राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली द्वारा वृद्धावस्था के दौरान उस समय वित्तीय सुरक्षा और स्थायित्व दिया जाता है, जब लोगों के पास आय का कोई नियमित स्रोत नहीं होता है। सेवा निवृत्ति योजना द्वारा सुनिश्चित किया जाता है कि लोगों के पास प्रतिष्ठापूर्ण जीवन जीने और अपनी उम्र के बढ़ते वर्षों में अपना जीवन स्तर किसी समझौते के बिना अच्छा बनाए रखने की सुविधा हो। पेंशन योजना से लोगों को निवेश करने और अपनी बचत संचित करने का अवसर मिलता है जो सेवा निवृत्ति के समय वार्षिक योजना के रूप में एक नियमित आय के तौर पर उन्हें एक मुश्त राशि दे सके।
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या प्रभाग के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा वर्तमान 65 वर्ष से बढ़कर 2050 तक 75 वर्ष पहुंच जाने की आशा है। देश में बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता परिस्थितियों से जीवन अवधि बढ़ गई है। इसके परिणाम स्वरूप सेवा निवृत्ति के पश्चात के वर्षों की संख्या भी बढ़ गई है। इस प्रकार जीवन की बढ़ती लागत, स्फीति और जीवन प्रत्याशा ने सेवा निवृत्ति की योजना को आज के जीवन का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। अधिक से अधिक नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली आरंभ की है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में कौन सबस्क्राइब कर सकते हैं ? :
18-से 60 वर्ष के बीच की आयु का कोई भी भारतीय नागरिक, चाहे निवासी हो या अनिवासी हो, बैंक की शाखा में आवेदन प्रस्तुत कर एनपीएस खाता खोल सकता हैं। भारतीय नागरिक सभी अपेक्षित सूचना दस्तावेजों और अपने ग्राहक को जानिए दस्तावेजों को प्रस्तुत कर एनपीएस में वैयक्तिक रूप से या कर्मचारी-नियोक्ता समूह (हों) (कॉर्पोरेट) के रूप में खाता खोल सकते हैं। 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर सब्सक्राइबर को अनुमति होगी कि वह 70 वर्ष की आयु तक अंशदान कर सकते हैं।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली :
भारत सरकार ने देश में पेंशन क्षेत्र के विकास और विनियमन के लिए 10 अक्तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं स्थापित किया। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) 1 जनवरी 2004 को सभी नागरिकों को सेवानिवृत्ति आय प्रदान करने के उद्देश्य से आरंभ की गई थी। एनपीएस का लक्ष्य पेंशन के सुधारों को स्थापित करना और नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए बचत की आदत को बढ़ावा देना है।
आरंभ में एनपीएस सरकार में भर्ती होने वाले नए व्यक्तियों (सशस्त्र सेना बलों के अलावा) के लिए आरंभ की गई थी। एनपीएस 1 मई 2009 से स्वैच्छिक आधार पर असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित देश के सभी नागरिकों को प्रदान की गई है।
इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सेवा निवृत्ति के लिए असंगठित क्षेत्र को स्वैच्छिक बचत का बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बचट 2010-11 में एक सह अंश दान पेंशन योजना स्वावलंबन योजना- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं आरंभ की। स्वावलंबन योजना- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं के तहत सरकार प्रत्येक एनपीएस अंश दाता को 1000 रुपए की राशि प्रदान करेगी जो न्यूनतम 1000 रुपए और अधिकतम 12000 रुपए का अंश दान प्रति वर्ष करता है। यह योजना वर्तमान में वित्तीय वर्ष 2016-17 तक लागू है।
अभिदाता को सेवा निवृत्ति के लिए बचत में सहायता देने हेतु एनपीएस की ओर से निम्नलिखित महत्वपूर्ण विशेषताएं प्रस्तावित की जाती हैं :
अभिदाता को एक विशिष्ट स्थायी सेवा निवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) प्रदान की जाएगी। यह विशिष्ट खाता संख्या अभिदाता के शेष जीवन तक स्थायी बनी रहेगी। इस विशिष्ट पीआरएएन को भारत में किसी भी स्थान पर उपयोग किया जा सकेगा।
पीआरएएन द्वारा दो व्यक्तिगत खातों तक पहुंच बनाई जाएगी :
टायर 1 खाता: यह सेवा निवृत्ति की बचत के लिए बनाया गया खाता है जिससे आहरण नहीं किया जा सकता है।
टायर 2 खाता: यह एक स्वैच्छिक बचत सुविधा है। अभिदाता अपनी इच्छानुसार इस खाते से अपनी बचत आहरित करने के लिए स्वतंत्र है। इस खाते पर कोई कर लाभ उपलब्ध नहीं हैं।
विवरण | टियर I | टियर II |
खाता खोलते वक्त अपेक्षित न्यूनतम अंशदान | 500 रु. | 1000 रु. |
अपेक्षित न्यूनतम परवर्ती अंशदान राशि | 500 रु. | 250 रु. |
प्रत्येक वर्ष अपेक्षित न्यूनतम अंशदान | 6000 रु. | 250 रु. |
एक वर्ष में अपेक्षित अंशदान की न्यूनतम संख्या | 1 | 1 |
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के कुछ लाभ हैं :
- यह पारदर्शी है : एनपीएस पारदर्शी और लागत प्रभावी प्रणाली है जिसमें पेंशन के अंशदन का निवेश पेंशन निधि योजनाओं में किया जाता है और कर्मचारी दैनिक आधार पर निवेश का मूल्य जान सकते हैं।
- यह सरल है : सभी अभिदाताओं को अपने नोडल कार्यालय में खाता खोलना होता है और एक स्थाय सेवा निवृत्ति खाता संख्या (पीआरएएन) लेना होता है।
- यह अंतरण योग्य है : प्रत्येक कर्मचारी को एक विशिष्ट संख्या से पहचाना जाता है और उसकी एक पृथक पीआरएएन होती है जो अंतरण योग्य है, अर्थात् यह कर्मचारी के किसी अन्य कार्यालय में स्थानांतरित होने पर भी समान बनी रहती है।
- यह विनियमित है : एनपीएस का विनियमन पारदर्शी निवेश मानकों के साथ पीएफआरडीए- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा तथा एनपीएस न्यास- बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं द्वारा निधि प्रबंधक की नियमित निगरानी और निष्पादन समीक्षा के साथ किया जाता है।
कर लाभकर लाभ :
वर्तमान में टायर 1 खाते में किए गए अंशदान के लिए कर उपचार में छूट है – छूट प्राप्त कर (ईईटी) अथात् संपूर्ण अभिदान राशि पर 1.00 लाख रुपए की सीमा तक सकल कुल आय से कटौती की पात्रता है (अन्य निर्दिष्ट निवेशों के साथ) धारा 80सी के अनुसार (आय कर अधिनियम 1961 के प्रावधानों के अनुसार, जिन्हें समय समय पर संशोधित किया जाता है)।
वार्षिकी खरीदने के लिए अभिदाता द्वारा प्रयुक्त राशि और अभिदान पर मूल्य वृद्धि का योग्य नहीं है। एक अभिदाता द्वारा केवल साठ वर्ष की आयु के बाद आहरित राशि ही कर योग्य है।
आप निम्नलिखित विकल्पों के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकते हैं :
- कॉल सेंटर / इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआर),आप टोल फ्री टेलीफोन नंबर 1800-222080 पर सीआरए कॉल सेंटर से संपर्क करके शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सेवानिवृत्ति खाता खोलने के समय आपको एनपीएस से आवंटित टी-पिन के माध्यम से अपने आप को प्रमाणित करना होगा। अपनी शिकायत के सफल पंजीकरण पर, एक टोकन नंबर भविष्य में संदर्भ के लिए ग्राहक सेवा प्रतिनिधि द्वारा आवंटित की जाएगी।
- वेब आधारित इंटरफेस : आप वेबसाइट www.npscra.nsdl.co.in पर स्थायी सेवानिवृत्ति खाता खोलने के समय में आप को आवंटित आई -पिन के उपयोग के साथ शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सफल पंजीकरण पर, एक टोकन नंबर भविष्य में संदर्भ के लिए स्क्रीन पर प्रदर्शित किया जाएगा।
- भौतिक रूप में : आप एक निर्धारित प्रारूप में शिकायत POP -SP को प्रस्तुत कर सकते हैं, जो सीआरए केंद्रीय शिकायत प्रबंधन प्रणाली (CGMS) को अग्रेषित कर देंगे। आपको प्रमाणीकरण के साधन के रूप में अपने “प्रान” का उल्लेख करना होगा। POP -SP को फार्म जमा करने पर आपको एक पावती रसीद मिलेगी। टोकन नंबर आपको ईमेल कर दिया जायेगा (अगर ईमेल आईडी का उल्लेख किया गया है)। आप पावती रसीद प्रस्तुत कर के POP -SP से टोकन नंबर प्राप्त कर सकते हैं।
प्रभार :
टायर 1 खाते के जुड़े सभी प्रभारों सहित वार्षिक पीआरए रखरखाव प्रभार का भुगतान नियोक्ता द्वारा किया जाता है। टायर 2 के खाते के मामले में सक्रियण प्रभार और लेनदेन प्रभार का भुगतान अभिदाता द्वारा किया जाता है।
पीओपी प्रभार और सीआरए प्रभार निम्नलिखित तालिका में दिए गए हैं:
माध्यमिक | प्रभार शीर्ष | सेवा प्रभार* | कटौती की विधि |
---|---|---|---|
सीआरए | पीआरए आरंभिक प्रभार | 50 रु. | प्रत्येक तिमाही के अंत में इकाइयों के संग्रह के माध्यम से |
वार्षिक पीआरए अनुरक्षण लागत प्रति खाता | 190 रु. | ||
प्रति लेन देन प्रभार | 4 रु. | ||
पीओपी (प्रत्येक अभिदाता के लिए अधिकतम अनुमत प्रभार) | आरंभिक अभिदाता पंजीकरण | 100 रु. | अपफ्रंट संग्रह के लिए |
आरंभिक अभिदान अपलोड | अभिदाता के आरंभिक अभिदान की 0.25 राशि न्यूनतम 20 रु. से अधिकतम 25,000 रु. के बीच | ||
अभिदान अपलोड सहित आगे कोई लेन देन | एनपीएस अभिदाता के आरंभिक अभिदान की 0.25 राशि न्यूनतम 20 रु. से अधिकतम 25,000 रु. के बीच | ||
अभिदाता से अभिदान शामिल नहीं करते हुए अन्य कोई लेन देन | 20 रु. |
- सेवा कर और अन्य लागू वसूलियां मौजूदा कर कानून के अनुसार की जाएंगी।