दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना :- Deen Dayal Upadhyaya Grameen Kaushalya Yojana

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केंद्र सरकार द्वारा देश के युवाओ के लिए दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की शुरुआत की गई हैं। इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवाओ को सरकार द्वारा रोजगार प्रदान किया जाएगा। केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए 25 सितंबर 2014 को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की शुरुवात की हैं।

इस योजना का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को सरकार द्वारा स्किल देने के बाद निर्धारित न्यूनतम मजदूरी के बराबर या उससे ऊपर के वेतन पर रोजगार उपलब्ध कराना है। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना भारत सरकार की ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने के लिए की गई 1 अच्छी पहल है। इससे ग्रामीण आबादी की गरीबी में भी कमी आएगी। इस लेख के माध्यम से आज हम आपको दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की जानकारी प्रदान कर रहे है। योजना से सम्बंधित सभी प्रकार की जानकारी के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहे।

योजना का नाम दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
लॉन्च किया गया नितिन गडकरी और वेंकैया नायडु
प्रारंभिक वर्ष 25 सितंबर 2014
उद्देश्य गांव में रह रहे लोगो को ट्रेनिंग प्रदान करके रोजगार देना
लाभ ग्रामीण क्षेत्र के युवा
विभाग ग्रामीण विकास मंत्रालय
आधिकारिक वेबसाइट http://ddugky.gov.in/v

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का उद्देश्य :

आज के समय में देश में विकास के साथ साथ बेरोजगारी ही बढ़ती जा रही है लोगो की आर्थिक स्थिति और अधिक ख़राब होती जा रही है। कोरोना महामारी के कारण देश में कई लोगो की नौकरियां तक चली गयी है, लोग घर के अंदर बैठने के लिए मजबूर हो गए है जिससे उनके परिवार में और तंगी आने लगी है। इस समस्या को खत्म करने के लिए इस योजना को आरंभ किया गया। जिससे शिक्षित ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे नागरिको को रोजगार प्रदान किया जाएं। इसी के चलते राज्य सरकार व केंद्र सरकार कई सारी योजनाएं जारी कर रही है जिससे नागरिको को पर्शिक्षण मिल सके और उन्हें नौकरी मिल सके और बेरोजगारी जड़ से ख़त्म हो सके।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लाभ : 

  • दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे उनके कैरियर में प्रगति होगी।
  • ग्रामीण इलाकों में रोजगार के लिए जो शहरों की तरफ पलायन होगा उसमें इस योजना के कारण कमी आएगी।
  • गरीब ग्रामीण बेरोजगार युवाओं की पहचान की जाएगी।
  • दीनदयाल उपाध्याय योजना के अंतर्गत बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा जो कि पूरे देश में माना जाएगा।
  • इस योजना के माध्यम से रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए, ज्ञान उद्योग से जुड़े कौशल और मनो दृष्टि प्रदान किया जाएगा।
  • इस योजना में योग्यता के आधार पर चयन करके उनका प्लेसमेंट किया जाएगा।
  • युवाओं को ऐसी नौकरियां प्रदान की जाएगी जिनका सत्यापन स्वतंत्र जांच करने के तरीकों से किया जा सके और न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा भुगतान करती हो।

योजना से मिलने वाले लाभ एवं विषेशताएं :

  • जो भी ग्रामीण बेरोजगार नागरिक है उन्हें अपने पसंद के क्षेत्र के अनुसार ट्रेनिंग दी जाएगी।
  • आवेदक ऑनलाइन माध्यम द्वारा इसका आवेदन कर सकते है।
  • ऑनलाइन आवेदन से आवेदक के पैसे व समय दोनों की बचत होगी।
  • केंद्र सरकार की तरफ से युवाओ को उनकी ट्रेनिंग का प्रणाम पत्र दिया जायेगा।
  • दीनदयाल उपाध्याय कौशल योजना का आवेदन कोई भी कर सकता है इसके लिए केंद्र सरकार ने जगह जगह ट्रेनिंग सेंटर्स खुलवाएं है।
  • इस योजना का लक्ष्य यही निर्धारित किया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों से बेरोजगारी को हटाना ताकि गांव में रह रहे लोग भी रोजगार प्राप्त कर सके।
  • सरकार हर राज्य में और अधिक ट्रेनिंग सेंटर्स खुलवाएगी।
  • इसके अंतर्गत कुल 5 जिलों को सेलेक्ट किया गया है जो की इस प्रकार से है: बरनाला, संगरूर, फाजिल्का, भटिंडा, मानसा
  • 1500 ग्रामीण बेरोजगार लोगो को इसके अंतर्गत प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
  • योजना के तहत 200 तरीके के कामों को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत शामिल किया गया है।
  • जब भी युवाओ का पर्शिक्षण पूरा हो जायेगा उसके बाद उन्हें एक सर्टिफिकेट दिया जायेगा जिसके माध्यम से उन्हें नौकरी मिलने में आसानी होगी
  • ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगो को रोजगार के बारे में जानकरी प्रदान करना।
  • गांव में रह रहे बेरोजगार युवाओ के हुनर की पहचान करना।
  • सरकार योजना के अंतर्गत गरीब बेरोजगार नागरिको व उनके माता-पिता को काउंसलिंग के जरिये योजना के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।

मार्गदर्शक सिद्धांत :

  • गरीबों के बीच आर्थिक अवसरों के लिए एक मजबूत मांग है साथ ही उनके कार्य क्षमताओं को विकसित करने के संबंध में अपार अवसर हैं।
  • भारत के जनसांख्यिकीय अधिशेष को एक लाभांश में विकसित करने के लिए सामाजिक एकजुटता के साथ हीं मजबूत संस्थानों के एक नेटवर्क का होना आवश्यक है।
  • भारतीय और वैश्विक नियोक्ता के लिए ग्रामीण गरीबों को वांछनीय बनाने के लिए स्किलिंग के वितरण हेतु गुणवत्ता और मानक सर्वोपरि हैं।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत स्किलिंग एवं प्लेसमेंट :

  • अवसर पर समुदाय के भीतर जागरूकता का निर्माण।
  • गरीब ग्रामीण युवाओं की पहचान करना।
  • रुचि रखनेवाले ग्रामीण युवाओं को जुटाना।
  • युवाओं और माता-पिता की काउंसिलिंग।
  • योग्यता के आधार पर चयन।
  • रोजगार के अवसर को बढ़ाने के लिए ज्ञान, उद्योग से जुड़े कौशल और मनोदृष्टि प्रदान करना।
  • ऐसी नौकरियॉ प्रदान करना जिनका सत्यापन स्वतंत्र जांच करने के तरीकों से किया जा सके और जो न्यूनतम मजदूरी से ज्यादा भुगतान करती हों।
  • नियुक्ति के बाद कार्यरत व्यक्ति को स्थिरता के लिए सहायक।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का दृष्टिकोण :

  • प्रमुखता में बदलाव – प्रशिक्षण से कैरियर में प्रगति।
  • विकास से गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों को लाभ लेने हेतु सक्षम बनाना।
  • पलायन के दर्द को कम करना जब पलायन अनिवार्य हो।
  • भागीदारी के निर्माण के लिए सक्रिय दृष्टिकोण।
  • इनपुट और आउटपुट की निगरानी – जहां मुख्य ध्यान प्लेसमेंट यानी उत्पादन पर है।
  • यह राज्यों को डीडीयू-जीकेवाई परियोजनाओं का पूर्ण स्वामित्व लेने के लिए सक्षम बनाता है। यह फैसला किया गया है कि अब और किसी मल्टी स्टेट परियोजनाओं (एमएसपी) पर विचार नहीं किया जायेगा।
  • राज्य सरकार मुख्य निर्धारक – एकल राज्य परियोजना (एसएसपी) से वार्षिक कार्य योजनाओं(एएसपी) के लिए।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय (डोनर) के सहयोग से उत्तर पूर्व के राज्यों की विशेष आवश्यकताओं और जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास के लिए विशिष्ट परियोजनाएँ।
  • परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों (पीआईए) की क्षमता बढ़ाना।
  • सहमति और राज्य के हिस्से अनिवार्य है।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के विशेष घटक :

सामाजिक रूप से वंचित समूह के अनिवार्य कवरेज द्वारा उम्मीदवारों का पूर्ण सामाजिक समावेश सुनिश्चित किया जाता है। धन का 50% अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, 15% अल्पसंख्यकों के लिए और 3% विकलांग व्यक्तियों के लिए के लिए निर्धारित किया जाएगा। उम्मीदवारों में एक तिहाई संख्या महिलाओं की होनी चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय युवा उम्मीदवारों को हिमायत नाम की एक विशेष उप योजना के माध्यम से सक्षम किया गया है जो ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा राज्य के लिए एडीएसपी के तहत चल रही है एवं इसमें शहरी के साथ ही ग्रामीण युवाओं और गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) तथा साथ ही गरीबी रेखा से ऊपर ( एपीएल) को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा, रोशनी – आदिवासी क्षेत्रों और महत्वपूर्ण वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों के लिए एक विशेष योजना अलग दिशा निर्देशों के साथ शुरू की गयी है जो चयनित महत्वपूर्ण वामपंथी उग्रवाद जिलों में खास परिस्थितियों हेतु है। विशेष रूप से यह अलग अलग समय अवधि के लिए प्रशिक्षण प्रदान करता है।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत कार्यान्वयन प्रतिरूप :

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना एक त्रिस्तरीय कार्यान्वयन प्रतिरूप है। नीति निर्माण, तकनीकी सहायता और सरलीकरण एजेंसी के रूप में डीडीयू-जीकेवाई राष्ट्रीय यूनिट ग्रामीण विकास मंत्रालय में काम करता है। डीडीयू-जीकेवाई के राज्य मिशन कार्यान्वयन का समर्थन प्रदान करते हैं और परियोजना की कार्यान्वयन एजेंसियॉ स्किलिंग और प्लेसमेंट परियोजनाओं के माध्यम से कार्यक्रम को लागू करती हैं।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना की परियोजना अनुदान :

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना बाजार की मांग के समाधान के लिए नियोजन से जुड़ी स्किलिंग परियोजनाओं के लिए 25,696 रूपए से लेकर 1 लाख रूपए प्रति व्यक्ति तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है जो परियोजना की अवधि और परियोजना के आवासीय या गैर आवासीय होने पर निर्भर करता है। डीडीयू-जीकेवाई 576 घंटे (3 महीने) से लेकर 2,304 घंटे (12 महीने) तक के प्रशिक्षण अवधि की परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत अनुदान के घटक डीडीयू-जीकेवाई 250 से अधिक व्यापार क्षेत्रों जैसे खुदरा, आतिथ्य, स्वास्थ्य, निर्माण, मोटर वाहन, चमड़ा, विद्युत, पाइपलाइन, रत्न और आभूषण आदि को अनुदान प्रदान करता है। इसका एकमात्र अधिदेश है कि कौशल प्रशिक्षण मांग आधारित होना चाहिए और कम से कम 75% प्रशिक्षुओं की नियुक्ति होनी चाहिए। परियोजनाओं के वित्त पोषण हेतु प्राथमिकता निम्न पेशकश करने वाले पीआईए को दी जाती है:

विदेश प्लेसमेंट :

  • कैप्टिव रोजगार: उन पीआईए या संगठनों को जो आंतरिक मानव संसाधन की जरूरत को पूरा करने के लिए कौशल प्रशिक्षण कर रहे हों।
  • उद्योग इंटर्नशिप: उद्योग से सह वित्त पोषण के साथ इंटर्नशिप के लिए समर्थन।
  • चैंपियन नियोक्ता: पीआईए जो 2 साल की अवधि में 10,000 डीडीयू-जीकेवाई प्रशिक्षुओं की एक न्यूनतम संख्या के लिए कौशल प्रशिक्षण और प्लेसमेंट का आश्वासन दे सकता हो।
  • उच्च प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान: राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) से न्यूनतम 3.5 ग्रेडिंग प्राप्त संस्थान, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) या अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद से वित्त पोषित सामुदायिक कॉलेज जो डीडीयू-जीकेवाई परियोजनाओं में रूचि रखते हों।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के लिए योग्यता :

  • आवेदक की आयु 15 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए
  • सभी भारतीय महिलाएं योग्य हैं
  • विकलांग व्यक्ति (PWD)
  • ट्रांसजेंडर और अन्य विशेष समूह
  • SC और ST के लिए 50% फंड आरक्षित
  • अल्पसंख्यक समूहों के लिए 15%
  • विकलांग लोगों के लिए 3%
  • हर ट्रेनिंग प्रोग्राम में 33% महिलाएँ हैं
  • विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTGs) से जुड़ें लोग

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के कौन से कोर्स है available? :

  • एग्रीकल्चर
  • हैल्थ केयर
  • ऑटोमोबाइल
  • इलेक्ट्रॉनिक्स
  • हैंडलूम
  • डॉमेस्टिक इलेक्ट्रीशियन
  • रिटेल
  • गारमेंट्स
  • होस्पिटेलिटी
  • कंस्ट्रक्शन
  • फूड प्रोसेसिंग
  • आईसीटी
  • ट्रैवल एंड टूरिज्म।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के जरूरी कागजात : 

  • आधार कार्ड
  • वोटर आईडी कार्ड
  • आयु प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र
  • स्थाई निवासी प्रमाण पत्र
  • तीन पासपोर्ट साइज फोटो
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