सुगम्य भारत अभियान :- Accessible India Campaign

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सुगम्य भारत अभियान विकलांग व्यक्तियों के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा शुरू किया गया एक देशव्यापी अभियान है।

अभियान का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों को जीवन के सभी क्षेत्रों में भागीदारी करने के लिए समान अवसर एवं आत्मनिर्भर जीवन प्रदान करना है। सुगम्य भारत अभियान सुगम्य भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने पर केंद्रित है।

विकलांग व्यक्तियों के सामाजिक-आर्थिक बदलाव के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ भारत सरकार सार्वभौमिक पहुँच के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करने हेतु प्रयास कर रही है।

भारत विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का हस्ताक्षकर्ता है। संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का अनुच्छेद 9, हस्ताक्षकर्ता सरकारों पर सभी आवश्यक कदम उठाने का दायित्व डालता है जिससे विकलांग व्यक्तियों की पहुंच अन्य लोगों के समान हीं भौतिक वातावरण, परिवहन, सूचना एवं संचार (प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों सहित) और शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में जनता को प्रदान की जा रही अन्य सुविधाओं एवं सेवाओं तक सुनिश्चित की जा सके।

सभी राज्यों को विकलांगजन (समान अवसर अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 का अनुपालन करना है जिसकी धारा 44, 45 और 46 के अंतर्गत परिवहन, सड़क और निर्मित वातावरण में स्पष्ट तौर पर गैर-भेदभाव का प्रावधान है।
सुगम्य भारत अभियान के द्वारा विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग अभियान का लक्ष्य एक समावेशी समाज विकसित करना है जिसमें विकलांग व्यक्तियों को उन्नति तथा विकास के लिए समान अवसर तथा सुगम्यता प्रदान की जाती है।

सुगम्य भारत अभियान के अवयव :

  • निर्मित वातावरण सुगम्यता : सुगम्य भारत अभियान का उद्देश्य हर किसी के लिए सुलभ भौतिक वातावरण प्रदान करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्कूलों, चिकित्सा सुविधाओं और कार्यस्थलों सहित इनडोर और आउटडोर सुविधाओं में बाधाओं और अवरोधों को खत्म करने के लिए उपायों की जरूरत है। निर्मित वातावरण न सिर्फ इमारतों को बल्कि रैंप, गलियारों, फुटपाथों, पार्किंग, प्रवेश द्वार, आपातकालीन निकासों, शौचालय और पैदल यात्री यातायात के प्रवाह को रोकने वाली बाधाओं को भी समाहित करता है।
  • परिवहन प्रणाली सुगम्यता : परिवहन स्वतंत्र जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक है। परिवहन हवाई यात्रा, बसों, टैक्सियों और ट्रेनों सहित अनेक क्षेत्रों को आच्छाधित करता है। अगम्य परिवहन प्रणाली ऐसी बहुतायत जनसंख्या जिन्हे सुगम्य परिवहन की आवश्यकता है की गतिशीलता को प्रतिबंधित करती है, आवागमन की स्वतंत्रता एवं सक्रिय भागीदारी को बाधित करती है। सुगम्य भारत अभियान विकलांग व्यक्तियों के लिए गरिमा और स्वतंत्रता के साथ सार्वजनिक और निजी परिवहन सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एक समान अधिकार प्रदान करने पर केंद्रित है।
  • सूचना और संचार इको प्रणाली सुगम्यता : सूचना तक पहुंच समाज में हर किसी के लिए अवसर पैदा करता है। सूचना तक पहुंच सभी सूचनाओं को दर्शाता है। इसका संबंध कीमत के टैग को पढ़ने में सक्षम होने, एक हॉल में प्रवेश करने, किसी कार्यक्रम में भाग लेने, स्वास्थ्य संबंधी सूचना पुस्तिका को पढ़ने, ट्रेन की समय सारिणी को समझने से लेकर वेब पृष्ठों को देखने जैसी क्रियाओं से है। सुगम्य भारत अभियान का उद्देश्य ऐसे सभी बुनियादी सुविधाओं की सामाजिक बाधाओं और दुर्गम प्रारूपों पर अंकुश लगाने के लिए कदम उठाना है जो दैनिक जीवन में जानकारी प्राप्त करने एवं उपयोग करने के रास्ते में बाधा है।

सुगम्य भारत अभियान के उद्देश्य :

  • सुगम्य सरकारी इमारतों का अनुपात बढ़ाना : एक सुगम्य सरकारी इमारत वो इमारत है जिसमें विकलांग व्यक्तियों को प्रवेश करने और उसकी सभी सुविधाओं का उपयोग करने में कोई बाधा नहीं हो।

सुगम्यता के मानक यथा आईएसओ स्थानीय संदर्भ लेते हुए जहॉं तक संभव हो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए। निर्माण पर्यावरण के संबंध में, आईएसओ 21542: 2011, भवन निर्माण – निर्मित पर्यावरण की पहुँच और प्रयोज्यता, निर्माण, संयोजन, उपकरणों और फिटिंग के विषय में आवश्यकताओं और सिफारिशों की रूपरेखा बनाती है।

  • सुगम्य हवाई अड्डों का अनुपात बढ़ाना : एक हवाई अड्डा सुगम्य है यदि एक विकलांग व्यक्ति को प्रवेश करने, सभी सुविधाओं का उपयोग करने, हवाई जहाज में सवार होनें और उतरनें में कोई बाधा नहीं है।
  • सुगम्य रेलवे स्टेशनों का अनुपात बढ़ाना : एक रेलवे स्टेशन सुगम्य है यदि एक विकलांग व्यक्ति को इसमें प्रवेश करने, सभी सुविधाओं का उपयोग करने, सवार होनें और उतरनें में कोई बाधा नहीं है।
  • सुगम्य सार्वजनिक परिवहन का अनुपात बढ़ाना : सार्वजनिक परिवहन सुगम्य है यदि एक विकलांग व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से सार्वजनिक और निजी परिवहन की बुनियादी सुविधाओं का उपयोग करने के लिए एक समान अवसर मिलता है।

सुगम्य उपयोगी सार्वजनिक दस्तावेजों और वेबसाइटों का अनुपात बढ़ाना जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य मानकों को पूरा करें :

दैनिक जीवन में जानकारी का उपयोग करने के लिए सार्वजनिक दस्तावेजों को सुगम्य प्रारूपों में उपलब्ध होना चाहिए। सार्वजनिक दस्तावेजों से तात्पर्य राष्ट्रीय सरकार के द्वारा जारी किए गए सभी दस्तावेजों साथ-साथ सभी उप राष्ट्रीय दस्तावेजों से है। इसमें कानूनों, नियमों, रिपोर्टों, प्रपत्रों और सूचना के दस्तावेज आदि सभी प्रकाशन शामिल हैं।

अभिगम्यता के मानक यह सुनिश्चित करेंगें कि एक निर्दिष्ट वर्ष से आगे प्रकाशित सभी सार्वजनिक दस्तावेज एवं सभी मौजूदा वेबसाइट मानकीकरण के अंतरराष्ट्रीय संगठन (आईएसओ)/ आईईसी 40500: 2012, सूचना प्रौद्योगिकी: W3C वेब सामग्री अभिगम्यता दिशानिर्देश (WCAG) 2.0 के अनूकूल रूपांतरण एवं मानकों का पालन करते हैं।

  • सांकेतिक भाषा के व्याख्याताओं के समूह का संवर्धन : सार्वजनिक टेलीविजन समाचार कार्यक्रमों के दैनिक अनुशीर्षकों में संकेत भाषा में व्याख्या के अनुपात को बढ़ाना।

सार्वजनिक टेलीविजन समाचार के कार्यक्रम जो सहमत हुए मानकों के अनुरूप दैनिक अनुशीर्षकों और संकेत भाषा में व्याख्या करते हैं। सार्वजनिक टेलीविजन से तात्पर्य ऐसे कार्यक्रमों से है जो सरकार द्वारा वित्त पोषित, प्रस्तुत या आर्थिक सहायता-प्राप्त हैं।

मोबाइल पर सुगम्य भारत अभियान में भाग लें :

विकलांगजन सशक्तिकरण विभाग नें अगम्य स्थानों के बारे में अनुरोधों की क्राउड़सोर्सिंग के लिए एक वेब पोर्टल के साथ-साथ एक सुगम्य भारत अभियान मोबाइल ऐप ऐप बनाया गया है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति जो सरकार को किसी अगम्य सार्वजनिक स्थान जैसे (स्कूल, अस्पताल, सरकारी दफ्तर आदि) के बारे में सूचित करना चाहता है उसकी तस्वीर या वीडियो ले कर सुगम्य भारत पोर्टल पर अपलोड कर सकता है। पोर्टल उस इमारत को पूरी तरह से सुगम्य बनाने के लिए सुगम्यता जांच, वित्तीय स्वीकृति और आवश्यक बदलाव करने के लिए अनुरोध पर कार्रवाई करेगा। मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल सुगम्यता अभियान में बड़ी कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की भागीदारी चाहता है जो सुगम्यता जांच का संचालन करने, इमारतों / परिवहन और वेबसाइटों के सुगम्यता रूपांतरण में मदद कर सकें।

सुगम्य भारत अभियान के लक्ष्य :

  • सबसे महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुगम्यता जांच करना एवं उन्हें पूर्ण सुगम्य इमारतों में बदलना।
  • 26 शहरों में कम से कम 50 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुगम्यता जांच करना एवं जुलाई 2016 तक उन्हें पूर्ण सुगम्य इमारतों में बदलना।
  • 24 शहरों में कम से कम 25 सबसे महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों की सुगम्यता जांच करना एवं जुलाई 2016 तक उन्हें पूर्ण सुगम्य इमारतों में बदलना।
  • राष्ट्रीय राजधानी एवं सभी राज्य की राजधानियों के 50% सरकारी इमारतों को जुलाई 2018 तक पूर्ण सुगम्य इमारतों में बदलना।
  • सभी राज्यों के 10 महत्वपूर्ण शहरों/नगरों के 50% सरकारी इमारतों की सुगम्यता जांच करना एवं जुलाई 2019 तक उन्हें पूर्ण सुगम्य इमारतों में बदलना।
  • सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक परिवहन वाहकों की सुगम्यता जांच करना एवं उन्हें पूर्ण सुगम्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों और सार्वजनिक परिवहन वाहकों में बदलना
  • सभी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों की सुगम्यता जांच करना एवं उन्हें जुलाई 2016 तक पूर्ण सुगम्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में बदलना
  • सभी घरेलू हवाई अड्डों की सुगम्यता जांच करना एवं उन्हें मार्च 2018 तक पूर्ण सुगम्य हवाई अड्डों में बदलना
  • यह निश्चित करना की जुलाई 2016 तक देश के सभी ए1, ए, एवं बी श्रेणियों के रेलवे स्टेशन पूर्ण रूप से सुगम्य रेलवे स्टेशनों में परिवर्तित हो जायें
  • यह निश्चित करना की मार्च 2018 तक देश के 50% रेलवे स्टेशन पूर्ण रूप से सुगम्य रेलवे स्टेशनों में परिवर्तित हो जायें
  • यह निश्चित करना की मार्च 2018 तक सरकारी स्वामित्व वाले 25% सार्वजनिक परिवहन वाहक पूर्ण रूप से सुगम्य परिवहन वाहकों में परिवर्तित हो जायें
  • सरकारी वेबसाईटों एवं सभी सार्वजनिक दस्तावेजों (केंद्र एवं राज्य सरकारों दोनों) के 50% की सुगम्यता जांच करना एवं मार्च 2017 तक उन्हें पूर्ण रूप से सुगम्य और वेबसाइटों एवं दस्तावेजों में परिवर्तित करना
  • सरकारी वेबसाईटों (केंद्र एवं राज्य सरकारों दोनों) के 50% की सुगम्यता जांच करना एवं मार्च 2017 तक उन्हें पूर्ण रूप से सुगम्य और वेबसाइटों में परिवर्तित करना
  • यह निश्चित करना की मार्च 2018 तक केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी सभी सार्वजनिक दस्तावेजों का कम से कम 50% सुगम्यता मानकों को पूरा करता है
  • मार्च 2018 तक 200 अतिरिक्त सांकेतिक भाषा के व्याख्याताओं का प्रशिक्षण एवं विकास
  • जुलाई 2016 तक राष्ट्रीय मीडिया के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करके अनुशीर्षकों एवं सांकेतिक भाषा में व्याख्या पर राष्ट्रीय मानकों को विकसित करना एवं अपना
  • यह निश्चित करना की मार्च 2018 तक सरकारी चैनलों द्वारा जारी सभी सार्वजनिक टेलिविजन कार्यक्रम इन मानकों को पूरा करते हैं।
  • सुगम्य भारत अभियान सुगम्य पुलिस स्टेशनों, सुगम्य अस्पतालों, सुगम्य पर्यटन, सुगम्य डिजिटल भारत आदि बनाने के लिए केन्द्र सरकार के सभी विभागों / मंत्रालयों और एवं राज्य सरकारों से सहयोग की अपेक्षा करता है।
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