दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत’ के पूरे हुए तीन साल, गरीबों को मिली स्वास्थ्य सुरक्षा, 2.19 करोड़ लोग हुए लाभान्वित

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में जुटी है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (पीएम-जेवाई) की शुरुआत की थी, जिसने आज (23 सितंबर, 2021) तीन साल पूरा कर लिया। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर कहा कि यह योजना पिछले तीन सालों से गरीबों के इलाज में अहम भूमिका निभा रही हैं। दवाओं की लागत, उपचार सहित विभिन्न प्रकार के खर्च की चिंता से मुक्त करते हुए यह योजना गरीब को बेहतर इलाज सुनिश्चित कर रही है। इस योजना के तहत हर मिनट 14 लोगों को अस्पताल में दाखिला मिल रहा है। अब तक 2.19 करोड़ लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।

इस योजना के तीन साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘पिछले वर्ष में स्वास्थ्य सेवा के महत्व को और भी स्पष्ट रूप से समझा गया है। यह हमारे नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्ता और सस्ती स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता है। आयुष्मान भारत पीएम-जय इस दृष्टि को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह योजना गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करती है।’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति के जीवन स्तर को सुधारने की है। आयुष्मान भारत योजना से करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध हुई है और निरंतर यह योजना गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना उन गरीबों का बेहतर इलाज सुनिश्चित कर रही है, जिन्हें महंगा इलाज और दवाएं नहीं मिल पा रही हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिससे 50 करोड़ लाभार्थी मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकते हैं।

इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत से लेकर अब तक इसके सफल संचालन की दिशा में मोदी सरकार की तरफ से 26 हजार 316 करोड़ रुपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। अब तक कुल 24 हजार सार्वजनिक व निजी अस्पतालों को इस योजना के तहत सूचीबद्ध किया जा चुका है और औसतन प्रतिदिन 22 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। इस योजना के तहत अब तक 16.5 करोड़ व्यक्तिगत लाभार्थियों को सत्यापित कर आयुष्मान कार्ड प्रदान किए गए है। वहीं, प्रति मिनट औसतन 105 कार्ड जारी किए जाते हैं।

यह योजना गरीबों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है। पहले इलाज के लिए अग्रिम नकदी देने में गरीब अक्सर असमर्थ होते हैं। लेकिन इस योजना से गरीबों को राहत मिली है। इसके अंतर्गत 1600 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को शामिल किया गया है। पहले परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण महिलाएं स्वास्थ्य सेवा से वंचित रह जाती थी। इस योजना ने अब असमानता को दूर कर दिया है। इस योजना की करीब 50 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं। 141 स्वास्थ्य लाभ पैकेज विशेष रूप से महिलओं के लिए डिजाइन किए गए हैं। कोरोना महामारी के समय भी यह योजना सहायक रही। इसके तहत 20 लाख से अधिक कोविड-19 की जांच की गई। 7.25 लाख लाभार्थियों का इलाज किया गया, जिस पर 2,800 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 सितंबर, 2018 को झारखंड की राजधानी रांची में इस योजना की शुरुआत की थी। इस योजना का उद्देश्य प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ़्त इलाज माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 10.74 करोड़ से भी अधिक गरीब और वंचित परिवारों (या लगभग 50 करोड़ लाभार्थियों को) मुहैया कराना जो भारतीय आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं। मोदी सरकार इस जन आरोग्य योजना को और सुगम और सरल बनाने की कोशिश में जुटी है, ताकि अधिक-से-अधिक गरीब परिवार इसका लाभ उठा सकें। इसके लिए एक वेबसाइट mera.pmjay.gov.in और टोल फ्री नंबर 14555 और टोल फ्री नंबर 1800-111-565 जारी किया जा चुका है। इसकी मदद से कोई भी जान सकता है कि उसका परिवार लाभार्थियों में शामिल है या नहीं।

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