ई-बस्ता पोर्टल स्टूडेंटस के लिए सरकार की तरफ से एक सुविधाजनक पोर्टल हैं। इससे सबसे ज्यादा छोटे शहरवासियों एवम ग्रामवासियों लाभ मिलेगा क्यूंकि उन्हें महत्वपूर्ण डाटा अथवा सिलेबस के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। भारत डिजीटलाईजेशन की तरफ तेजी से रुख कर रहा हैं। इस तरफ आगे बढ़ने के लिए सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में डिजीटलाईजेशन होना सबसे ज्यादा जरुरी हैं क्यूंकि जब तक यूवावर्ग समय के साथ आगे बढ़ना नहीं सीखता तब देश की उन्नति नहीं हो सकती। इस दिशा में ई-बस्ता पोर्टल एक अच्छी शुरुवात हैं।
क्या हैं ई-बस्ता पोर्टल ?
भारत सरकार ने देश के छात्रो की मदद करने के लिए ई-बस्ता की सौगात दी हैं जिसके तहत छात्र अपनी जरुरत के मुताबिक किताबों का अध्यन कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहाँ छात्र, शिक्षक एवम रिटेलर्स एक साथ मिलकर एक दुसरे की जरुरत को पूरा कर सकते हैं। ई-बस्ता के कारण गाँव एवम छोटे शहर के छात्र भी आसानी से इसका लाभ उठा सकते हैं। किताबों एवम सही मार्गदर्शन की कमी के कारण छोटे शहरों के छात्र पीछे रह जाते हैं। इनमे योग्यता होते हुए भी यह आगे नहीं बढ़ पाते। इस प्रकार ई-बस्ता इनके लिए एक बहुत अच्छा माध्यम साबित हो सकता हैं।
ई-बस्ता पोर्टल कैसे काम करता हैं ? :
- ई-बस्ता एक पोर्टल हैं जिसके मुख्य कलाकार छात्र, शिक्षक एवम पब्लिशर्स होंगे। अब ये तीनो किस तरह से अपना रोल निभायेंगे ये देखिये :
- ई-बस्ता पोर्टल का लाभ उठाने के लिए छात्र को www.ebasta.in पोर्टल में जाना होगा।
- इस एप्लीकेशन या पोर्टल के लिए छात्रो के सिलेबस के मुताबिक इनफार्मेशन एवम सिलेबस का पूरा ब्यौरा स्कूल एवम शिक्षको के द्वारा दिया जायेगा।
- पूरा ब्यौरा मिलने के बाद पब्लिशर्स उसके मुताबिक डाटा एप्लीकेशन अथवा पोर्टल में पब्लिश करेंगे।
- इसके बाद छात्र अपनी जरुरत के हिसाब से डाटा एप्लीकेशन अथवा पोर्टल से डाउनलोड कर उसे पढ़ सकेंगे।
ई-बस्ता पोर्टल के मुख्य बिंदु
- चूँकि बस्ता मतलब छात्रो का ऐसा झोला जिसे वो अपने स्कूल लेकर जाते हैं जिसमे स्कूल की किताबे राखी जाती हैं। एवम e मतलब इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल। इस प्रकार छात्रो की पढाई का सामान डिजिटल रूप में उपलब्ध कराना।
- डिजिटल रूप में उपलब्ध यह सामग्री को छात्र अपने लैपटॉप अथवा टेबलेट से एक्सेस करके उपयोग कर सकता हैं।
- जरुरत का यह डाटा छात्रो के लिए टेक्स्ट, सिमुलेशन, एनीमेशन,ऑडियो एवम विडियो के रूप में उपलब्ध कराया जायेगा।
- इसके लिए एक वेब बेस्ड एप्लीकेशन बनाया गया हैं जिसे आप ईबस्ता के फ्रेम अथवा रूप में उपयोग कर सकते हैं।
- ईबस्ता को व्यवस्थित करने अर्थात सिलेबस को छात्रो के मुताबिक सही तरह से ज़माने एवम और कमी को बताने के लिए ईबस्ता में स्कूल अथॉरिटी और शिक्षक लॉग इन कर सकते हैं और अपने निर्देश दे सकते हैं।
- ईबस्ता में किसी भी शहर अथवा गाँव के स्कूलों के छात्र एक्सेस कर सकते हैं। वे इस ई-बस्ता में उपलब्ध सामग्री को पोर्टल अथवा एंड्राइड स्मार्ट फोन के जरिये एप्लीकेशन से डाउनलोड कर सकते हैं।
- छात्र इस नोट्स अथवा डाटा को इलेक्ट्रॉनिक रूप में मतलब डिजिटल रूप में लैपटॉप मोबाइल एवम टेबलेट से जब मन करे तब पढ़ सकते हैं।यह एक ई-बुक पाठक एप्लीकेशन की तरह काम करेगा।
- यह डाटा आसानी से डाउनलोड किया जा सकता हैं साथ ही इसे आसानी से एक लैपटॉप से दुसरे में भी ट्रान्सफर किया जा सकता हैं।
- ई-बस्ता पोर्टल पब्लिशर्स के लिए भी लाभकारी हैं क्यूंकि यह एक केंद्र बिंदु की तरह काम करेगा इसके माध्यम से शिक्षक, स्कूल अथॉरिटी एवम छात्र तीनो का गाइडेंस लेकर पब्लिशर्स आसानी से डाटा उपलब्ध करा पायेंगे। आसनी से पुरे देश में ईबुक के रूप में बुक्स छात्रों तक पहुँचेगी।
- DRM ने पहले ही स्पष्ट कर दिया हैं कि पब्लिशर्स जरूरत के मुताबिक कोई भी डाटा पोर्टल में डाल सकते हैं इन पर कॉपीराइट का नियम लागु नहीं किया जायेगा।
ई-बस्ता पोर्टल जानकारी :
- प्रकाशक : क्लास , भाषा , विषय , मूल्य , इत्यादि को कवर करने वाला मेटा डेटा के साथ ई सामग्री अपलोड करे। प्रकाशन सामग्री को समीक्षा के लिए भी अपलोड किया जा सकता हैं। ये डाउनलोड के लिए उपलभ्द नहीं होंगे। प्रकाशक पोर्टल के उपयोगकर्ता द्वारा टिपण्णी और रेटिंग को भी देख सकते हैं। साथ ही विभिन्न सामग्री विशिष्ट डीआरएम मोडल के द्वारा संरक्षित हैं। ढांचा प्रसंगित प्रतिबंधों का पालन करना।
- स्कूल : स्कूल अपनी पसंद के अनुसार संशाधनो को इकट्ठा करने के लिए पोर्टल तक पहुंच सकते हैं। वे विभिन्न प्रकाशकों द्वारा अपलोड किये गए ईकंटेंट को ब्रॉउज करते हैं। उनकी पसंद की सामग्री को खोज करते हैं। और उन्हें एस्टा के रूप में एक पदानुक्रमित संरचना में व्यवस्थित करते हैं। कोई स्क्रेच से या मौजूदा ई बस्ता से सामग्री जोड़कर इ-बस्ता बना सकते हैं। प्रत्येक इ बस्ता के एक नाम होता हैं। जिसे छात्रों को दिया जाता हैं। ताकि वे इ बस्ता को अपने आप डाउनलोड कर सके।
- छात्र : छात्र निर्धारित ई बस्ता डाउनलोड करने के लिए पोर्टल पर जाते हैं। या पोर्टल पर उपलब्ध इ वेबसइट और सामग्री का पता लगा सकते हैं। और उन्हें डाउनलोड कर सकते हैं। यदि इ बस्ता डाउनलोड किया जाए तो भुगतान संशाधित शामिल हैं। उन्हें भुगतान पूरा करना होगा। फिर उन्हें बस्ता डाउनलोड करने के लिए परमिशन दिया जाएगा। डाउनलोड किये गए इ बस्ता सामग्री तक पहुंचना के लिए उन्हें इ बस्ता ऐप का उपयोग करना होगा।
ई-बस्ता पोर्टल के लाभ
- ई-बस्ता के रूप में देश के कौने- कौने में छात्र आसानी से पढ़ाई का मटेरियल एक्सेस कर सकते हैं।
- ई-बस्ता से छात्रों, शिक्षकों,स्कूल अथॉरिटी एवम पब्लिशर्स के बीच पारदर्शिता आएगी। इससे जानकारी का लेनदेन आसान होगा।
- ई-बस्ता से कागज की भी बचत होगी।
- ई-बस्ता के कारण छात्र सिलेबस के बाहर की भी जरुरी इनफार्मेशन पढ़ सकेंगे।
- गाँव एवम छोटे शहर के छात्र आसनी से बदलते समय के अनुरूप खुद को ढाल पायेंगे।
- कॉपीराइट इश्यूज़ ना होने के कारण पब्लिशर्स को आसानी होगी।वे आसानी से डाटा मुहिया करा पायेंगे।
- इससे देश के सभी छात्रो को लाभ मिलेगा। डिजिटलाइजेशन में भारत की इस (ईबस्ता पोर्टल) की सुविधा बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी।