उत्तर प्रदेश 1 मई 2016 को बलिया से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जवला योजना की शुरुआत की थी। भारी-भरकम भीड़ के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की बात कही थी। जिसके बाद इसके वितरण और क्रियान्वयन पर कई बार भी सवाल उठते रहे। लेकिन प्रधानमंत्री उज्जवला योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। PM मोदी की इस योजना के बाद चूल्हा फूंकते-फूंकते महिलाओं की आंखों से न आंसू आ रहे हैं और न ही सेहत पर असर पड़ रहा है। घर में चूल्हे से निकलने वाले धुंए से छुट्टी मिलने के बाद महिलाओं में दमा-खांसी के 20 प्रतिशत मामलों में कमी देखने को मिली है।
इंडियन चेस्ट सोसाइटी और ‘चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन’ ने दो साल की पड़ताल के बाद यह पाया है कि जिस रसोई में LPG पहुंची है, वहां श्वास रोग और अन्य बीमारियां 20 प्रतिशत तक घटी हैं। वर्ष 2016 में 880 शहर और कस्बों में 13,500 डॉक्टरों ने OPD में आए 2.05 लाख रोगियों के मर्ज के आधार पर वर्गीकरण किया। इस वर्ष 9 मई, 2016 को उज्ज्वला योजना लागू हुई तो इन्हीं रोगियों का क्षेत्रवार और LPG प्रयोग के आधार पर विश्लेषण किया गया। जहां एलपीजी का प्रयोग कम है, वहां श्वास रोगी ढाई गुना अधिक मिले। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने जानकारी देते हुए कहा कि यह योजना 27 प्रतिशत गरीबों को बीपीएल श्रेणी से ऊपर लाने में भी मददगार साबित हुई है।
तीन साल में सरकार का लक्ष्य लगभग 5 करोड़ गरीब महिलाओं को एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था। प्रधान ने कहा कि इस योजना के तहत देशभर में सरकार ने अब तक 7.34 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान किए हैं। दूसरा सिलेंडर लेने पर सब्सिडी लाभार्थियों के खाते में डाल दी गई। प्रधान ने कहा कि उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने के लिए पांच वर्ष में देशभर में 9000 से ज्यादा LPG वितरण केंद्र खोले गए हैं। अकेले उत्तर प्रदेश में 1.34 करोड LPG कनेक्शन बांटे गए हैं। उन्होंने बताया कि 86 फीसद उज्जवला के लाभार्थियों ने अपना पहला सिलेंडर उपयोग करने के बाद वापस कर दूसरा भरा सिलेंडर खरीदा।