उत्तर प्रदेश सरकार ने एक जिला एक उत्पाद योजना को जनवरी 2018 में लॉन्च किया था। प्रदेश में लघु और मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस योजना को शुरू किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं की सूची में बहुत सी ऐसी योजनाएं है जो बेरोजगारों को रोजगार देने में मदद करती है। एक जिला एक उत्पाद योजना के अंतर्गत अभी तक 5 लाख युवाओं को रोजगार मिल चुका है। यह योजना राज्य के सकल घरेलु उत्पाद को 2% तक बढ़ाएगी। सरकार ने विभिन्न राज्यों में कार्य कर रहे कई उद्योमों के सहयोग से इस योजना को शुरू किया है।
उत्तर प्रदेश में कांच का सामान, लखनवी कढ़ाई से युक्त कपड़े, विशेष चावल आदि बहुत प्रसिद्ध है। ऐसे सभी आइटम छोटे से गांव के छोटे-छोटे कलाकार बनाते है, जो साधनों की कमी के बावजूद अपनी कला को दुनिया में बिखरते है. लेकिन समय के साथ इन छोटे कलाकार का अस्तित्व भी गुम होता जा रहा है, इन छोटे लघु उद्योग की जगह बड़े-बड़े कारखानो ने ली है, जहाँ हाथ की बयाज मशीन से काम होता है. हाथ की कारीगर को उनका वो दाम नही मिलता, जितना उनको मिलना चाहिए। यह ऐसे ही खोये हुए कलाकार को रोजगार देगी, उत्तर प्रदेश में जो भी जिला, जनपद जिस विशेष सामान के लिए जानी जाती है, उधर के लघु उद्योग को पैसा देगी, वहां पर काम करने वालों को आगे बढ़ाएगी।
एक जिला एक उत्पाद योजना क्या है ? :
भारत देश अनेकता में एकता रखता है। यहाँ कला की कमी नहीं है, हर प्रदेश, अपने कुछ विशेष चीजों के लिए प्रसिध्य है। उत्तरप्रदेश में भी छोटे लघु उद्योग है, जहाँ से वो विशेष पदार्थ बनकर देश विदेश में जाता है। उत्तरप्रदेश में कांच का सामान, लखनवी कढ़ाई से युक्त कपडे, विशेष चावल आदि बहुत फेमस है। ऐसे सभी आइटम छोटे से गांव के छोटे-छोटे कलाकार बनाते है, जो साधनों की कमी के बावजूद अपनी कला को दुनिया में बिखरते है। लेकिन समय के साथ इन छोटे कलाकार का अस्तित्व भी घूम होते जा रहा है, इन छोटे लघु उद्योग की जगह बड़े-बड़े कारखानों ने ली है, जहाँ हाथ की बयाज मशीन से काम होता है। हाथ की कारीगर को उनका वो दाम नहीं मिलता, जितना उनको मिलना चाहिए। एक जिला एक उत्पाद ऐसे ही खोये हुए कलाकार को रोजगार देगी, उत्तरप्रदेश में जो भी जिला, जनपद जिस विशेष सामान के लिए जानी जाती है, उधर के लघु उद्योग को पैसा देगी, वहां पर काम करने वालों को आगे बढ़ाएगी।
इस तरह की योजना पहली बार जापान में लांच हुई थी, फिर आगे इसकी सफलता को देखते हुए इसे चीन जैसे बड़े देश ने भी लांच किया था। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम से राज्य के छोटे से छोटे गांव का नाम देश प्रदेश में प्रसिद्ध होगा।
उत्तर प्रदेश एक जिला एक उत्पाद योजना :
योजना का नाम | एक जिला एक उत्पाद योजना उत्तर प्रदेश |
शुरुवात की | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ |
लांच हुई | 24 जनवरी 2018 |
कार्यक्रम | उत्तर प्रदेश दिवस |
योजना का क्रियान्वयन | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग |
ऑफिसियल साइट | http://odopup.in/ |
हेल्पलाइन नंबर | 18001800888 |
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना का उद्देश्य :
स्थानीय शिल्प का विकास योजना का मुख्य उद्देश्य है, जिससे छोटे छोटे कारीगरों की आय में वृद्धि होगी। इन कारीगरों को रोजगार और अधिक पैसों के लिए अपने घर को छोड़ शहर जाना पड़ता था, ओडीओपी योजना से पलायन में कमी आएगी। यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, उत्तर प्रदेश राज्य में सफल होने के बाद इसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर लांच किया जायेगा, जिससे भारत देश के सभी राज्य में इस योजना के द्वारा लोगों को लाभ मिल सके. इसके साथ ही यह योजना युवाओं को भी आकर्षित करेगी, जिससे बेरोजगार को नए अवसर मिलेंगें।
एक जिला एक उत्पाद योजना के लाभ :
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश और देश का विकास करना है। इस योजना के द्वारा जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगो का विकास संभव हो पायेगा।
- इस योजना के द्वारा उद्योगो को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नयी तकनीको का प्रयोग और प्रशिक्षण दिया जायेगा, ताकि यह प्रोडक्ट मार्केट में उपलब्ध अन्य प्रोडक्ट की बराबरी कर सके।
- इस योजना के द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा। अब तक के अनुमान के अनुसार अगले आने वाले 5 सालो में लगभग 25 लाख लोगो को रोजगार मिलेगा। सरकार के द्वारा 25000 करोड़ रुपये लोकल व्यापारियों और अन्य छोटे उद्योगों को बढ़ाने के लिए बेरोजगार लोगो को दिये जायेंगे।
- इस योजना के अंतर्गत इन जिलों में बन रहें उत्पादो की गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रतिस्पर्धा आदि का ध्यान रखने के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो इन सबका एनालेसीस करे और फिर उसके अनुसार अपने कार्य के लिए रणनीति तैयार करेगी।
- लघु, मध्यम, परंपरागत उद्योग को आर्थिक रूप से सरकार मदद करेगी, साथ ही उसकी गुणवत्ता, कुशलता में विशेष सुधार काम किया जायेगा।
- इस योजना के अंतर्गत कम ब्याज दर में लोन दिया जायेगा, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ ले सकें।
- इसके साथ ही इसकी पैकिंग, ब्रांडिंग पर भी काम किया जायेगा। हर एक उत्पाद को ब्रांड नाम दिया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश राज्य की भी विश्व पटल पर पहचान बढ़ेगी। अच्छी पैकिंग, ब्रांड नाम होने से लोग इसे जानेंगें और प्रोडक्ट की तरफ आकर्षित होंगें।
- इन उत्पादों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे दूर दूर निर्यात किया जायेगा, इसके लिए ऑनलाइन माध्यम चुना जायेगा। इसके अलावा हस्तशिल्प जैसे मेला लगाए जायेंगें, जगह जगह काउंटर पर इसकी बिक्री शुरू की जाएगी। इस योजना के चलते उस क्षेत्र की अपनी अलग पहचान बनेगी साथ ही वहाँ का पर्यटन भी बढेगा।
एक जिला एक उत्पाद योजना की विशेषताएं :
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश और देश का विकास करना है। इस योजना के द्वारा जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास संभव हो पायेगा।
- उसके बाद राज्य सरकार बाजार में प्रतिस्पर्द्धा करने के लिए नयी तकनीक को अनुकूलित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
- इस योजना के तहत 25 लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य की जीडीपी 2% तक बढ़ेगी।
- यूपी सरकार आने वाले 5 वर्षोंमें स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को 25000 रूपए प्रदान करेगी।
- इस योजना के अंतर्गत इन जिलों में बन रहे उत्पादों की गुणवत्ता, उत्पादकता, प्रतिस्पर्धा आदि का ध्यान रखने के लिए एक समिति बनाई जाएगी जो इन सबको एनलाइस करेगी और उसके अनुसार अपने कार्य की रणनीति तैयार करेगी।
- लघु, मध्यम और परम्परागत उद्योग को आर्थिक रूप से सरकार मदद करेगी। साथ ही उसकी गुणवत्ता और कुशलता में सुधर करेगी।
- इस योजना के अंतर्गत कम ब्याज में लोन भी दिया जायेगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सके।
- इसके साथ ही इसकी पैकिंग , ब्रांडिंग पर भी काम किया जायेगा। हर एक उत्पाद को ब्रांड नाम दिया जायेगा, जिससे उत्तर प्रदेश राज्य की भी विश्व पटल पर पहचान बढ़ेगी। अच्छी पैकिंग, ब्रांड नाम होने से लोग इसे जानेंगे।
- इन उत्पादों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए इसे दूर दूर निर्यात किया जायेगा, इसके लिए ऑनलाइन माध्यम चुना जायेगा। इसके अलावा इन उत्पादों को बेचने के लिए मेले भी लगाए जायेंगे, इससे उस क्षेत्र की पहचान बढ़ेगी और वहां के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
एक जिला एक उत्पाद योजना लक्ष्य व प्लानिंग :
- वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट योजना के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबी चौड़ी योजना बनाई है। इसके जरिए काफी बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दावा किया गया है कि राज्य के समावेशी विकास के लिए योजना आवश्यक है।
- इस योजना के तहत छोटे और मध्यम स्तर के पारंपरिक उद्योगों को बढ़वा देकर कारीगरों व उद्यमियों की जिंदगी में बदलाव लाया जाएगा।
- राज्य सरकार बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए नई तकनीक को कारीगरों तक पहुंचाएगी।
- इस योजना के तहत 25 लाख बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। युवा उद्यमी भी कारीगरों को नौकरी दे सकेंगे।
- इससे राज्य की जीडीपी में दो प्रतिशत की वृद्धि होगी। इस योजना से जुड़ने वाले कारीगरों को 25 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। यह रुपये पांच वर्ष के लिए होंगे।
- इस योजना को जापान की तर्ज पर लागू किया गया है। वहां पर 1979 में इस योजना की शुरुआत की गई थी जिसने काफी असर डाला था।
- ऐसा ही प्रयोग 2001 से 2006 के बीच थाईलैंड में भी किया गया था। बाद में चीन, मलेशिया और फिलीपीन्स ने भी इस प्रयोग को आगे बढ़ाया।
- यूपी सरकार ने इस योजना को छह भागों में बांटा है। जिसमें है रॉ मैटैरियल, फाइनेंस, डिजाइन, स्ट्रक्चर टेस्टिंग लैब, ट्रेनिंग एंड स्किल डेवलपमेंट, डिस्प्ले, एग्जीबिशन एवं मार्केटिंग है।
- इस अभियान में जिला स्तर पर स्थानीय कौशल का संरक्षण और विकास किया जाएगा।
- जिलों के उत्पाद को नया कलेवर देने हुए उनकी पैकेजिंग की जाएगी। ब्रांड यूपी की सोच को राज्य से आगे देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
- सरकार चयनित उत्पाद की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धी सामर्थ्य का समय समय पर एनालीसिस करेगी और इसमें बदलाव के लिए सुझाव भी देगी।
- करीगरों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि उनका हुनर और निखर सके।
एक जिला एक उत्पाद योजना का क्रियान्वयन :
- इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 6 मुख्य श्रेणिया बनाई गयी है। इन श्रेणियों को रॉ मटेरियल, फाइनेंस, डिजाईन, स्ट्रक्चर टेस्टिंग लैब, ट्रेनिंग और डेवलपिंग डिस्प्ले और एक्सिबिशन और मार्केटिंग आदि भागो में विभाजित किया गया है।
- जिला अधिकारी को इस योजना की जिम्मेदारी सौपी जायेगी. जिला अधिकारी को अपने जिले में एक जिला एक प्रोडक्ट योजना के क्रियान्वयन के लिए अपनी एक समिति का गठन करना होगा।
- इस योजना के अनुसार अपने व्यवसाय को चलाने के लिए पुरुषों को 1 लाख रुपय और महिलओं को 1.5 लाख रुपय की लोन सब्सिडी दी जाएगी।
- इस योजना के द्वारा उद्योग स्टार्ट करते वक्त स्टाम्प शुल्क में भी छुट दी जाएगी। बुंदेलखंड और पूर्वांचल में यह 100 प्रतिशत निशुल्क होगा वही मध्यांचल और पशिमांचल वाले क्षेत्रो में 70 और 50 प्रतिशत तक छुट होगी।
एक जिला एक प्रोडक्ट के अंतर्गत चुने गये शहर और उनके चुने गये उत्पाद :
मुख्यमंत्री योगी ने यूपी के हर एक जिले से एक उत्पाद को चुना है। जिस जिले में जिसका उत्पादन अधिक है, उससे जुड़े कारीगर वहां है, तो उस जिले को उस विशेष उत्पाद के निर्माण के लिए चुन लिए जायेगा, फिर सरकार उनकी आर्थिक मदद करेगी और उस जिले को उस विशेष उत्पाद का केंद्र बिंदु बना दिया जाता है। इस योजना में हर जिले के लिए उत्पाद का चयन वहाँ की परंपरा और उपलब्धता के आधार पर किया गया है, जैसे आगरा चमड़ा उत्पाद के लिए, फिरोजाबाद काँच की चुडियो के लिए, इलाहाबाद अमरुद फ्रूट प्रोसेसिंग के लिए, प्रतापगड आवला फ्रूट प्रोसेसिंग के लिए। इसकी पूरी जिसकी लिस्ट नीचे आपको मिलेगी। इसी के अनुसार वहाँ के उद्योगो का विस्तार किया जायेगा ।
जिला | उत्पाद का नाम | जिला | उत्पाद का नाम |
आगरा | चमड़ा | बहराइच | हस्तकला उत्पाद |
अमरोहा | ढोलक | बरेली | ज़री-ज़रदोज़ी |
अलीगढ़ | हार्डवेअर | बलिया | बिन्दी |
औरैया | दूध का समान(घी) | बस्ती | काष्ठ कला |
प्रयागराज (इलाहबाद) | मूंज (पेरु) | बलरामपुर | दाल |
आजमगढ | काली मिट्टी से बने उत्पाद | भदोही | कालीन |
अम्बेडकर नगर | कपड़ा | बांदा | पत्थर शिल्प |
अमेठी | मूंज | बिजनौर | काष्ठ कला |
बदायूं | जरी जरजोदि वर्क | बाराबंकी | वस्त्र |
बागपत | घऱ सजाने का समान | बुलंद शहर | चीनी मिट्टी के बर्तन |
चंदौली | जरी जरजोदि | फैजाबद | गुड़ |
चित्रकूट | लकड़ी के खिलौने | फर्रुखाबाद | छपाई |
देवरिया | घऱ सजाने का समान | फतेहपूर | चादर |
इटावा | वस्त्र | फिरोजाबाद (अयोध्या) | काँच का समान |
एटा | घुंघरु, घंटी | गौतमबुध्य नगर | रेडीमेड कपड़े |
गोरखपुर | टेराकोटा समान | झांसी | खिलौने |
हाथरस | हींग | मिर्जापुर | कालीन |
कानपुर | चमड़ा | वाराणसी | बनारसी साड़ी |
सीतापूर | दरी | रामपुर | पेंच वर्क |
महोबा | गौरा पत्थर | लखनउ | चिकनकारी |
जालौन | हस्तनिर्मित कागज | महाराजगंज | फर्निचर |