नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सरकार ने कारोबार और रोजगार की भावना को विकसित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहयोग की एक योजना का भी शुभारम्भ किया है। इस योजना का नाम है मुद्रा योजना है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने वित्तीय समस्या से जूझ रहे असंगठित क्षेत्र के व्यवसायों और लघु व्यवसायों को सस्ती ब्याज दर पर वित्त उपलब्ध कराने के साथ ही कोई नया व्यवसाय शुरू करने को इच्छुक युवाओं को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखा है।
इस संबंध में गौरतलब है कि अब तक देश की आबादी, खासकर निचले तबके का एक बड़ा भाग औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के लाभों से वंचित रहा है। वे खेती से लेकर कोई छोटा-मोटा कारोबार करने तक के लिए साहूकारों पर निर्भर रहते हैं। साहूकारों से लिए गए क़र्ज़ पर इन्हें भारी ब्याज चुकाना पड़ता है। फिर क़र्ज़ के ऐसे चक्रव्यूह में वह फंसते हैं कि उनका जीवन दूभर हो जाता है। दूसरी तरफ कुछ इसी तरह की समस्या से देश के लघु व्यावसायिक इकाईयों को भी जूझना पड़ रहा है। अब तक ऐसी इकाईयों के लिए न तो कोई नियामक संस्था थी और न ही कोई बैंकिंग प्रणाली जिससे उन्हें वित्तीय सहयोग मिल सके। भारत सरकार के भारतीय सांख्यिकी मंत्रालय की संस्था National Sample Survey Office के 2013 के सर्वे में कहा गया है कि देश में लगभग 5 करोड़ 77 लाख लघु व्यावसायिक इकाईयां हैं और जिनका नियंत्रण एकल स्वामित्व में है। इन इकाईयों में उत्पादन से लेकर निर्माण और रिटेल तक की गतिविधियां शामिल हैं। साथ ही इन इकाईयों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर लगभग 1.25 करोड़ लोग रोज़गार पा रहे हैं। ऐसे में जरूरी था कि सरकार कोई ऐसी दूरदर्शी योजना लाए जिससे लघु व्यावसायिक इकाईयों को वित्तीय सहयोग और मजबूती तो मिले ही, साथ में रोज़गार का सृजन भी हो।
अंततः इन लघु व्यावसायिक इकाईयों को मजबूती प्रदान करने और उसका समुचित दोहन करने की महत्वाकांक्षा को संजोए हुए वर्तमान नरेन्द्र मोदी की सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015-16 के बजट भाषण में मुद्रा बैंक को स्थापित करने की घोषणा की थी। इसके बाद सरकार के वादे को अमल में लाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल 2015 को 20,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ Micro Units Development and Refinance Agency Limited यानि ‘मुद्रा’ लोन को राष्ट्र को समर्पित किया। इस भारी-भरकम कोष के साथ 3,000 करोड़ रुपये के ऋण गारंटी कोष को भी जोड़ा गया है।
सरकार द्वारा नवनिर्मित यह एजेंसी उन सभी वित्तीय संस्थाओं के साथ सहयोग करेगी जो उत्पादन, व्यापार और सेवा संबंधी गतिविधियों में संलग्न सूक्ष्म और लघु व्यावसायिक इकाईयों को ऋण देने का व्यवसाय करती है।
योजना का नाम | प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना |
किसके द्वारा शुरू | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
शुरुआत तिथि | 8 अप्रैल 2015 |
उद्देश्य | लोन प्रदान करना |
लाभार्थी | देश के लोग |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.mudra.org.in/ |
पोर्टल | mudra.org.in |
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का उद्देश्य :
- ऋण के तौर पर सूक्ष्म वित्त उपलब्ध कराने वाली संस्थाओं और उसकी वित्त प्रणाली का नियमन और उसकी सक्रिय भागीदारी को मजबूत बनाने के साथ उसे स्थिरता प्रदान करना।
- सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं सहित अन्य एजेंसियों को जो छोटे कारोबारियों, दुकानदारों, स्व-सहायता समूहों आदि को ऋण उपलब्ध करातें हैं, को वित्त व ऋण गतिविधियों में सहयोग करना।
- मौजूद सभी सूक्ष्म वित्तीय संस्थाओं (MFI) को पंजीकृत करना और उसके प्रदर्शन के आधार पर उसकी श्रेष्ठता सूची बनाना। इस सूची से संस्था के रिकॉर्ड का आकलन किया जा सकेगा और ऋण लेने वालों को श्रेष्ठ एमएफआई चुनने में मदद मिल सकेगी। दूसरी तरफ श्रेष्ठता सूची बनने से संस्थाओं के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी जिससे वे सभी बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित होंगे। अंततः इसका लाभ ऋण लेने वालों को मिलेगा।
- मुद्रा बैंक ऋण लेने वालों को कारोबार के संबंध में उचित दिशा-निर्देश भी उपलब्ध कराएगा जिससे कारोबार को संकट से उबारने में मदद मिल सकेगी। साथ ही डिफॉल्ट की स्थिति में पैसे की वसूली के लिए किस प्रक्रिया का पालन किया जाए, उसके निर्धारण में भी मुद्रा बैंक सहयोग करेगा।
- छोटे व्यावसायिक इकाईयों को दिए जानेवाले ऋण की गारंटी के लिए मुद्रा बैंक क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
- मुद्रा बैंक ऋण देने वाली संस्थाओं को प्रभावी तकनीक उपलब्ध कराएगी जिससे ऋण लेने और देने की प्रक्रिया में मदद मिल सके।
- योजना के तहत मुद्रा बैंक एक उपयुक्त ढांचा तैयार करेगा जिससे व्यावसायिक इकाईयों को छोटे ऋण उपलब्ध कराने के लिए एक प्रभावी प्रणाली विकसित की जा सके।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के प्रकार :
- शिशु लोन : शिशु लोन के अंतर्गत 50,000 रूपए तक की राशि का ऋण दिया जाता हैं।
- किशोर लोन : किशोर लोन के अंतर्गत 50 हजार से लेकर 5 लाख रूपए तक का ऋण दिया जाता हैं।
- तरुण लोन : तरुण लोन योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक ऋण दिया जाता हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की ब्याज दर 2021 :
बैंक | ब्याज दर | अधिकतम लोन राशि | पुन: भुगतान अवधि | प्रोसेसिंग शुल्क |
आंध्रा बैंक | 0.104 | 10 लाख रुपए तक | 5 वर्ष | 50% छूट लागू प्रोसेसिंग शुल्क पर |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) | 0.1015 | 10 लाख रुपए तक | 5 वर्ष | निल, शिशु योजना के लिए |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 9.65% से शुरू + एसपी (स्ट्रेटेजिक प्रीमियम) | 10 लाख रुपए तक | 5 वर्ष | शून्य |
कॉर्पोरेशन बैंक | 9.30% से शुरू | 10 लाख रुपए तक | 7 वर्ष | आवेदक की प्रोफाइल के अनुसार |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 8.70% से शुरू | 10 लाख रुपए तक | 5 वर्ष | आवेदक की प्रोफाइल के अनुसार |
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना 6 सालम :
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना को बिना गारंटी का लोन कारोबार के लिए प्रदान करने के लिए आरंभ किया गया है। इस योजना के अंतर्गत तीन प्रकार के लोन मुहैया कराए जाते हैं जो कि शिशु मुद्रा लोन, किशोर मुद्रा लोन एवं तरुण मुद्रा लोन है। शिशु मुद्रा लोन के अंतर्गत ₹50000 तक का लोन मुहैया कराया जाता है। किशोर मुद्रा लोन के अंतर्गत ₹50000 से लेकर ₹500000 तक का लोन मुहैया कराया जाता एवं तरुण मुद्रा लोन के अंतर्गत ₹500000 से ₹1000000 तक का मुद्रा लोन उपलब्ध करवाया जाता है। इस योजना को 8 अप्रैल 2015 को आरंभ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत कोई भी निश्चित ब्याज दर नहीं है। विभिन्न बैंकों द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत अलग-अलग ब्याज दर की वसूली की जाती है।
अब तक पिछले 6 वर्षों में प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के माध्यम से 28.68 लाभार्थियों को 14.96 लाख करोड़ रुपए का लोन मुहैया करवाया जा चुका है। 2015 से लेकर 2018 के बीच इस योजना के माध्यम से लगभग 1.12 करोड़ अतिरिक्त रोजगार पैदा हुए हैं।
इस योजना के माध्यम से छोटे व्यवसाय को प्रोत्साहन मिला है। सन 2020–21 में सरकार द्वारा 4.20 करोड़ लाभार्थियों को कर्ज मुहैया कराया गया। 19 मार्च 2021 तक वित्त वर्ष 2020–21 के लिए लाभार्थियों को 2.66 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए है।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत लगभग 88% शिशु लोन मुहैया कराए गए। 24% नए उद्यमियों को लोन मुहैया कराए गए। 68% लोन महिलाओं को उपलब्ध करवाए गए एवं 51% लोन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के नागरिकों को उपलब्ध करवाए गए। इसके अलावा लगभग 11% लोन अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिकों को प्रदान किए गए।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना कमर्शियल वाहन खरीद :
जैसे कि आप सभी लोग जानते हैं सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना देश के नागरिकों को अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए लोन मुहैया करवाने के लिए आरंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत अब तक कई लोगों ने लाभ उठाया है। यदि आप भी प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आपको बैंक में अप्लाई करना होगा। इस योजना के माध्यम से सरकार द्वारा ₹1000000 तक का लोन मुहैया करवाया जाता है। इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा कमर्शियल वाहन खरीदने के लिए भी लोन प्रदान किया जाता है। इस योजना के माध्यम से ट्रैक्टर, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ट्रॉली, माल परिवहन वाहन, तीन पहिया वाहन, ई-रिक्शा आदि खरीदने के लिए लोन लिया जा सकता है।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के माध्यम से कृषि व पशुपालन को के लिए, व्यापारियों के लिए, दुकानदारों के लिए तथा सर्विस सेक्टर के लिए भी लोन प्रदान किया जाता है। लोन की राशि प्रदान करने के लिए लाभार्थियों को मुद्रा कार्ड प्रदान किया जाता है। यह लोन पूरी तरह से बिना गारंटी के मिलता है और इसकी अवधि 5 साल तक बढ़ाई जा सकती है।
मुद्रा लोन योजना 91% लोन अब तक किए गए वितरित :
इस योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तीन तिमाही में 91% लाभार्थियों को लोन की राशि को वितरित कर दी गई है। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत कुल 2.68 करोड़ लाभार्थियों को मंजूरी मिली है जिसके अंतर्गत Rs 1,62195.99 करोड़ रुपए लाभार्थियों को प्रदान किए जाएंगे। इस राशि में से 8 जनवरी 2021 तक Rs 1,48,388.08 लाभार्थियों को प्रदान कर दिए गए हैं। बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, माइक्रो फाइनेंस संस्थानों आदि के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2020 एवं वित्तीय वर्ष 2019 में 97.6% तथा 97% लोन वितरित किए गए हैं। जिसमें लगभग Rs 329684.63 करोड़ तथा Rs 311811.38 करोड़ की राशि लाभार्थियों के खाते में पहुंचाई गई है।
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत नवंबर 2020 तक 1.54 लोन स्वीकृत कर लिए गए थे जिसके अंतर्गत Rs 98,916.65 करोड़ रुपए की राशि लाभार्थियों के खाते में पहुंचाई जानी थी। 13 नवंबर 2020 तक Rs 91936.62 करोड़ रुपए की राशि लाभार्थियों के खाते में पहुंचा दी गई थी।
मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत ₹50000 से लेकर ₹1000000 तक का लोन प्रदान किया जाता है। ₹50000 रुपए तक का लोन शिशु कवर के अंतर्गत प्रदान किया जाता है।₹500000 तक का लोन किशोर कवर के अंतर्गत प्रदान किया जाता है एवं ₹1000000 तक का लोन तरुण का वर्ग के अंतर्गत प्रदान किया जाता है।
इस योजना का लाभ 31 जनवरी 2020 तक लगभग 22.53 करोड़ लोगों ने उठाया है जिसमें से 15.75 करोड़ लोन महिलाओं को प्रदान किए गए हैं। यह संख्या कुल लाभार्थियों की 70% है। करोना कॉल से उभरने के लिए सरकार द्वारा एमएसएमई को मदद करने के लिए 80 लाख लोन प्रदान किए जाएंगे। जिसमें 2.05 लाख करोड़ रुपए का खर्च होगा। इन 2.05 लाख करोड़ रुपए में से 1.58 लाख करोड़ रुपए का लोन 4 दिसंबर 2020 तक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के अंतर्गत वितरित किया जा चुका है।
मुद्रा कार्ड :
मुद्रा लोन लेने वाले लाभार्थी को मुद्रा कार्ड प्रदान किया जाएगा। यह मुद्रा कार्ड लाभार्थी डेबिट कार्ड की तरह उपयोग कर सकता है। मुद्रा कार्ड के माध्यम से लाभार्थी अपनी जरूरत के हिसाब से एटीएम से पैसे निकाल पाएगा। इस मुद्रा कार्ड के साथ आपको एक पासवर्ड प्रदान किया जाएगा जिससे आपको गोपनीय रखना होगा और आप इस कार्ड का उपयोग अपने व्यापार से संबंधित जरूरत पूरी करने के लिए कर सकते हैं।
क्या हैं मुद्रा लोन ब्याज दरें? :
मुद्रा लोन प्रकार | लोन राशि | ब्याज दर |
शिशु लोन | Rs. 50,000 तक | 10% – 12% |
किशोर लोन | Rs. 50,000 से Rs. 5 लाख तक | 14% – 17 % |
तरुण लोन | Rs. 5 लाख से Rs. 10 लाख तक | 16% से शुरुआत |
मुद्रा लोन योजना के फायदें :
- मुद्रा लोन के लिए बहुत कम कागजात चाहिए होता है।
- पीएम मुद्रा लोन के लिए योग्यता बेसिक होती है।
- मुद्रा योजना के जरिये कारोबारियों का अपना व्यापर बढ़ाने में मदद मिलती है।
- योजना के जरिये कारोबारी बिना प्रॉपर्टी गिरवी रखें 10 लाख तक का बिजनेस लोन ले सकते हैं।
- मुद्रा लोन अप्रूव होने पर किसी तरह की कोई प्रोसेसिंग फीस नही देना होता है।
- मुद्रा लोन योजना के तहत मिलने वाले बिजनेस लोन का उपयोग कारोबारी अपने बिजनेस की जरूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने मनमुताबिक उपयोग कर सकते हैं।
- योजना के तहत बिजनेस लोन के बदले प्रॉपर्टी गिरवी नही रखना होता है।
- मुद्रा लोन एलिजिबिलिटी बहुत बेसिक होता है।
मुद्रा लोन योजना के लाभ :
देश का कोई भी व्यक्ति जो अपना खुद का छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहता है, वह PMMY के तहत लोन ले सकता है।
इस योजना के अंतर्गत देश के नागरिको अपना व्यवसाय आरम्भ करने के लिए बिना गारंटी के लोन दिया जायेगा। इसके अलावा लोन के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता है। मुद्रा योजना में लोन चुकाने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है।
लोन लेने वाले को एक मुद्रा कार्ड मिलता है, जिसकी मदद से कारोबारी जरूरत पर आने वाला खर्च किया जा सकता है।
मुद्रा योजना के लाभार्थी :
- सामुदायिक, व्यक्तिगत सेवा और सामाजिक कार्य
- मेडिकल शॉप, बुटीक, सैलून, जिम, ड्राई क्लीनिंग, ब्यूटी पार्लर, मोटरसायकल रिपेयर शॉप, टेलरिंग शॉप, कूरियर सर्विस, फोटोकॉपिंग और डीटीपी केन्द्रों से जुड़े कार्यों या कारोबार के लिए मुद्रा लोन लिया जा सकता है।
- ट्रांसपोर्ट गाड़ी
- माल लाने-ले जाने के लिए ट्रांसपोर्ट गाड़ियाँ खरीदने के साथ-साथ ऑटो रिक्शा, थ्री-व्हीलर्स, पैसेंजर कार, ई-रिक्शा, टैक्सी, जैसी पर्सनल ट्रांसपोर्ट गाड़ियाँ खरीदने के लिए भी मुद्रा लोन मिल सकता है।
- फ़ूड प्रोडक्ट्स सेक्टर
- फ़ूड प्रोडक्ट्स सेक्टर के तहत, अचार बनाने, पापड़ बनाने, जेली या जैम बनाने, कैटरिंग, स्मॉल सर्विस फ़ूड स्टॉल्स, कोल्ड स्टोरेज, आइसक्रीम मेकिंग यूनिट्स, कोल्ड चेन व्हीकल्स, मीठी पावरोटी और ब्रेड बनाने, जैसे कार्यों के लिए मुद्रा लोन लिया जा सकता है।
- दुकानदारों और ट्रेडर्स के लिए बिज़नस लोन
- जिन लोगों को अपनी दुकान चलाने, सर्विस एंटरप्राइज, कारोबार और व्यापार करने, और गैर-कृषि कार्य करने के लिए पैसों की जरूरत है जिससे उन्हें आमदनी हो सके, वे लोग मुद्रा लोन ले सकते हैं।
टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स सेक्टर - पॉवरलूम, हैण्डलूम, चिकन/ज़रदोज़ी वर्क, खादी एक्टिविटी, ट्रेडिशनल प्रिंटिंग और डाइंग, बुनाई, कंप्यूटराइज्ड एम्ब्रायडरी, कपड़े पर डिजाइन, और नॉन-गारमेंट प्रोडक्ट्स के लिए अन्य टेक्सटाइल एक्टिविटी जैसे कार्यों के लिए भी मुद्रा लोन मिल सकता है।
- खेती और उससे संबंधित कार्य
- मधुमक्खी पालन, मछली पालन, मवेशी, छंटाई, कृषि क्लिनिक, डिशरी, जैसे कार्यों के लिए मुद्रा लोन लिया जा सकता है।
- माइक्रो यूनिट्स के लिए इक्विपमेंट फाइनेंस स्कीम
- माइक्रो एंटरप्राइज की स्थापना करने के लिए जरूरी उपकरण या मशीनरी खरीदने के लिए भी मुद्रा लोन लिया जा सकता है।
मुद्रा लोन योजना के अंतर्गत लोन कैसे मिलेंगे?
- अगर कोई भी भारतीय नागरिक मुद्रा लोन योजना के तहत लाभ उठाना चाहता है तो उसे निम्न प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।
- सबसे पहले ऋण प्राप्त करने को इच्छुक व्यक्ति को नजदीक के किसी बैंक में जाकर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लिए बैंक से संपर्क कर उनसे योजना का फॉर्म प्राप्त करना होगा।
- फिर ऋण आवेदन फॉर्म को भरकर साथ में मांगे गए कागजातों और आपके द्वारा किए जाने वाले व्यवसाय या फिर आप जिस किसी नए व्यवसाय को शुरू करना चाहते हैं, उसका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना होगा।
- इसके बाद बैंक द्वारा निर्धारित सभी औपचारिकताओं को पूरा करना होगा।
- सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद आपका ऋण मंजूर होगा और आपको उपलब्ध कराया जाएगा।
मुद्रा लोन योजना के दस्तावेज :
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- स्थायी निवासी पता
- बिज़नेस डिटेल्स
- पासपोर्ट फोटो
- वोटर कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- बैंक स्टेटमेंट
- प्राइस कोटेशन
- जति प्रमाण पत्र
- इनकम टैक्स रिटर्न और सेल्फ टैक्स रिटर्न
योजना के अंतर्गत आने वाले बैंक :
- इलाहाबाद बैंक
- बैंक ऑफ इंडिया
- कॉरपोरेशन बैंक
- आईसीआईसीआई बैंक
- j&k बैंक
- पंजाब एंड सिंध बैंक
- सिंडिकेट बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
- आंध्र बैंक
- बैंक ऑफ महाराष्ट्र
- देना बैंक
- आईडीबीआई बैंक
- कर्नाटक बैंक
- पंजाब नेशनल बैंक
- तमिल नाडु मरसेटाइल बैंक
- एक्सिस बैंक
- केनरा बैंक
- फेडरल बैंक
- इंडियन बैंक
- कोटक महिंद्रा बैंक
- सरस्वत बैंक
- यूको बैंक
- बैंक ऑफ़ बरोदा
- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
- एचडीएफसी बैंक
- इंडियन ओवरसीज बैंक
- ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
राज्यों के हेल्पलाइन नंबर :
राज्य |
हेल्पलाइन नंबर |
महाराष्ट्र | 18001022636 |
चंडीगढ़ | 18001804383 |
अंडमान और निकोबार | 18003454545 |
अरुणाचल प्रदेश | 18003453988 |
बिहार | 18003456195 |
आंध्र प्रदेश | 18004251525 |
असम | 18003453988 |
दमन और दीव | 18002338944 |
दादरा नगर हवेली | 18002338944 |
गुजरात | 18002338944 |
गोवा | 18002333202 |
हिमाचल प्रदेश | 18001802222 |
हरियाणा | 18001802222 |
झारखंड | 18003456576 |
जम्मू और कश्मीर | 18001807087 |
केरल | 180042511222 |
कर्नाटक | 180042597777 |
लक्षद्वीप | 4842369090 |
मेघालय | 18003453988 |
मणिपुर | 18003453988 |
मिजोरम | 18003453988 |
छत्तीसगढ़ | 18002334358 |
मध्य प्रदेश | 18002334035 |
नगालैंड | 18003453988 |
दिल्ली के एन.सी.टी. | 18001800124 |
ओडिशा | 18003456551 |
पंजाब | 18001802222 |
पुडुचेरी | 18004250016 |
राजस्थान | 18001806546 |
सिक्किम | 18004251646 |
त्रिपुरा | 18003453344 |
तमिलनाडु | 18004251646 |
तेलंगाना | 18004258933 |
उत्तराखंड | 18001804167 |
उत्तर प्रदेश | 18001027788 |
पश्चिम बंगाल | 18003453344 |