकरण दिए जा रहे हैं। इस योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी जा रही है।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना की शुरुआत
यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही है। इसकी घोषणा देश के वित्तमंत्री अरुण जेटली जी द्वारा 2015 – 16 के आम बजट के दौरान की गई थी। आम बजट 2017 – 18 के आने के बाद एक – एक करके कई योजनाओं की शुरुआत की गई, उन्हीं में से एक योजना “राष्ट्रीय वयोश्री योजना” की शुरुआत आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर में 1 अप्रैल 2017 को की गयी। इस उदघाटन समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में ‘सोशल जस्टिस एंड एम्पोवेर्मेंट’ मंत्रालय के मंत्री श्री थावरचंद गहलोत मौजूद थे, जिन्होंने इस योजना का उद्घाटन किया।
इस योजना के लिए आंध्रप्रदेश के बाद लगातार हर राज्य के चयनित क्षेत्रों में इस तरह के कैंप आयोजित हो रहे हैं। अब तक यह योजना आध्रप्रदेश के अतिरिक्त मध्यप्रदेश के उज्जैन में और महाराष्ट्र में लागू हो गयी है। महाराष्ट्र में यह योजना 4 जून 2017 को शुरू की गई, जिसमे इस योजना के उदघाटन के लिए भी मंत्री श्री थावरचंद गहलोत उपस्थित थे।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना – उद्देश्य
राष्ट्रीय वयोश्री योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से पिछड़े समाज के वृद्ध लोगों को सक्रिय जीवन जीने के लिए सक्षम बनाना और वृद्ध-अनुकूल समाज बनाना है। इस योजना का उद्देश्य लोगों को जीवन सहायता उपकरण प्रदान करना है जिससे कि वो सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
वृद्धावस्था विकलांग जैसे कम दृष्टि, कम सुनना, दांतों की हानि और गतिरोध विकलांगता से ग्रस्त वरिष्ठ नागरिकों को राष्ट्रीय वयोश्री योजना के माध्यम से सहारा दिया जाएगा।
केंद्र सरकार ने प्रत्येक शिविर में कम से कम 2000 लाभार्थियों को मुफ्त सहायक उपकरणों को वितरण करने का लक्ष्य रखा है। उपकरणों के वितरण के लिए, सरकार पूरे वर्ष के लिए प्रत्येक राज्य के दो जिलों में शिविरों का आयोजन करेगी। सरकार ने राज्य सरकारों को इस योजना के लिए लाभार्थियों की पहचान करने के लिए कहा है। पहले दो कैंपों का आयोजन आंध्र प्रदेश के दो जिलों में किया जाएगा, जैसा कि नीचे दिया गया है।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना का लाभ उठाने के लिए योग्यता
- यह योजना, जैसा कि गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए है, अतः इसके लिए पंजीकरण कराते समय बीपीएल कार्ड की आवश्यकता पड़ेगी।
- इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकेंगे, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है। अतः लाभार्थी की उम्र किसी मान्य दस्तावेज़ के तहत 60 वर्ष की होनी चाहिए।
योजना के तहत निम्नलिखित उपकरणों को वृद्धावस्था लाभार्थियों को वितरित किया जाएगा
- कान की मशीन
- व्हीलचेयर
- वॉकर
- बैसाखी
- तिपाई चश्मा
- डेन्चर
- और अन्य कई उपकरण…
योजना की शुरूआत के बाद ही उपकरणों की पूरी सूची उपलब्ध होगी। इस योजना के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले उपकरण उच्च गुणवत्ता वाले होंगे और BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होंगे।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना का लाभ उठाने के लिए योग्यता
- यह योजना, जैसा कि गरीबी रेखा से नीचे वाले लोगों के लिए है, अतः इसके लिए पंजीकरण कराते समय बीपीएल कार्ड की आवश्यकता पड़ेगी।
- इस योजना का लाभ वही लोग उठा सकेंगे, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है। अतः लाभार्थी की उम्र किसी मान्य दस्तावेज़ के तहत 60 वर्ष की होनी चाहिए।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना से लाभ
इस योजना के तहत मिलने वाले सारे सामान मुफ्त दिए जायेंगे।
इस योजना के तहत पाए जाने वाले यंत्रों में :
- वाकिंग स्टिक
- एल्बो क्रचेस
- ट्राईपॉड्स
- क्वैडपोड
- श्रवण यन्त्र
- व्हीलचेयर
- कृत्रिम डेंचर्स
- स्पेक्टल्स
ये कृत्रिम उपकरणों की संख्या किसी परिवार में मौजूद वरिष्ठ नागरिकों की संख्या पर आश्रित होगी। यदि किसी परिवार में एक से अधिक लोग लाभार्थी हुए, तो यंत्रों की संख्या कम की जा सकती है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकें।
सरकार इस योजना के तहत कैंप लगवायेगी, जिसमे कई बड़े डॉक्टर्स भी मौजूद रहेंगे। ये डॉक्टर्स उन सभी लोगों का चेक अप करेंगे जो ये लाभ उठाना चाहते हैं। इन्ही डॉक्टर्स के चेक अप के बाद उन्हें डॉक्टर द्वारा निर्देशित मशीनें दी जायेंगी।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना के लिए चयनित क्षेत्र
राज्य/ केन्द्रशासित प्रदेश | जिले |
अंडमान और निकोबार | उत्तरी, मध्य तथा दक्षिणी अंडमान निकोबार |
आन्ध्र प्रदेश | विशाखापत्तनम |
अरुणाचल प्रदेश | पश्चिमी कमेंग / पसिंघट |
असम | कामरूप / सोनीपुर |
बिहार | बक्सर / पश्चिमी चंपारण |
चंडीगढ़ | चंडीगढ़ |
छत्तीसगढ़ | रायपुर |
दादरा और नागर हवेली | दादरा और नागर हवेली |
दमन और दिउ | दमन और दिउ |
गोवा | उत्तरी गोवा / दक्षिणी गोवा |
गुजरात | वड़ोदरा / अहमदाबाद |
हरयाणा | करनाल |
हिमाचल प्रदेश | शिमला / हमीरपुर |
जम्मू और कश्मीर | श्रीनगर / लखीमपुर |
झारखण्ड | गुमला / रांची |
कर्नाटक | दक्षिण बंगलोर / धारवाड़ |
केरल | कोच्ची / थिरुवानंथपुरम |
मध्यप्रदेश | खंडवा / उज्जैन |
महाराष्ट्र | नागपुर / धुले |
दिल्ली | करोल बाग़ / चांदनी चौक |
ओड़िसा | सुंदरगढ़ / अंगुल |
पंजाब | गुरदासपुर / होशियारपुर |
राजस्थान | झालावार / बीकानेर |
तमिलनाडु | कन्याकुमारी / दक्षिणी चेन्नई |
तेलंगाना | हैदराबाद / करीमनगर |
उत्तरप्रदेश | लखनऊ / वाराणसी |
उत्तराखंड | हरिद्वार / अल्मोरा |
पश्चिम बंगाल | आसनसोल / दार्जीलिंग |
मणिपुर | पूर्वी इम्फाली / दक्षिणी इम्फाल |
मेघालय | पूर्वी जैंतिया पहाड़ी / री भोई |
मिजोरम | ऐजवल / चम्फाई |
नागालैंड | दीमापुर / कोहिमा |
त्रिपुरा | उनोकोटी / धलाई |
लक्षद्वीप | लक्षद्वीप |
पुदुचेर्री | ओरुकला / करैकल |
सिक्किम | पूर्वी सिक्किम / दक्षिण सिक्किम |
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- योग्य वरिष्ठ नागरिकों को उनकी विकलांगता/दुर्बलता के अनुरूप निःशुल्क उपकरणों का वितरण किया जाएगा। एक ही व्यक्ति में अनेक विकलांगता/दुर्बलता पाए जाने की स्थिति में, प्रत्येक विकलांगता/दुर्बलता के लिये अलग-अलग उपकरण प्रदान किये जाएंगे।
- ये उपकरण वरिष्ठ नागरिकों को आयु संबंधी शारीरिक दिक्कतों से निपटने में मदद करेंगे और परिवार के अन्य सदस्यों के ऊपर उनकी निर्भरता को कम करते हुए उन्हें बेहतर जीवन जीने का अवसर देंगे।
- योजना को भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (सामाजिक अधिकारिता एवं न्याय मंत्रालय के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम) नामक एकमात्र कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा लागू किया जाएगा।
- भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम बुज़ुर्गों को दी जाने वाली इस सहायता एवं सामान्य जीवन जीने के लिये आवश्यक उपकरणों की एक वर्ष तक निःशुल्क देखरेख करेगा।
- प्रत्येक ज़िले में लाभार्थियों की पहचान राज्य/केन्द्रशासित प्रदेशों के प्रशासनों द्वारा उपायुक्त/ज़िलाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी के ज़रिये की जाएगी। उल्लेखनीय है कि जहाँ तक संभव होगा, प्रत्येक ज़िले में 30 फीसद बुज़ुर्ग महिलाओं को लाभार्थी बनाने का प्रयास किया जाएगा।
- बीपीएल श्रेणी के बुज़र्गों की पहचान करने के लिये राज्य सरकार, केन्द्रशासित प्रदेश या ज़िलास्तरीय कमेटी, एनएएसपी अथवा किसी अन्य योजना के अंतर्गत वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त कर रहे बीपीएल लाभार्थियों के आँकड़े एवं जानकारियों का उपयोग कर सकते हैं।
- इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिये आगामी तीन वर्षों (वित्तीय वर्ष 2019-20 तक) के लिये अनुमानित वित्तीय खर्च 483.6 करोड़ रुपए है।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ का महत्त्व
- गौरतलब है कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में वरिष्ठ नागरिकों की आबादी 10.38 करोड़ है। वरिष्ठ नागरिकों की 70 फीसदी से भी अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। वरिष्ठ नागरिकों का एक बड़ा प्रतिशत वृद्धावस्था में होने वाली अक्षमताओं से पीड़ित है। एक अनुमान के मुताबिक, वर्ष 2026 तक उम्रदराज़ लोगों की आबादी बढ़कर करीब 173 मिलियन हो जाएगी।
- संपन्न घरों के बुजुर्गों को बढ़ती उम्र की परेशानियों से निपटने के लिये संसाधन और सुविधाएँ कमोबेश मिल जाती हैं लेकिन गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे बुजुर्गों की सुध कोई नहीं लेता। इन सभी बातों का संज्ञान लेते हुए केन्द्र सरकार ने वृद्धावस्था में होने वाली बीमारियों से पीड़ित, गरीबी रेखा से संबंध रखने वाले वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता एवं जीवन यापन के लिये आवश्यक उपकरण प्रदान करने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र की इस केन्द्रीय योजना का प्रस्ताव किया है।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना का पर्यवेक्षण
सन 2011 के सर्वेक्षण के अनुसार भारत में कुल 10।38 करोड़ वरिष्ठ नागरिक मौजूद हैं। इनमें लगभग 5।2 प्रतिशत वरिष्ठ नागरिकों को आयु के साथ होने वाली शारीरिक समस्याएं हैं। इस योजना के तहत इन सभी ज़रूरतमंदों को ध्यान में रखते हुए, इन आंकड़ों को पूरा करने की कोशिश की जायेगी। इस योजना के तहत देश के 5।20 लाख वरिष्ठ नागरिकों को लाभ पहुँचाया जाएगा। सरकार के ‘सोशल जस्टिस तथा एम्पोवेर्मेंट’ मंत्रालय को इस योजना का कार्यभार दिया गया है। अतः इस योजना के तहत समस्त कार्यों का देख रेख ये मंत्रालय ही करेगा। राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस के बारे में यहाँ पढ़ें।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना की मुख्य बातें
- भारत सरकार द्वारा पहली बार ऐसी कोई योजना चलाई जा रही है, जिसका फायदा वरिष्ठ नागरिक को मिल सकेगा।
- इस योजना के लिए सरकार ने 477 करोड़ रूपए का बजट तैयार किया है।
- ये योजना साल 2019 – 20 तक चलती रहेगी।
- यदि वरिष्ठ नागरिक को एक से अधिक परेशानी अथवा रोग हो, तो प्रत्येक अक्षमता के लिए अलग अलग यन्त्र दिए जायेंगे।
- ALMICO इन सभी आवंटित यंत्रों का एक वर्ष तक मुफ़्त मेंटेनेंस का कार्यभार लेगा।
- किसी भी ज़िले में, जहाँ के लोगों को यह सुविधा दी जाएगी वहाँ लाभार्थियों में 30 प्रतिशत स्त्रियाँ भी रहेंगीं।
- ये सभी आवंटन सरकार अपनी तरफ से कैंप लगा कर करेगी।
गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों का जीवन सक्षम बनाने के लिए ये योजना बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो रही है। इस योजना से प्राप्त लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा रहा है। भारत सरकार का यह क़दम कई ज़रुरतमंदों के लिये उपयोगी साबित हो रहा है। योजना के तहत लगभग देश के सभी हिस्से को लाने की कोशिश की गयी है। सरकार की यह नीति देश के लोगों के लिए बहुत कारगर साबित होगी।
राष्ट्रीय वयोश्री योजना के लिए योग्यता मानदंड
- बुजुर्ग व्यक्ति जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हो वह इस योजना के लाभ के हकदार होंगे।
- लाभार्थी की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए।
एक सक्षम प्राधिकारी द्वारा व्यक्ति को गरीबी रेखा के नीचे रहने के रूप में प्रमाणित किया जाना चाहिए। - SECC-2011 के आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगभग 10.38 करोड़ वरिष्ठ नागरिक हैं जिनमें से 5.2% (लगभग 54 लाख) किसी न किसी प्रकार की बुढ़ापे से संबंधित विकलांगता से पीड़ित हैं। वर्ष 2026 तक वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 173 मिलियन (17.3 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
- ध्यातव्य है कि गरीबी रेखा से संबंध रखने वाले वरिष्ठ नागरिकों को शारीरिक सहायता एवं जीवन यापन के लिये आवश्यक उपकरण प्रदान करने की योजना तैयार करने के प्रस्ताव की घोषणा 2015-16 के बजट में ही कर दी गई थी। इसके लिये ‘राष्ट्रीय वयोश्री योजना’ को तैयार किया जा चुका है, जो अब 1 अप्रैल से लागू होने वाली है। सरकार का यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है। लोगों के सामाजिक जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने को प्रेरित, कल्याणकारी उद्देश्यों वाली यह योजना आयु संबंधी बीमारियों का सामना कर रहे बीपीएल श्रेणी से संबद्ध बुज़ुर्गों को जीवन यापन के लिये आवश्यक उपकरण प्रदान कर, उनके जीवन को सामान्य बनाने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी। विदित हो कि इस योजना के कार्यान्वयन के लिये अनुदान ‘वरिष्ठ नागरिक’ कल्याण कोष से मिलेगा। देश में यह अपनी तरह की पहली महत्त्वाकांक्षी योजना है जिससे आगामी तीन वर्षों में करीब 5,20,000 वरिष्ठ नागरिकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।