छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक नई योजना वनवासियों के विकास और उत्थान के लिए शुरू करने जा रही है इस योजना का नाम इंदिरा वन मितान योजना है। इस नई योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वनवासियों को वन के द्वारा आये का साधन उपलब्ध करना और वन में रहने वाले लोगो और गांवों को स्वावलंबी बनाना है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 09 अगस्त 2020 को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर इस नई इंदिरा वन मितान योजना के शुभारंभ की घोषणा की।
इन्दिरा वन मितान योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के आदिवासी अंचल के 10,000 गावों में युवाओं के समूह गठित कर उनके माध्यम से वन आधारित प्रोडक्ट का का विकास और उनके लिए मार्किट उपलब्ध करना तथा वन वासियो द्वारा समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। 10 से 15 सदस्यों के इन समूहों में वनवासी युवाओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी। योजना के तहत प्रत्येक आदिवासी विकासखण्ड में वनोपज प्रसंस्करण केन्द्र की भी स्थापना की जाएगी।
छत्तीसगढ़ सरकार इस योजना के माध्यम से विभिन्न वनांचल में रहने वाले ग्रामीण समूहों को वृक्ष प्रबंधन का अधिकार प्रदान किया जाएगा जिससे वे वन क्षेत्रों के वृक्षों से वनोपज संग्रहण कर आर्थिक लाभ ले सकें। छत्तीसगढ़ सरकार ने इंदिरा वन मितान योजना द्वारा अनुसूचित क्षेत्रों के 19 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है।
छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना :
छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना के द्वारा बनाई जाने वाले समूहों के माध्यम से ही वनोपज की खरीदी, उसका प्रसंस्करण (Processing) एवं मार्केटिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। योजना के तहत बनाए जाने वाले इन समूहों के माध्यम से वनवासियों के स्वरोजगार और उनकी समृद्धि के नए द्वारा खुलेंगे। छत्तीसगढ़ राज्य में पहले 7 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी होती थी जिसे अब बढ़ाकर 31 कर दिया है।
वनांचल होंगे खुशहाल
सरकार ने रखा ख्याल pic.twitter.com/g1eJKPzmMq— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 13, 2020
छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना :
योजना का नाम | छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना |
राज्य | छत्तीसगढ़ |
प्रारंभ तिथि | 9/8/2020 |
घोषणा किसके द्वारा | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा |
लाभार्थी | वनांचल में रहने वाले छत्तीसगढ़ के नागरिक |
विभाग | आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग |
छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना के उद्देश्य :
यह योजना आदिवासी अंचल विकास के लोगों के लिए शुरू की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी वन मितान योजना द्वारा स्वरोजगार एवं समृद्धि के द्वार खोल रहे हैं| इस योजना के अंतर्गत 19 लाख परिवारों को जोड़ा जाएगा और लाभान्वित किया जाएगा योजना का उद्देश्य आदिवासी अंचल के लोगों को योजना के तहत लाभान्वित करना है और रोजगार की संख्या में वृद्धि करनी है।
▶️छत्तीसगढ़ में शुरू होगी "इंदिरा वन मितान योजना", मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर की घोषणा @bhupeshbaghel @ChhattisgarhCMO @DPRChhattisgarh pic.twitter.com/CPHnlDAYBj
— Narayanpur (@NarayanpurDist) August 10, 2020
इंदिरा वन मितान योजना छत्तीसगढ़ की विशेषताऐं :
- योजना का लक्ष्य :- इस योजना के अंतर्गत कम से कम 19 लाख परिवारों को इसमें शामिल किया जायेगा।
- आर्थिक गतिविधियों का संचालन :- इस योजना के तहत वन आधारित आर्थिक गतिविधियों का संचालन करने के लिए 10 हजार गांवों के समूह का गठन किया जायेगा और प्रत्येक समूह में 10 से 15 सदस्य शामिल होंगे। इन समूहों में विशेष रूप से युवा शामिल होंगे।
- स्वरोजगार एवं समृद्धि में बढ़ावा :- इस योजना से राज्य के लाभार्थियों को स्वरोजगार के अवसर के साथ साथ समृद्ध बनने का मौका का भी मिल सकेगा।
- वनोपज प्रोसेसिंग केंद्र की स्थापना :- इस योजना के तहत वनोपज प्रोसेसिंग केंद्र की स्थापना भी की जाएगी, जोकि प्रत्येक आदिवासी विकासखंड में बनाये जायेंगे. कुल मिलाकर 85 विकासखंड होंगे जहाँ पर यह केंद्र स्थापित होंगे।
- कुल बजट :- इस योजना में वनोपज प्रोसेसिंग केंद्र की स्थापना में राज्य सरकार ने 8 करोड़ 50 लाख रूपये तक का बजट आवंटित किया है, जिसमें से हर केंद्र के बनने में कम से कम 10 लाख रूपये का खर्च आयेगा।
- गठन किये गये समूहों की दिया जाने वाला कार्य :- इस योजना में गांव के समूह का गठन किया गया है. जिनका कार्य होगा वृक्ष प्रबंधन, वन उपज की खरीद, मार्केटिंग एवं प्रोसेसिंग का प्रबंधन करना।
- वनोपजन की खरीद :- पहले छत्तीसगढ़ में केचल 7 प्रकार के वनोपज की खरीदी होती थी किन्तु अब यह बढ़कर 31 हो गई है।
- वनोंपज का सही मूल्य :- वन समूहों के द्वारा बेचे जाने वाले वनोपज का सही मूल्य मिलेगा। और इससे समर्थन मूल्य में भी वृद्धि होगी।
- फलदार एवं वनौषधियों वाले पौधे का रोपण :- इस योजना में वन वासियों की आय में वृद्धि भी की जानी हैं इसके लिए इमारती लकड़ी के स्थान पर फलदार एवं वनौषधियों वाले पौधों का रोपण किया जाएगा।
"इंदिरा वन मितान योजना" न सिर्फ वनवासियों के लिए खुशहाली लेकर आएगी बल्कि वनांचल के गांवों को स्वावलंबी भी बनाएगी।
इसके तहत राज्य के आदिवासी अंचल के दस हजार गाँव में युवाओं के समूह गठित कर उनके माध्यम से वन आधारित समस्त आर्थिक गतिविधियों का संचालन होगा। #MondayMotivation https://t.co/n6XcjIVRFD
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 10, 2020
इंदिरा वन मितान योजना के प्रमुख लाभ :
- ग्रामीण वनवासियों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर।
- योजना के तहत बनाए जाने वाले समूहों को वन प्रबंधन के अधिकार।
- वन समूहों के माध्यम से बिकने वाले वनोपज का सही मूल्य मिलेगा।
- प्रत्येक विकासखण्ड में वनोपज प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना इससे आर्थिक गतिविद्या बड़ाई जाएँगी।
- वनवासियों की आय बढ़ाने के लिए इमारती लकड़ी की बजाए फलदार और वनौषधियों का पौधरोपन।
- लघु वनोपज की खरीदी और उनके समर्थन मूल्य में वृद्धि।
- योजना से वनांचल ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 5 से 6 लाख लोग जुड़ेंगे।
इंदिरा वन मितान योजना छत्तीसगढ़ में पात्रता मापदंड :
- छत्तीसगढ़ का निवासी :- इस योजना का लाभ केवल छत्तीसगढ़ के निवासी ही ले सकते हैं। अन्य राज्यों के लिए यह योजना नहीं है।
- वनी इलाकों में रहने वाले युवा :- इस योजना का लाभ लेने वाले युवा वनी इलाकें से संबंधित होना चाहिये।
- जाति पात्रता :- इस योजना में जाति पात्रता के आधार पर अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को ज्यादा लाभांवित किया जायेगा। इसके साथ ही आदिवासी समाज के लोगों को भी इसमें लाभ दिया जायेगा।
छत्तीसगढ़ इंदिरा वन मितान योजना के आवश्यक दस्तावेज :
- निवास प्रमाण पत्र :- छत्तीसगढ़ के निवासियों को अपना निवास प्रमाण पत्र की कॉपी दिखानी होगी।
- आधार कार्ड :- आवेदकों की पहचान के लिए आवश्यक हैं वे अपना आधर कार्ड अवश्य याद रखें।
- जाति प्रमाण पत्र :- इस योजना में चुकी जाति पात्रता भी सुनिश्चित की हैं इसलिए इसका प्रमाण पत्र भी फॉर्म में अटैच करना आवश्यक है।
- बैंक खाता एवं मोबाइल नंबर :- इस योजना में आवेदन करने वाले आवेदकों के पास उनका खुद का एक बैंक खता होना चाहिए जोकि उनके मोबाइल नंबर से जुड़ा हो।