मिशन इन्द्रधनुष अभियान :- Mission Indradhanash abhiyaan

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मिशन इन्द्रधनुष अभियान, भारत सरकार के केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया एक मिशन है। इन्द्रधनुष के सात रंगों के सामान इस “मिशन इन्द्रधनुष” का मुख्य उद्देश्य सन 2020 तक उन सभी बच्चों का टीकाकरण करना है जिन्हें टीके नहीं लगते है या जिन्हें सात तरह की बीमारियों को रोकने वाले टीके सही तरह से नहीं लगे हैं। यह मिशन 25 दिसम्बर सन 2014 को केन्द्रीय स्वास्थ मंत्री जे.पी. नड्डा द्वारा सुशासन दिवस (गुड गवर्नेंस डे) के अवसर, जोकि भारत के फ्रीडम फाइटर स्वर्गीय “ मदन मोहन मालवीय जी” की जन्म तिथि तथा भूतपूर्व प्रधानमंत्री “ अटल बिहारी वाजपेयी जी” का जन्म दिवस है, पर लोंच किया गया।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान :

इंद्रधनुष मिशन अभियान के अंतर्गत हेमोफिलस इन्फ्लूएन्जा टाइप बी (HIB) व जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) को कुछ चुने गए राज्यो में भी टीके प्रदान किया गए हैं। प्रधानमंत्री मिशन इंद्रधनुष अभियान योजना को तीन कदमो के दौरान चलाया गया हैं। तीन कदमो की विस्तृत जानकारी, इस प्रकार हैं:

  • मिशन इन्द्रधनुष अभियान का पहला कदम में मिशन इंद्रधनुष योजना की शुरुआत 7 अप्रैल 2015 को हुए जिसके अंतराल यह एक हफ्ते से ज्याद चली।
  • इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा पुरे भारत में 28 राज्यो के 201 जिलो में से ऐसे बच्चो की पहचान की गई जिनको की विशेष रूप से अनइममयनाइज्ड तथा इम्म्यूनाइज्ड हैं।
  • मिशन इंद्रधनुष योजना के इस कदम को 4 भागों में बाटा गया था, जिसमें की पहले की शुरुआत 7 अप्रैल को हुई थी, इसके पश्चात दूसरा, तीसरा तथा चौथा भाग मई, जून, जुलाई की सात तारीख को इनकी शुरुआत की गई और जिन्हें की 1-1 सफ्ताह से अधिक समय के लिए आयोजित किया गया था।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान क्या है? :

मिशन इंद्रधनुष योजना मोदी सरकार द्वारा चलाई गयी योजनाओं में से एक है। हमारे देश में हरेक बच्चे को, बचपन में होने वाली ऐसी सभी बीमारियों से बचे रहने के लिए सम्पूर्ण टीकाकरण करवाने का हक है। जिनसे बचाव मुमकिन है। हरेक बच्चे को यह हक देने के लिए भारत सरकार ने 1985 में सम्पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम की शुरुआत की थी जो की पूरी दुनिया भर में अपनी तरह के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है। यूआईपी द्वारा चलाया जा रहा टीका पिछले 30 साल सभी बच्चों को लगाया जा रहा है। इसके बावजूद भी अभी तक सिर्फ 65 प्रतिशत बच्चों को ही उनके जीवन के पहले साल में सम्पूर्ण टीकाकरण किया जा रहा है। पिछले 6 साल में इस मिशन इंद्रधनुष योजना कार्यक्रम के तहत कवरेज में बढ़ोत्‍तरी हर साल औसतन 1 प्रतिशत पर स्थिर रही है। इस कार्यक्रम को मजबूती देने और सभी बच्चों का जल्‍द से जल्‍द सम्पूर्ण टीकाकरण करने के लिए भारत सरकार ने दिसम्बर 2014 में मिशन इंद्रधनुष लांच किया। मिशन इंद्रधनुष में इस बात का विशेष ध्‍यान रखा जाएगा कि दो साल तक के सभी बच्चों और गर्भवती महिलाओं का सम्‍पूर्ण टीकाकरण किया जाए।

योजना का नाम मिशन इन्द्रधनुष अभियान
लोंच तारीख 25 दिसंबर 2014
किसके द्वारा जे. पी. नड्डा द्वारा
क्षेत्र स्वास्थ्य के लिए
मंत्रालय केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय
आधिकारिक वेबसाइट https://www.nhp.gov.in/

मिशन इन्द्रधनुष अभियान का उद्देश्य :

  • मिशन इन्द्रधनुष अभियान का उद्देश्य 2 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों, साथ ही सभी गर्भवती महिलाओं को सात टीका निवारणीय बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण करना है।
  • जिन रोगों को लक्षित किया जा रहा है उनमें डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियोमाइलाइटिस, तपेदिक, खसरा और हेपेटाइटिस बी हैं। इनके अलावा, जापानी इन्सेफेलाइटिस और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी के टीके भी चयनित राज्यों में प्रदान किए जा रहे हैं।
  • 2016 में, रूबेला, जापानी एन्सेफलाइटिस, इंजेक्टेबल पोलियो वैक्सीन बिवलेंट और रोटावायरस नामक चार नए परिवर्धन किए गए हैं। 2017 में, न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीनडाउन यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम को शामिल करके न्यूमोनिया को मिशन में जोड़ा गया था। 2020 तक देश में सभी बच्चों के लिए पूर्ण टीकाकरण कवरेज प्राप्त करना।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान का इतिहास :

  • यह बताया गया है कि 2009 और 2013 के बीच की अवधि के दौरान, देश में टीकाकरण का कवरेज 61% से बढ़कर 65% हो गया। इसका मतलब यह था कि पिछले सात वर्षों के दौरान प्रत्येक वर्ष में केवल 1% टीकाकरण की वृद्धि हुई थी, जो कि जनसंख्या में वृद्धि को देखते हुए बहुत कम है, हर साल।
  • यह भी देखा गया है कि कुछ बीमारियाँ हैं, जो देश में बड़ी संख्या में बच्चों की मौतों का मुख्य कारण बन गई हैं, उन्हें टीकाकरण द्वारा रोका जा सकता है।
  • टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मिशन इन्द्रधनुष को लॉन्च किया गया था।

टीकाकरण के तहत कवर की जाने वाली बीमारियाँ :

मिशन इन्द्रधनुष में 12 वैक्सीन-प्रिवेंटेबल डिज़ीज़ (Vaccine-Preventable Diseases- VPD) के खिलाफ टीकाकरण शामिल है जिनमें-

  • डिफ्थीरिया (Diphtheria)
  • काली खांँसी (Whooping Cough)
  • टेटनस (Tetanus)
  • पोलियो (Polio)
  • क्षय (Tuberculosis)
  • हेपेटाइटिस-बी (Hepatitis B)
  • मैनिन्जाइटिस (Meningitis)
  • निमोनिया (Pneumonia), हेमोफिलस इन्फ्लुएंज़ा टाइप बी संक्रमण (Haemophilus Influenzae Type B Infections)
  • जापानी एनसेफेलाइटिस(Japanese Encephalitis)
  • रोटावायरस वैक्सीन (Rotavirus Vaccine)
  • न्यूमोकोकल कंजुगेट वैक्सीन (Pneumococcal Conjugate Vaccine)
  • खसरा-रूबेला (Measles-Rubella)

मिशन इन्द्रधनुष का इम्प्लीमेंटेशन :

फोकस्ड और व्यवस्थित टीकाकरण मिशन एक “कैच अप” अभियान मोड पर आधारित है, जिसका उद्देश्य सभी बच्चों को कवर करने के लिए है जो टीकाकरण के लिए छूट गए हैं या छोड़ दिए गए हैं। मिशन इन्द्रधनुष 3चरणों में चलाया जा रहा है।

मिशन इन्द्रधनुष का पहला चरण :

मिशन इन्द्रधनुष के पहले चरण के लिए, भारत सरकार द्वारा पूरे भारत के 28 राज्यों के 201 जिलों में ऐसे बच्चों की पहचान की गई जोकि आंशिक रूप से इम्मुनाइज़ड और अनइम्मुनाइज़ड हैं। मिशन इन्द्रधनुष के पहले चरण की शुरुआत 7 अप्रैल सन 2015 को हुई जोकि एक हफ्ते से ज्यादा तक चली। इस चरण को 4 भागों में बांटा गया। पहला भाग 7 अप्रैल को शुरू हुआ, इसके अलावा दूसरा, तीसरा और चौथा भाग मई, जून और जुलाई के महीने की सात तारीख से शुरू किया गया जोकि 1-1 सप्ताह से अधिक समय के लिए आयोजित किया गया था।

मिशन इन्द्रधनुष के पहले चरण से जुड़े कुछ मुख्य तथ्य इस प्रकार हैं :

  • मिशन इन्द्रधनुष के पहले चरण के इन चार भागों में कुल 9.4 लाख सेशन का आयोजन किया गया।
  • इस मिशन के तहत 75 लाख बच्चों को टीके लगाये गए, जिनमें से 20 लाख बच्चों का पूर्ण टीकाकरण किया गया। एवं 20 लाख से भी ज्यादा गर्भवती महिलाओं को टिटनेस टॉक्साइड टीके लगाये गये।
  • डायरिया जैसी बीमारी से बचाने के लिए सभी बच्चों के लिए 57 लाख से भी ज्यादा जिंक टेबलेट्स और 16 लाख से भी ज्यादा ORS पैकेट्स मुफ्त में बांटे गए।

शन इन्द्रधनुष का दूसरा चरण :

मिशन इन्द्रधनुष के दूसरे चरण के लिए, भारत सरकार द्वारा देश भर के 352 जिलों को चुना गया. जिनमें से 279 मध्यम फोकस जिले है एवं बचे हुए 73 पहले चरण के हाई फोकस जिले हैं। मिशन इन्द्रधनुष के दूसरे चरण की शुरुआत 7 अक्टूबर सन 2015 को हुई। इस चरण को भी 4 भागों में बांटा गया, जिनमें दूसरे भाग की शुरुआत 7 नवंबर 2015, तीसरे भाग की शुरुआत 7 दिसंबर 2015 और चौथे भाग की शुरुआत 7 जनवरी सन 2016 को की गई।

मिशन इन्द्रधनुष के दूसरे चरण से जुड़े कुछ मुख्य तथ्य इस प्रकार हैं :

  • इस मिशन के दूसरे चरण में 37 लाख बच्चों को कवर किया गया, जिनमें से 10 लाख वे थे जिन्हें पूर्ण रूप से टीके नहीं लगे एवं 9 लाख गर्भवती महिलाओं को टिटनेस टॉक्साइड टीके लगाये गए।
  • 73 जिले जोकि पहले चरण के हाई फोकस जिले थे उनमें फिर से विजिट किया गया क्यूकि पहले चरण के दौरान 50% की आबादी को अपने लक्ष्य में पूरा नहीं किया जा सका।
  • इस मिशन के तहत उन सभी बच्चों को कवर किया जाना है जोकि टीकाकरण से छूट गए है।

मिशन इन्द्रधनुष का तीसरा चरण :

केन्द्रीय स्वाथ्य मंत्रालय ने मिशन इन्द्रधनुष के तीसरे चरण की घोषणा की। पहले और दूसरे चरण की सफलता के बाद तीसरे चरण की शुरुआत 7 अप्रैल सन 2016 को हुई। इस चरण के दौरान बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के 216 जिलों को कवर किया गया। पहले और दूसरे चरण में लगभग 39 लाख ऐसे बच्चे जिन्हें आशिंक रूप से टीके लगे है या जो टीकाकरण के लिए छूट गए, उनका पूर्ण रूप से टीकाकरण किया गया।

इस तरह भारत सरकार के अनुसार सन 2020 तक भारत के तमाम ऐसे बच्चे जिन्हें टीके नहीं लगे है या आंशिक रूप से लगे है उनका पूर्ण रूप से टीकाकरण कर उन्हें 7 तरह की बीमारियों से बचाना है।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान टीकाकरण क्यों जरूरी है :

  • मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण कराना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि बच्‍चों की मौत ऐसी बीमारियों से होती है, जिनसे उन्‍हें बचाया जा सकता है।
  • क्या आपको पता है हमारे देश में हर साल 5 लाख बच्चों की मौत ऐसी बीमारियों से हो जाती है, जिनसे टीके लगवा कर उन्हें बचाया जा सकता है।
  • साथ ही हमारे देश में हर साल 89 लाख बच्चों को बीमारियों का खतरा इसलिए है, क्योंकि उन्हें उन बीमारियों से बचाव का एक भी टीका नहीं लगा है अगर है भी तो अधूरे टीके लगे हैं।
  • अधूरा टीकाकरण कराने वाले और टीकाकरण से पूरी तरह वंचित बच्चों में बचपन में होने वाली बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस लिए ही मिशन इंद्रधनुष के तहत बच्चों को ठीके लगवाए जाते है।
  • सम्पूर्ण टीकाकरण कराने वाले बच्चों की तुलना में अधूरा टीकाकरण कराने वाले बच्चों की मौत का अंदेशा ज्यादा होता है। टीकाकरण सिर्फ बच्‍चों की जिंदगी ही नहीं बचाता, बल्कि यह बीमारियों को बड़े पैमाने पर फैलने से रोकने में मदद भी कर सकता है।
  • बचपन में टीकाकरण करने से बीमारी को दूसरे इलाकों में फैलने से रोकने में भी मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, टीकाकरण स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में भी मदद करता है। इसी लिए अगर आप भी शिशु मृत्यु दर में कमी लाना चाहते हैं और सामाजिक-आर्थिक इंडिकेटर्स के लिहाज से आगे बढ़ना चाहते हैं, तो अपने बच्चे का सम्पूर्ण टीकाकरण कराये।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान से जुड़ी मुख्य बातें :

  • बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार एवं उनका बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना सरकार का उद्देश्य है।
  • बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के उद्देश्य से इस मिशन की शुरुआत की गई।
  • देश में मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को घटाने के लिए चलाए जाने वाली योजनाओं में मिशन इन्द्रधनुष एक महत्वपूर्ण अंग है।
  • मिशन इन्द्रधनुष अभियान के तहत 2 वर्ष तक के आयु के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं तक टीका करण पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • क्षेत्र राष्ट्रीय सर्वेक्षण, स्वास्थ्य प्रबंध सूचना प्रणाली डाटा एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्राप्त आँकड़ों के आधार पर ऐसे क्षेत्रों का चयन किया जाएगा जहां टीकाकरण का प्रतिशत बहुत ही कम हो।
  • ऐसे जिलों में सघन टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा जिन जिलों में सम्पूर्ण टीकाकरण 50 प्रतिशत से कम हो।
  • एक स्थान से दूसरे स्थान पर प्रवास करने वाले शहरी झुग्गी-झोपड़ियों और उप-केंद्रों में ऐसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां टीकाकरण या तो नहीं हुआ या उसका प्रतिशत बहुत कम है।
  • मिशन इन्द्रधनुष योजना की निगरानी के लिए जिला स्तर, राज्य स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर पर निगरानी टीम गठित की गई है।
  • मिशन इन्द्रधनुष योजना को सफल बनाने के लिए गांव की आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, राष्ट्रीय शहरी जीविका मिशन एवं स्वयंसेवी संगठनों को साझेदार बनाया गया है।
  • इस मिशन इन्द्रधनुष अभियान के तहत दिसंबर 2018 तक 90 प्रतिशत क्षेत्रों में सम्पूर्ण टीकाकरण संपन्न कराने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा रखा गया है।
  • अक्टूबर 2017 से जनवरी 2018 तक प्रति महीने मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम को युद्धस्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता वाले जिलों में चलाया गया।
  • भारत में नियमित टीकाकरण बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने विदेशी साझेदारों से सहयोग प्राप्त करने का फैसला किया है।

मिशन इन्द्रधनुष के लिए रणनीति : 

मिशन इन्द्रधनुष, देशभर के की फंक्शनल क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए एवं हाई टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम है, जिसमें उन जिलों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाना हैं जहाँ टीकाकरण कम हुआ है।

व्यापक रणनीति, सबूत और सर्वोत्तम प्रैक्टिसेज पर आधारित है, जिसमें 4 एलेमेंट्स शामिल होंगे-

  • सभी स्तरों पर अभियानों की सावधानीपूर्वक योजना : नियमित टीकाकरण अभियान के दौरान पर्याप्त टीका लगाने वालों एवं सभी टीकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक जिलों के सभी ब्लॉकस एवं शहरी क्षेत्रों में छोटी – छोटी योजनाओं में सुधार करना है। 4,00,000 से भी ज्यादा ऐसे हाई रिस्क सेटलमेंट क्षेत्र जैसे माइग्रेशन के साथ अर्बन स्लम्स (Slums), नोमड्स (Nomads), ब्रिक किल्न्स (Brick kilns), निर्माण स्थल आदि पर बच्चों तक पहुँचने के लिए विशेष योजना तैयार करना है।
  • इफेक्टिव कम्युनिकेशन एवं सोशल मोबिलाइजेशन के प्रयास : आवश्यकता पर आधारित कम्युनिकेशन की रणनीति के जरिये टीकाकरण की सेवाओं के प्रति जागरूकता और मांग बढ़ाना तथा कम्युनिकेशन मीडिया, मध्य मीडिया, लोगों के आपसी कम्युनिकेशन, स्कूल, युवाओं के नेटवर्क और कॉर्पोरेट के जरिये नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में समुदाय की भागीदारी बढ़ाने के लिए सामाजिक रूप से प्रयास करना है।
  • हेल्थ अधिकारियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स का गहन प्रशिक्षण : गुणवत्ता वाली टीकाकरण सेवाओं के लिए नियमित टीकाकरण गतिविधियों में हेल्थ अधिकारियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स की क्षमता को बढ़ाना है।
  • कार्य बलों के द्वारा एकाउंटेबिलिटी फ्रेमवर्क को विकसित करना : देश के सभी जिलों में टीकाकरण के लिए जिला कार्यबलों को मजबूत कर, जिला प्रशासन एवं स्वाथ्य मशीनरी की जिम्मेदारी को बढ़ाना तथा आज के समय के आधार पर इम्प्लीमेंटेशन में कमियों को ख़त्म करने के लिए कॉनकरंट सेशन मॉनिटरिंग डेटा का उपयोग करना है।

मिशन इन्द्रधनुष अभियान का लक्ष्य :

  • मिशन इन्द्रधनुष अभियान का मुख्य लक्ष्य दो साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं का सम्‍पूर्ण टीकाकरण कराना है। यह मिशन, टीकाकरण के काम में तेज़ी लाने और देश के सभी बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण करने के लिए शुरू किया गया है।
  • मिशन इन्द्रधनुष अभियान की रुपरेखा मोदी सरकार ने बहुत सोच-विचार करके बनायी गई है, ताकि स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍था मजबूत बने और उसकी यह मजबूती भविष्‍य में भी बरकरार रहे। पिछले कुछ बरसों से, भारत में सम्पूर्ण टीकाकरण कवरेज के काम में सिर्फ एक प्रतिशत सालाना बढ़ोत्‍तरी हुई है।
  • भारत सरकार ने देश के 28 राज्यों के 201 ऐसे जि़लों की पहचान की है, जिनमें अधूरा टीकाकरण कराने वाले और टीकाकरण से पूरी तरह वंचित बच्चों की संख्या सबसे ज्‍यादा है।
  • मिशन इन्द्रधनुष अभियान के तहत, विशेष टीकाकरण अभियानों के जरिये देश में नियमित टीकाकरण की कवरेज को बेहतर बनाने के लिए इन जिलों पर खास ध्‍यान दिया जाएगा।
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