हरियाणा में करनाल के निवासियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार 30 अप्रैल 2018 को करनाल, हरियाणा में अपनी ‘गोबर धन योजना’ शुरू करने जा रही है। इस योजना में, सरकार ठोस कचरे और जानवरों के मल-पदार्थों से खाद और बायोगैस ईंधन पैदा करेगी। हालांकि, इस योजना का मुख्य उद्देश्य गांव को स्वच्छ बनाना और पशु मलमूत्र का उपयोग करके बायोगैस ईंधन का उत्पादन करना है।
हरियाणा गोबर धन योजना
सरकार के मुताबिक, ज्यादातर देश बड़े पैमाने पर बायोगैस ईंधन उत्पादन करने के लिए पशु मलमूत्र का उपयोग कर रहे हैं। भारत में दुनिया के अन्य देशों से जानवरों की संख्या 300 मिलियन से ज्यादा है, यहाँ प्रतिदिन 3 मिलियन जानवरों का मल प्राप्त होता है। सरकार ने 2018 के बजट में पहले ही इसका प्रावधान किया है।
Haryana Gobar Dhan Yojana
इस योजना की मदद से किसान अपनी आय बढ़ा सकते हैं क्योंकि वे पूरी तरह से अपनी फसल पर निर्भर हैं। इसलिए,गोबर धन योजना के तहत किसानों की आय में वृद्धि करने में यह योजना बहुत सहायक सिद्ध होगी। इसके अलावा, किसान गोबर से खाद भी बना सकते हैं। किसान बायोगैस ऊर्जा का उपयोग करके बिजली बचा सकते हैं। दूसरी ओर, जो लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे हैं, उन्हें धुआं रहित ईंधन मिलेगा।
सूचना के मुताबिक, गोबर धन योजना हरियाणा के करनाल जिले से शुरू होगी। व्यक्तिगत, सामुदायिक, स्व-सहायता समूह या गौशाला जैसे एनजीओ स्तर पर बायोगैस संयंत्र स्थापित किया जा सकता है। गोबर गैस संयंत्र स्थापित करने के लिए सरकार तकनीकी सहायता भी प्रदान करेगी।
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