बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना कि शुरुआत देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 22 जनवरी 2015 में कि इस योजना के तहत देश कि हर बेटी का भविष्य उज्ज्वल बनाया जाएगा बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना योजना के जरिये बेटी का बैंक खाता खुलवाना होता है। वो भी उसके जन्म से लेकर 10 पूर्ण होने से पहले पहले सरकार कि इस योजना से देश कि हर बेटी का जीवन स्तर काफी हद तक उच्चा उठेगा इस योजना का लाभ लेने के लिए इन्च्चुक व्यक्ति अपनी बेटी का खाता किसी नजदीकी बैंक में भी खुलवा सकता है।
या फिर नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर भी खुलवा सकते है। इस बैंक खाते में आपको अपनी बेटी के 14 वर्ष होने तक कुछ धनराशी जमा करनी पडती है। उसके बाद जब आपको बेटी कि आयु 18 वर्ष कि हो जाती है तो आप उस जमा धनराशी में से 50% हिसा अपनी बेटी कि शिक्षा के लिए निकाल सकते है। और बाकी का पैसा आप अपनी बेटी कि शादी के लिए निकाल सकते है मोदी सरकार कि इस योजना से बेटियों के उत्थान और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में काफी मदद मिलेगी क्योंकि देश में ऐसे बहुत से गरीब परिवार है।
योजना का नाम | बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ |
किसके द्वारा शुरूआत | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा |
लॉन्च की तारीक | 22 जनवरी 2015 |
उद्देश्य | लड़कियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना |
लाभार्थी | बिटिया |
ब्रांड एम्बेसडर | माधुरी दीक्षित नेने |
विभाग | महिला और बाल विकास मंत्रालय |
ऑफिसियल वेबसाइट | https://wcd.nic.in/ |
विभाग | महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा |
हेल्पलाइन नंबर | 011-23381611 |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना क्या है :
“बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना” में आप किसी नजदीक बैंक शाखा या पोस्ट ऑफिस में अपनी बेटी के नाम से बैंक अकाउंट खुलवा सकते हैं। बच्ची के जन्म से लेकर उसके 18 वर्ष के होने तक आप जो भी धन राशि बैंक खाते में जमा करेंगे उसका आधा अर्थात 50% राशि बालिका की पढाई के लिए निकाली जा सकती हैं। जैसे ही लड़की की आयु 21 वर्ष हो जाती हैं आप उसकी शादी के लिए पूरी धन राशि निकाल सकते हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना मुख्य उद्देश्य :
- कन्या भ्रूण हत्या को रोकना : योजना का मुख्य उद्देश्य देश में कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकना तथा ऐसे अपराध करने वाले लोगों को कठोर से कठोर दंड प्रदान करना है। ताकि देश में बेटियों की स्थिति को सुधारा जा सके। और उन्हें लड़कों जैसा दर्जा प्रदान किया जा सके। ताकि वह भी अपने सपनो को पूरा कर देश की प्रगति में अपना योगदान दें सकें।
- बेटियों की सुरक्षा : बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का उद्देश्य केवल कन्या भ्रूण हत्या को रोकना नही बल्कि बेटियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना भी है। आए दिन बेटियों के साथ छेड़छाड़ बलात्कार जैसे घिनौने अपराध किए जा रहे हैं। इन अपराधों को रोकना और ऐसे अपराधियों को दंडित करना भी बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का मुख्य उद्देश्य है। बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना का संचालन करने के लिए देश की सरकार ने 200 करोड़ रुपए का फंड प्रदान किया है। इस योजना से देश में हो रहे बेटियों के साथ अत्याचार को कम करने में सहयता मिलेगी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की विशेषताएं :
- बेटियों की सुरक्षा एवं शिक्षा के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना : देश में लड़कियों का अनुपात कम होता जा रहा है। छोटी बच्चियों की सुरक्षा के लिए और उनके परिवार वालों को उन्हें शिक्षित करने के लिए प्रोत्साहित करने का यह एक मजबूत प्रयास है। इस योजना में लिंग बराबरी, छोटी बच्चियों की सुरक्षा और उन्हें स्वास्थ्य सम्बंधित सहायता प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने पर फोकस किया जाता है।
- सुकन्या समृद्धि खाता : बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत, एक बचत योजना शुरू की गई है जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना। यह एक खाता है जोकि छोटी बच्चियों के लिए खोला जाता है. यहाँ उनके माता-पिता या अभिभावक अपनी बेटियों के लिए पैसे की बचत करते हैं, जिसका उपयोग उनकी शिक्षा एवं शादी के लिए किया जाता है। इस खाते में कोई टैक्स की अवधि नहीं है। यह उनके परिवार की वित्तीय स्थिति को सुधारने में कुछ मदद करेगा।
- बेहतर ब्याज दर : इस योजना में खोले जाने वाले बचत खाते में ब्याज दर बेहतर दी जाएगी, जोकि अन्य चीजों में दी जाने वाली ब्याज दर से अधिक होगी।
- पैसे की निकासी : इस योजना के तहत बेटियों के माता- पिता उनके नाम से पैसा जमा कर सकते हैं, और इसे वे लड़की की 21 साल तक की उम्र तक जारी रख सकते हैं। जैसे ही लड़की की उम्र 29 वर्ष होगी, या यदि वह 18 से 29 साल तक की उम्र के बीच में शादी करने का फैसला लेती हैं तो यह फण्ड मैच्योर्ड हो जायेगा, और यह फण्ड स्वयं ही मेच्योरिटी स्टेज में पहुँच जायेगा, फिर केवल लड़की ही इस खाते से पैसे निकाल सकेंगी।
- स्कूलों की फीस नहीं देनी होगी : इसके तहत सरकारी स्कूलों में पढने वाली बच्चियों को किसी भी प्रकार से स्कूल फीस नहीं देनी होती है। इसके अलावा कुछ प्राइवेट स्कूलों में भी बच्चियों के लिए विशेष डिस्काउंट प्रदान किया जाता है।
- योजना की देखरेख : इस योजना की शुरुआत केन्द्रीय सरकार द्वारा की गई है। लेकिन इसे महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का भी संयुक्त रूप से समर्थन प्राप्त है, ताकि महिला भ्रूणहत्या जैसे गुनाह समाप्त हो और संतुलित एवं शिक्षित समाज को बढ़ावा दिया जा सके।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के फायदे :
- इस योजना के तहत बेटी आत्मनिर्भर बनेगी।
- बेटी को उच्च शिक्षा प्रात होगी।
- इस योजना का खाता बेटी के 10 वर्ष पूर्ण होने से पहले पहले खोला जा सकता है।
- लोगों कि गलत भ्रान्ति बेटी के प्रति है उसको दूर किया जा सकेगा।
- ऐसे परिवार जो अपनी बेटी कि शादी का खर्च उठाने में असमर्थ है उनको इस योजना के तहत शादी के लिए धनराशी दी जाती है।
- देश में कम हो रहे लिंगानुपात पर रोक लगाईं जा सकेगी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लाभ :
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत आप 10 साल की बेटी बैंक में खाता खुलवा सकते हैं।
- इस योजना में बेटी के माता पिता बेटियों को बेहतर शिक्षा दे सकते हैं।
- साथ ही साथ बेटियों के विवाह की चिंता नहीं रहती है।
- इस योजना में आपको 14 वर्ष तक राशि जमा करनी होती है फिर आपके द्वारा जमा की गई राशि और सरकार द्वारा दी गई राशि एक साथ 21वर्ष बाद मिल जाता है। हालांकि आप चाहें तो बेटी की पढ़ाई के लिए 18 वर्ष बाद 50 %राशि निकाल सकते हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत निगरानी लक्ष्य :
- जन्म के समय बालिका लिंग अनुपात में सुधार महत्वपूर्ण जिलों में एक वर्ष में 2 अंक का सुधार।
- इस सरकारी योजना में बालिकाओं के लिए एक सुरक्षात्मक वातावरण को बढ़ावा देना और समीक्षा करना।
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत चयनित जिलों में हर स्कूल में लड़कियों के लिए शौचालय प्रदान करना।
- माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का नामांकन 82% तक बढ़ाना।
- स्थानीय समुदाय / महिलाओं / युवाओं के समूहों के साथ भागीदारी में पंचायती राज संस्थानों / शहरी स्थानीय निकायों / ग्रासरूट श्रमिकों को सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रशिक्षित करना और समय समय पर इस सरकारी योजना में लोगो को जोड़ना।
- भारत में वर्ष 1961 से बालिकाओं के लिंग अनुपात में लगातार गिरावट आ रही है।जहाँ 1991 में हर 1000 लड़कों की तुलना में 0 से 6 वर्ष की 945 लड़कियाँ थीं। वहीं 2011 में यह संख्या गिर कर 918 रह गयी जो की एक गंभीर चिंता का विषय बन गया।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना व महिला सुरक्षा एवं शक्तिकरण है।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के आरंभ के बाद से, लगभग सभी राज्यों में बहु-क्षेत्रीय जिला कार्यालयों में योजनाओं का संचालन किया गया है।
- जिला स्तरीय अधिकारियों और कार्यकर्ता की क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी किए गए हैं।
- अप्रैल-अक्टूबर, 2015 से सभी राज्यों / केन्द्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कवर करते हुए इस तरह के प्रशिक्षणों कई कार्यक्रम आयोजित किये गए है।
बेटी बचाओं बेटी पढाओं योजना में जमा होने वाली राशि और निकलने वाली राशि :
कब से कब तक जमा होगी धन राशि | बालिका के जन्म से 14 वर्ष की आयु तक |
18 वर्ष के बाद कितनी राशि निकाल सकते हैं ? | 50% अर्थात आधी राशि (बेटी की पढाई के लिए) |
21 वर्ष के बाद कितनी राशि निकाल सकते हैं ? | पूरी धन राशि निकाल सकते हैं (बेटी की शादी के लिए) |
यदि प्रतिवर्ष 1000 रु जमा करने पर | एक साल में 12,000 रूपए और 14 साल में 1,68,000 रूपए की धन राशि जमा होगी |
लेकिन मिलने वाली राशि (योजना के अनुसार) | 6,07,128 रुपए |
1.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष जमा करने की दशा में | 21 लाख कुल जमा धन राशि (14 वर्षो में) |
खाता परिपक्व होने की दशा में | 72 लाख रुपए प्राप्त होंगे |
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के लिए पात्रता :
- भारतीय नागरिक : इस योजना को भारत की केन्द्रीय सरकार द्वारा भारत की बेटियों के लिए शुरू किया गया है। इसलिए इसका लाभ भारत का कोई भी निवासी प्राप्त कर सकता है।
- एनआरआई के लिए नहीं है : भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के अनुसार, इसमें कोई भी एनआरआई को शामिल नहीं किया जाता है। सुकन्या समृद्धि योजना को डाकघर बचत खाता नियम 1981 द्वारा नियंत्रित किया जाता है, इसलिए एनआरआई इस श्रेणी के अंतर्गत नहीं आ सकते हैं।
- छोटी बच्चियों के लिए : इस योजना को गरीब परिवार की 10 साल तक की छोटी बच्चियों के लिए लागू किया गया है। इसमें केवल वह परिवार ही शामिल हो सकता है जो गरीबी रेखा से नीचे हो और उनके घर में छोटी बच्चियां हो।
- बैंक अकाउंट : इस योजना में उम्मीदवारों का किसी भी बैंक में सुकन्या समृद्धि अकाउंट होना बहुत जरुरी है, इसके बिना वे इसका लाभ नहीं उठा सकती हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के दस्तावेज :
- आधार कार्ड
- माता पिता का पहचान पत्र
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पेन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- बिटिया का आधार कार्ड
- आवासीय प्रमाण पत्र