देश की वर्तमान सरकार का मिशन हैं- सबका साथ सबका विकास करने का इसी मिशन को यथार्थ में बदलने के लिए केंद्र सरकार द्वारा देश के अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति/ जनजाति, पिछड़ी जाति एवं महिलाओं के स्वावलंबन हेतु स्किल डेवलपमेंट योजना, स्वरोजगार हेतु सब्सिडी दर पर लोन मुहैया कराने की योजना तथा मिहलाओं और बच्चों के पोषण और अधिकारों के लिए जागरूकता बढ़ाने की योजना का संचालन किया गया है।
इसी क्रम में 2017-18 के बजट में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के अंतर्गत महिला शक्ति केंद्र योजना को शामिल करने की घोषणा की गयी है। इस नयी उपयोजना को 2017-18 से 2019-20 तक क्रियान्वयन करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना का संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। आइये जाने इस योजना की विस्तृत जानकारी इस लेख के माध्यम से।
प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना
महिला शक्ति केंद्र योजना हिसाब और भेदभाव से मुक्त वातावरण में समान सहित जीते हुए देश की प्रगति में बराबर योगदान दे सकती हैं| इसी सोच के तहत देश की आधी आबादी यानी महिलाओं को सशक्तीकरण और महिला को सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने यह बड़ा फैसला लिया है |इन केंद्रों के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों को केंद्र सरकार से जुड़ी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी ट्रेनिंग और सामुदायिक भागीदारी के जरिए क्षमता विकास पर जोर दिया जाएगा|दूरदराज के इलाकों में जागरूकता लाने के लिए लगभग 300000 छात्र बनेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ को विस्तार दिया गया है| अब इस योजना को 640 जिलों में लागू किया जाएगा इस योजना से महिलाओं को सरकार की योजनाओं और बढ़ते हुए लिंग अनुपात को कम करने के लिए इस योजना की पहल की है।
हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए 150 से ज्यादा जिलों में ‘वन स्टॉप सेंटर्स’ खोले जाएंगे। जिन्हें महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा। महिला पुलिस वॉलंटियर्स की भागीदारी बढ़ाई जाएगी. इसके अलावा कामकाजी महिलाओं के लिए 190 वर्किंग विमन हॉस्टिल्ज़ बनाए जाएँगे।सभी योजनाओं की समीक्षा और मॉनिटरिंग के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिलास्तर पर कार्यबल गठित किया जाएगा, इन योजनाओं के लिए वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक वित्तीय खर्च लगभग 3600 करोड़ रुपये (3636.85 करोड़ ) रखा गया है।
महिला शक्ति केंद्र योजना क्या है?
22 नवंबर, 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में ‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति’ (CCEA) ने ‘प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र’ (PMMSK) नामक नई योजना को मंजूरी प्रदान की। उल्लेखनीय है कि आम बजट, 2017-18 में 14 लाख आईसीडीएस आंगनबाड़ी केंद्रों में महिला शक्ति केंद्र की स्थापना के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। इसका क्रियान्वयन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जाना है।
एमएसके योजना का उद्देश्य
इस योजना की शुरूआत पहले चरण में 115 अति पिछड़े जिलों के ब्लाक से की जाएगी। इस योजना के तहत स्वयंसेवक छात्र NGO परिवर्तन के एजेंट के रूप में आंगनबाड़ी की महिला सदस्यों के साथ मिलकर ग्रामीण महिलाओं को सरकार द्वारा चलायी गई उनके हित की योजनाओं, बच्चों के पोषण, लिंग केअनुपात में समानता, महिलाओं के अधिकार आदि के बारे में जागरूक करने का कार्य करेंगे। जिससे महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बन सकें और नवजात शिशुओं के कुपोषण की समस्या पर काबू पाया जा सके तथा बच्चियों की शिक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
योजना से लाभ
- महिलाओं के प्रति हिंसा को कम करने में सहायक होगी।
- महिलाओं एवं बच्चो के कुपोषण एवं स्वास्थ में सुधार होगा।
- ग्रामीण महिलाओं में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
- सरकार द्वारा शुरू किये गए महिलाओं के हित की योजनाओं और उनका लाभ लेने के लिए प्रोत्साहन एवं जागरूकता का विकास होगा।
- कुल मिलाकर ऐसी योजनाओं से देश के पिछड़े एवं शोषित वर्ग का पुनरुत्थान होगा तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता मिलेगी। जिससे देश का चहुमुखी विकास संभव हो सकेगा।
महत्वपूर्ण बिंदु
- देश के 115 सर्वाधिक पिछड़े जिलों में ब्लॉक स्तर पर 920 महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना को मंत्रिमंडल ने मंजूरी प्रदान की।
- इसमें स्थानीय कॉलेजों से लगभग 3 लाख से भी अधिक स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थियों को लगाया जाएगा, जबकि एनएसएस/एनसीसी कैडर के साथ विद्यार्थियों का सहयोग एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का एक अवसर भी होगा।
- स्वेच्छाकर्मी विद्यार्थियों के कार्य-कलापों पर आधारित प्रमाण को वेब आधारित प्रणाली के माध्यम से मॉनीटर किया जाएगा।
अन्य योजनाओं को विस्तार
- 22 नवंबर, 2017 को ही आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को अम्ब्रेला स्कीम ‘महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन’ के तहत वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक के लिए विस्तार को स्वीकृति प्रदान की।
- 640 जिलों में मीडिया अभियान और चयनित 405 जिलों में बहु-क्षेत्रीय कार्यवाही के माध्यम से ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ (BBBP) के लिए विस्तार और प्रयासों में तेजी के लिए भी मंजूरी प्रदान की गई।
- जिन जिलों में बाल लिंगानुपात (Child Sex Ratio) सबसे कम है, उन सभी जिलों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पहले वर्ष ही शामिल किया जाएगा।
- कामकाजी महिलाओं के लिए 190 से अधिक कामकाजी महिला हॉस्टलों की स्थापना की जानी है, जिनमें लगभग 19,000 महिलाएं रह सकेंगी।
- इसके अलावा लगभग 26,000 लाभार्थियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने हेतु अतिरिक्त स्वाधार गृहों को भी मंजूरी प्रदान की गई।
वन स्टॉप सेंटर
- ऐसी महिलाएं, जो हिंसा से पीड़ित हैं, उनको सहायता प्रदान करने के लिए इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्त जिलों में वन स्टॉप सेंटर (OSC) की स्थापना की जाएगी।
- इनको महिला हेल्पलाइन (1090) के साथ जोड़ा जाएगा और हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे का आपातकालीन एवं गैर-आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली प्रदान की जाएगी।
- जनता-पुलिस संपर्क स्थापित करने हेतु राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में स्वैच्छिक आधार पर महिला पुलिस स्वेच्छाकर्मियों (MPVs) को संलग्न करके एक अद्वितीय पहल शुरू की जाएगी।
- देश के सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को आच्छादित (Cover) करते हुए 65 जिलों में इसको विस्तारित किया जाएगा।
निगरानी और मूल्यांकन
महिलाओं के लिए सुरक्षा और सशक्तीकरण मिशन के तहत सभी उपयोजनाओं की योजना, समीक्षा और निगरानी के लिए राष्ट्रीय राज्य और जिला स्तर पर एक सामान्य कार्यबल गठित किया जाएगा। इनका उद्देश्य कार्यवाही के अभिसरण (Convergence of Action) और लागत दक्षता (Cost Efficiency) को सुनिश्चित करना है। प्रत्येक योजना का सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के अनुरूप स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित होगा। नीति (NITI) आयोग के सुझाव के अनुसार, सभी उपयोजनाओं के लिए सूचकों पर आधारित परिणाम की निगरानी के लिए तंत्र की स्थापना की जाएगी।
इन योजनाओं को राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों और कार्यान्वयन एजेंसियों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा। केंद्रीय स्तर, राज्य स्तर, जिला और खंड स्तर पर सभी उपयोजनाओ का एक अंतर्निहित निगरानी ढांचा (Inbuilt Monitoring Structure) होगा।
प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना का विवरण
- प्रधानमंत्री महिला शक्ति केंद्र योजना महिलाओं और बाल विकास के लिए प्लांट कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानने के लिए महिलाओं से जुड़ी में महिलाओं को भी इंटरफ़ेस प्रदान करेगी।
- महिला शक्ति केंद्र योजना की प्रक्रिया में स्थानीय कॉलेजों के 3 लाख से अधिक छात्र स्वयंसेवकों का कार्यरत होगा।
- वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इस साल अपने बजट भाषण के दौरान 14 लाख आँगनवाड़ी केंद्रों पर ऐसी महिला शक्ति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की थी और योजना के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
- इस योजना के तहत यौन उत्पीड़न की महिलाओं के बचे लोगों को चिकित्सा,पुलिस,कानूनी और सहायता प्रदान करने के लिए 150 एक स्टॉप सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
महिला शक्ति केंद्र (एमएसके) के ब्लाक स्तरीय कार्य
- ग्राम स्तर पर समूह को सुद्रिन करने के लिए महिलाओं को एकत्र करना।
- ग्राम सभा, पंचायती राज संस्थाओं एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों जैसी कार्यप्रणाली में महिलाओं की भागीदारी को बढाने के लिए प्रोत्साहित करना
- कार्यकर्ताओं द्वारा सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी को ग्रामीण महिलाओं में प्रसार करने की प्रक्रिया को सरल बनाना एवं महिलाओं को उनके विकास से सम्बंधित योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित और सहायता करना।
- सरकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों में नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ जैसे -आधार कार्ड , निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र आदि तैयार करने में महिलाओं की मदद करना।
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के प्रचार एवं प्रसार में जिला स्तरीय महिला केंद्र (डीएलसीडब्ल्यू) की सहायता करना।
- पंचायतो, वन स्टॉप सेंटर, ग्राम स्वास्थ, स्वच्छता एवं पोषण समिति /ग्राम स्वास्थ एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनसी /वीएचएनडी) जैसे प्लेटफार्म के प्रयासों द्वारा शिकायत निवारण प्रणाली को सरल बनाना।
- महिला शक्ति केंद्र के कार्यकर्ताओं (स्टाफ) का उसी क्षेत्र में कार्यरत सिविल सोसाइटी संगठन (सिएसओ), गैर सरकारी संगठन (एन जीओ) से जोखिम भरे अवसरों पर सहायता के लिए समन्वय स्थापित करना।
- राज्य में महिलाओं एवं बच्चों के प्रति हिंसा, शिक्षा, वित्त, स्वास्थ एवं पोषण से सम्बंधित, आजीविका के क्षेत्र (सेक्टर) में काम कर रहे सरकारी, सिविल सोसाइटी संगठन, पंचायती राज्य संस्थाओं की ग्रामीण महिलाओं को पहचान करवाना।
योजना का क्रियान्वयन
नयी उपयोजना महिला शक्ति केंद्र के माध्यम से महिलाओं के सुरक्षा एवं सशक्तिकरण एवं बाल कुपोषण,शिक्षा स्वास्थ तथा अधिकारों से सम्बंधित सभी मुद्दों पर राष्ट्र और राज्य स्तरीय सस्थाएं सरकार की तकनिकी के माध्यम से सहयोग प्रदान करेंगी। वहींं जिला और ब्लाक स्तरीय बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना सहित महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण मिशन नामक अम्ब्रेला योजना को 640 जिलों में चरणबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करने में महिला शक्ति केंद्र को सहयोग प्रदान करेंगे। ब्लाक स्तरीय समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल होंगे :
- जिले / ब्लाक में चलाए जा रहे कालेजों के चार सदस्य
- जिले के सरकारी प्रतिनिधि
- ब्लाक के एक सरकारी प्रतिनिधि
- महिला स्वयं सहायता समूह के दो प्रतिनिधि
निष्कर्ष
सशक्त महिलाएं, हिंसा व भेदभाव से मुक्त वातावरण में सम्मान सहित जीते हुए देश की प्रगति में बराबर योगदान दे सकती हैं। इसी सोच के तहत देश की आधी आबादी के सशक्तीकरण और सुरक्षा को लेकर सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जाती रही हैं। इसी प्रक्रिया के तहत केंद्र सरकार द्वारा कुछ योजनाओं को विस्तार तथा कुछ नई योजनाओं की शुरुआत की गई है। जिनके द्वारा लिंगानुपात में सुधार, नवजात कन्याशिशु की उत्तरजीविता और सुरक्षा, उसकी शिक्षा व्यवस्था की सुनिश्चितता प्रदान कर उसे सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना है। पूर्व में चल रही बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उनका विस्तार किया गया है।