मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत संचालित मोबाइल मेडिकल यूनिट की स्लम बस्तियों में बढ़ती आमद और स्वास्थ्य कैम्पों का आयोजन ऐसे गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए वरदान बन गये है जो बीमार होकर भी अस्पताल नहीं जा पाते थे। स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार के साथ गरीबों का त्वरित इलाज कर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उठाए गए कदम का ही परिणाम है कि मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना गरीब परिवारों का दिल जीत रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया के दिशा-निर्देशन में 1 नवंबर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगमों में प्रारंभ हुई इस योजना से अभी तक 8 लाख 11 हजार से अधिक मरीजों को उपचार हो चुका है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जिला स्तर पर गठित अर्बन पब्लिक सर्विस सोसायटी के माध्यम से संचालित इस योजना से न सिर्फ त्वरित उपचार किया जाता है, बल्कि मोबाइल मेडिकल यूनिट में उपलब्ध सुविधाओं के माध्यम से अलग-अलग प्रकार की जांच कर बीमारी का पता लगाकर उन्हें स्वस्थ बनाने की दिशा में कदम उठाया जाता है। विभाग द्वारा इस सेवा के संबंध में सतत् मॉनीटरिंग भी की जाती है। सुविधा को बेहतर बनाने के साथ स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने फेस रीडिंग, रियल टाइम जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा आदि की व्यवस्था भी की गई है। जन शिकायत निराकरण हेतु निदान 1100 टोल-फ्री नंबर की सुविधा के साथ-साथ फीडबैक मशीन की सुविधा भी नागरिकों हेतु एमएमयू में उपलब्ध है। जिसके माध्यम से लोग अपनी प्रतिक्रिया भी व्यक्त करते हैं। खास बात यह भी है कि इस योजना अंतर्गत उपलब्ध सेवा को लेकर इलाज कराने वाले मरीजों के बीच किए गए सर्वे में 93 प्रतिशत लोगों ने इसे बहुत बढिया बताया है।
नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना को गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बहुत अच्छी योजना बताते हुए कहा कि हर गरीब और जरूरतमंद व्यक्ति चाहता है कि जब वह बीमार पड़े तो उसे अपने इलाज के लिए भटकना न पड़े। छोटी-छोटी बीमारी के लिए अपने काम धंधे बंद कर डाक्टरों से अपॉइंटमेंट लेना और कतार में लग कर इलाज कराने से हर कोई बचना चाहता है। लोगों की जरूरतों को ध्यान रख छत्तीसगढ़ में शुरू की गई मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना अब इन्हीं उद्देश्यों और लक्ष्यों को पूरा कर रही है। यहां इलाज कराकर ठीक होने वाली पार्वती बाई ने बताया कि सुबह से शाम तक अपने मुहल्ले में ही कैंप लग जाने से इलाज में बहुत सहूलियत होती है। महिला चिकित्सक होने से अपनी समस्या आसानी से बता सकते हैं। हमें निजी डाक्टर के पास नहीं जाना पड़ता। घर के पास आसानी से उपचार की सुविधा मिलने से हम झुग्गी इलाकों की महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है।
60 नए मोबाइल मेडिकल यूनिट से और भी आसान होगा गरीबों का उपचार
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत वर्तमान में 14 नगर पालिक निगम क्षेत्रों में 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित की जा रही है। पहले चरण में रायपुर में 15, कोरबा में 8, बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, रायगढ़, जगदलपुर, अम्बिकापुर में 4-4, भिलाई में 3 और रिसाली, भिलाई चरोदा, धमतरी, बिरगांव, चिरमिरी में 2-2 मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित है। दूसरे चरण में जिलावार 155 निकायों को भी इस योजना से लाभान्वित करने और 60 नए मोबाइल मेडिकल यूनिट संचालित करने की तैयारी की जा रही है, जिसमें बलौदाबाजार भाटापारा, रायगढ़ में 4, रायपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव, बालोद, बिलासपुर और कोरिया में 3-3, जांजगीर-चाम्पा में 6, बेमेतरा, दुर्ग, मुंगेली, बलरामपुर, सूरजपुर, जशपुर, कांकेर और दंतेवाड़ा में 2-2, गरियाबंद, कोरबा, गौरेला पेण्ड्रा मरवाही, सरगुजा, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा सहित बीजापुर में 1-1 मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन कर योजना का विस्तार किया जाएगा। इस पहल से सभी निकायों में रहने वाले जरूरमंद और गरीब परिवारों का उपचार और भी आसान हो जाएगा।
लैब टेस्ट के लिए नहीं काटना पड़ता चक्कर, दवा भी मिलती है मुफ्त
आमतौर पर किसी क्लीनिक या अस्पताल में जाने के बाद बीमारी का पता लगाने के लिए कई चिकित्सक खून या यूरीन सहित अन्य प्रकार की जांच कराने कहते हैं। इस प्रकार की जांच के लिए मरीजों को कई लैब में चक्कर तक काटना पड़ता है। कुछ मरीज जांच कराने में भी असमर्थ होते हैं। मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से लगने वाले कैंप में पूरी टीम के साथ जांच की सुविधा भी उपलब्ध होती है। यूनिट में एमबीबीएस डाक्टर के साथ फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, मरीजों की सेवा के लिए एएनएम तथा एमएमयू चालक सेवाएं दे रहे हैं। एमएमयू के माध्यम से 41 प्रकार के विभिन्न लैब टेस्ट किए जाते हैं। इनमें खून, मल-मूत्र, थूक, टीबी, थायराइड, मलेरिया, टाइफाइड आदि की जांच की जाती है। एमएमयू में पैरासिटामाल, ब्रूफेन, मेटफार्मिन, एटेनोलोल, बी-काम्प्लेक्स, आयरन, फोलिकएसिड, सिफालेक्सिन, एमोक्सिसिलिन, लिमसी, ओआरएस, टिटेनस इंजेक्शन, रैबिज इंजेक्शन आदि दो सौ प्रकार की दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इसके साथ ही ब्लड-प्रेशर मापने की मशीन, शुगर टेस्ट की मशीन, ईसीजी मशीन, आक्सीजन सिलेण्डर आदि की भी व्यवस्था है।
8 लाख से अधिक मरीज उठा चुके हैं लाभ
1 नवम्बर 2020 को प्रदेश के 14 नगर पालिक निगम में शुरू हुई 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से अब तक लगभग 13 हजार 835 शिविर स्लम क्षेत्रों में लगाये गये है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत मोबाइल मेडिकल यूनिट और दाई दीदी क्लीनिक से 8 लाख 50 हजार से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है।
रायपुर में सबसे अधिक 3639 शिविर में 2 लाख 13 हजार 307 मरीज लाभान्वित हुए हैं और 193825 मरीजों को दवा का वितरण किया गया है। कोरबा में 1656 कैंप में 93825, बिलासपुर में 971 कैंप में 73702, दुर्ग में 975 कैंप में 56220 और राजनांदगांव में 967 शिविर में 57139 मरीज लाभान्वित हुए हैं। इसी तरह भिलाई में 731 कैंप में 48238, रिसाली में 491 कैंप में 28271 भिलाई चरोदा में 483 कैंप में 26312, अंबिकापुर में 849 कैंप में 50228, जगदलपुर में 904 कैंप में 43097 रायगढ़ में 887 कैंप में 48788, कोरिया चिरमिरी में 389 कैंप में 17067, बीरगांव में 452 कैंप में 25422 मरीज लाभान्वित हुए हैं। दाई-दीदी क्लीनिक में 685 कैंपों में 45088 महिलाएं इससे लाभन्वित हुई है। कुल 1 लाख 56 हजार 384 मरीज श्रम विभाग में पंजीकृत वाले हैं।
6 लाख 92 हजार 961 को दवा वितरित
मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 10 माह में 6 लाख 92 हजार 961 मरीजों को दवाओं को वितरण किया गया है। रायपुर में सर्वाधिक 1 लाख 93 हजार 825, बिलासपुर में 70707, कोरबा में 64836, भिलाई में 45368, दुर्ग में 48209, राजनांदगांव में 54675, रायगढ़ में 47249, अंबिकापुर में 36591, बीरगांव में 21097, रिसाली में 20406, भिलाई चरोदा में 22256, चिरमिरी में 11081, जगदलपुर में 33859 मरीजों को दवाइंयों का वितरण किया गया है।
1 लाख 71 हजार 716 का हुआ लैब टेस्ट
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से 811356 कैंपों में लगभग 1 लाख 71 हजार 716 का लैब टेस्ट भी हुआ है। सबसे अधिक रायपुर नगरीय क्षेत्र के मरीजों का लैब टेस्ट हुआ। रायपुर में 43714, बिलासपुर में 10057, कोरबा में 18251, अंबिकापुर में 14269, दुर्ग में 9815, भिलाई में 9580 और राजनांदगांव में 12799 मरीजों का लैब टेस्ट हुआ है।
प्रतिदिन 59 मरीजों को मिल रहा स्वास्थ्य लाभ
मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से स्लम इलाकों में कैंप लगाकर इलाज एवं स्वास्थ्य जांच की जाती है। अब तक लगाए गए शिविर में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले मरीजों का औसत देखे तो प्रति एमएमयू 59 मरीजों को इसका लाभ मिल रहा है। दाई-दीदी क्लीनीक के माध्यम से प्रति एमएमयू 66 महिलाओं को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना अंतर्गत दाई-दीदी क्लीनिक देश की ऐसी पहली योजना है जिसमें महिला चिकित्सक से लेकर अन्य सभी स्टाफ महिलाएं है। महिलाओं द्वारा महिलाओं के इलाज होने से स्लम सहित आसपास की महिलाएं बेझिझक अपना उपचार करा पाती है।
* सहायक जनसंपर्क अधिकारी
कमलज्योति