उड़े देश का आम नागरिक” है। व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिए मामूली यात्राएं करने की है, जिन्हें देश के 2 स्तर या 3 स्तर के शहरी समुदायों में यात्रा करने और काफी हद तक जाने की आवश्यकता है। तत्काल समय में की गई घोषणा के अनुसार साधारण व्यक्ति मात्र 2500 रुपये में बोर्डिंग पास बुक कर सकता है। इस योजना के तहत शुरू की जाने वाली प्राथमिक यात्रा दिल्ली और कलकत्ता के बीच उड़ान भरेगी। यहां इस प्लान के साथ पहचाने जाने वाले सभी डेटा दिए जाएंगे।
भारत के प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल को UDAN साजिश के तहत शिमला से दिल्ली के लिए मुख्य प्रस्थान की शुरुआत की थी। यह योजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत शुरू की गई थी, जो हाल ही में 2016 में शुरू हुई थी। इस योजना की सहायता से, सार्वजनिक प्राधिकरण की जरूरत है विमानों के कार्यालय के साथ देश के छोटे शहरी क्षेत्रों को भी जोड़ने के लिए। योजना के लिए ‘उड़ान’ शब्द का पूर्ण रूप ‘उड़े देश का आम नागरिक’ है। इस योजना के तहत, सार्वजनिक प्राधिकरण उड़ान मार्ग को कम करेगा और कई ऐसे स्थानों पर हवाई टर्मिनलों को इकट्ठा करेगा, जहां अभी तक हवाई टर्मिनलों पर काम नहीं किया गया है। इस योजना के तहत ग्राहकों के लिए एक घंटे में 500 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी, जिसकी कीमत 2500 रुपये होगी। इस योजना के लिए 128 कोर्स और 5 प्रशासकों को याद किया गया है।
UDAN प्लॉट मौजूदा हवाई क्षेत्रों और हवाई टर्मिनलों की बहाली के माध्यम से गैर-सेवारत और काम कर रहे हवाई टर्मिनलों को नेटवर्क देने की कोशिश करता है।
उड़ान योजना क्या है? :
UDAN conspire भारत की केंद्र सरकार द्वारा भेजी गई एक योजना है, अन्यथा इसे क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना कहा जाता है, योजना का अभियान कम से कम कीमत पर आम लोगों को हवाई यात्रा का कार्यालय देने की कोशिश में बनाया गया है। इस योजना को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने 21 अक्टूबर 2016 को नई दिल्ली में भेजा था। हालाँकि, यह योजना अप्रैल 2017 से शुरू हुई है और 10 वर्षों तक की अवधि के लिए, यह योजना सक्रिय रहेगी। इस योजना का मूल लक्ष्य कम से कम खर्च वाले हवाई टिकट देना है।
विकास और सुधार की गारंटी :
- इसका उद्देश्य लगातार 2022 तक टिकटों की राशि को 80 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ करना है।
- इस स्थानीय नेटवर्क के तहत एक बाजार आधारित प्रणाली तैयार की जाएगी जिसके तहत विमान सीट विनियोग के लिए होंगे।
- कैरियर प्रशासक 40 प्रायोजित स्थितियों के लिए पेशकश करेंगे और उनके पास कम से कम 9 सीटें होंगी। यहां आधी सीटें बाजार आधारित लागत की होंगी।
- मध्यम और आर्थिक रूप से उचित अन्य विकल्प और लाभकारी उड़ानें प्रादेशिक पाठ्यक्रमों पर उपलब्ध होंगी। ये उड़ानें भारत के मजदूर वर्ग के उन लोगों के लिए मध्यम होंगी जिनके पास छोटे शहरी समुदायों के साथ जगह है।
- इसके तहत, विमानों को उपलब्धता के लिए और महत्वपूर्ण वाहकों के साथ कोड साझा करने का पूरा अवसर मिलेगा, और उन्हें विभिन्न हवाई टर्मिनल शुल्कों से मुक्त किया जाएगा।
- वायुयानों को एक विशिष्ट प्रादेशिक पाठ्यक्रम पर लंबे समय तक उड़ान भरने के लिए एक अनूठा विकल्प दिया जाएगा। स्थानीय उड़ानों के लिए इन कोर्स का हवाई किराया 60 मिनट के लिए 2500 रुपये होगा।
उड़ान योजना का कारण :
- UDAN षडयंत्र की घोषणा वर्ष 2016 में उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी, जिसे इसी वर्ष अंजाम दिया गया है।
- इस योजना के तहत लोक प्राधिकरण देश को प्रांतीय उपलब्धता देने का प्रयास कर रहा है। व्यवस्था के अनुसार, इसकी उड़ानें अधिकतम 800 किमी की दूरी तय करेंगी।
- इस योजना के तहत देश के 43 शहरी क्षेत्रों को उड़ानों से जोड़ा गया है। इसके साथ ही करीब 12 ऐसे हवाई टर्मिनल जुड़ेंगे, जो छिटपुट रूप से चल रहे हैं। इसके साथ ही 31 ऐसी जगहों को चालू करना होगा, जहां एयर टर्मिनल तो है लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं हो रहा है।
- इस योजना के तहत, एयर इंडिया सब्सिडियरी एलायंस मुख्य वाहक बन गया, जिसने इस योजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच विमानों का संचालन किया।
योजना का नाम | उड़ान योजना |
UDAN का पूरा नाम | “उड़े देश का आम नागरिक” |
लांच तारीख | 21 अक्टूबर 2016 |
लांच की गई | केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्री अशोक गजपति राजू |
मंत्रालय | केन्द्रीय सिविल एविएशन मंत्रालय |
शुरुआत | जनवरी 2017 |
परिवहन के साधन | फ्लाइट |
कीमत | 2500/- |
कुल सीट | 9 से 40 प्रति यूजर |
कुल उपलब्ध सीट | कुल सीटों की 50% |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.aai.aero/en/rcs-udan |
उड़ान योजना का उद्देश्य :
- उड़ान योजना की घोषणा साल 2016 में भारत सरकार के एविएशन मंत्रालय द्वारा की गयी थी, जिस पर इस साल अमल शुरू किया गया है।
- इस योजना के तहत सरकार देश को रीजनल कनेक्टिविटी देना चाह रही है। योजना के अनुसार इसके फ्लाइट्स अधिकतम 800 किमी की दूरी तय करेंगे।
- इस योजना के तहत देश के 43 शहरों को फ्लाइट्स से जोड़े जाने की खबर है। साथ ही इससे ऐसे लगभग 12 एअरपोर्ट जोड़े जायेंगे, जो अनियमित रूप से चल रहे हैं। इसके साथ 31 ऐसी जगहें सक्रीय हो पाएंगी, जहाँ एअरपोर्ट तो है किन्तु उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
- इस योजना के तहत एयर इंडिया सबसीडरी अलायन्स पहली एयर लाइन बनी, जिसने इस योजना के तहत दिल्ली और शिमला के बीच हवाई जहाज चलाई। अलायन्स एयर की तरफ से इस योजना के तहत 48 सीटों वाली एटीआर-42 रेगुलर बेसिस पर उड़ान भरेगी। ये सभी फ्लाइट्स इकनोमिक क्लास की होंगीं।
- छोटी रन वे लम्बाई, ऊंचाई और तामपान सीमओं की वजह से फ्लाइट की 48 सीट्स ही बुक नहीं करायी जाएँगी। अर्थात हवाई जगह में पूरी तरह से 48 सीटों पर लोग सफ़र नहीं कर पाएंगे। दिल्ली शिमला रूट में फ्लाइट अपनी पहली उड़ान के समय 35 और वापसी के समय 15 पैसेंजेर को लेकर उड़ान भरेगी। इस दौरान खाली रहने वाली सीटों पर प्रति सीट 3000 रूपए का वीजीएफ़ जारी करेगी। वीजीएफ़ का वहन सरकार ही करेगी।
- इस वीजीएफ़ का प्रयोग एयरलाइन के नियमन के लिए तथा अन्य खर्चों के रूप में किया जायेगा। एयरलाइन के लिए सालाना 205 करोड़ के खर्च की बात कही गयी है। इस कार्य के लिए 19 राज्य और तीन केन्द्रशासित प्रदेशों ने एक एमओयू साइन किया है।
- इस योजना में राज्य सरकारों की भूमिका अहम् है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों से आवश्यकतानुसार ज़मीन, अच्छी सुरक्षा व्यवस्था, कम पैसे में एयरपोर्ट के लिए आवश्यक सर्विस देने की बात कही है। केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मुफ्त में आरसीएस एअरपोर्ट के लिए ज़मीन की मांग कर रही है। इस योजना में वीजीएफ़ में राज्य सरकार की 20 प्रतिशत तथा देश के उत्तरपूर्वी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी।
- ये स्कीम नेशनल सिविल एविएशन पालिसी का एक हिस्सा है, जिसकी औपचारिक घोषणा जून 2016 को हुई थी।
- सरकार ने इस योजना के अंतर्गत टिकट की क़ीमत महज 2500 रूपए से शुरू कर रही है। ये प्रति 1 घंटे के सफ़र का किराया है. इस तरह अब हवाई जहाज़ से सफ़र करने वालों की संख्या भी बढ़ेगी और आम लोग इस सुविधा का आनंद उठा पाएंगे।
- इस स्कीम के तहत वे सारे हवाई अड्डे सक्रीय हो पाएंगे, जहाँ पर हवाई जहाज़ की सेवा अनियमित रूप से चलती है। कई हवाई अड्डे बने पड़े हैं, किन्तु उसका प्रयोग नहीं हो पा रहा है। अतः इस योजना के सहारे इन हवाई अड्डों को काम में लगाया जा सकेगा और साथ ही कई नए हवाई अड्डे भी बनवाये जायेंगे।
उड़ान योजना के लाभ :
- यह विश्व की अपने किस्म की पहली योजना है जो क्षेत्रीय हवाई मार्गों पर किफायती और आर्थिक रूप से व्यावहारिक उड़ाने प्रस्तुत करेंगी।
- इस सेवा के अंतर्गत किराया कम होगा ताकि विमान सेवा से वंचित क्षेत्रों तक भी पहुंचा जा सके।
- योजना के तहत ऐसी उड़ानों में 50 प्रतिशत सीटों के लिये किराया सीमा 2,500 रपये होगा और शेष के मामले में यह बाजार आधारित कीमत व्यवस्था पर आधारित होगा।
- सेवा प्रदाता एयरलाइंसों को नए मार्ग और अधिक यात्री मिलेंगे।
- उड़ान योजना में सेवा रहित और क्षमता से कम सेवा वाले देश के हवाई अड्डों को वर्तमान हवाई पट्टियों तथा हवाई अड्डों का पुनरोद्धार कर कनेक्टविटी प्रदान करना है।
- विमान से 500 किलोमीटर की एक घंटे की यात्रा तथा हैलीकॉप्टर से 30 मिनट की यात्रा के लिए किराये की सीमा 2,500 रूपये होगी।
उड़ान योजना की विशेषता :
- यह योजना सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए एक जीत की स्थिति प्रदान करेगी।
- नागरिकों को अधिक जॉब्स के अवसर मिल जायेगें एवं यह अफोर्डेबिलिटी, कनेक्टिविटी और अधिक रोजगार के लिए भी लाभकारी होगी।
- भाजपा सरकार, बाजार और क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क का विस्तार करने के लिए सक्षम होगी।
- राज्य सरकारों को दूरदराज के क्षेत्रों के विकास का लाभ प्राप्त होगा।
- इससे व्यापार, वाणिज्य और अधिक पर्यटन विस्तार में वृद्धी होगी।
- इन्कम्बेंट एयरलाइन्स के लिए नये मार्गों का वादा किया गया है और अधिक यात्रियों के लिए एयरलाइन्स शुरू हुआ है, एवं यहाँ नये स्केलेबल व्यापार के अवसर भी हैं।
- एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, मूल उपकरण निर्माताओं के रूप में अपने व्यवसाय का विस्तार भी देखेंगे।
List of 78 routes under Phase-I #UDAN 4.0. Bonanza to North East! #ActEastPolicy #SabUdenSabJuden pic.twitter.com/0cPuOKQkjN
— Usha Padhee (@ushapadhee1996) August 25, 2020
कैसे उड़ान योजना अपने लक्ष्य को पूरा करेगी? :
- केंद्र एवं राज्य सरकार और एयरपोर्ट ऑपरेटर्स, एयरलाइन्स के लिए कन्सेशन के रूप में फाइनेंसियल प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।
- वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के मैकेनिज्म द्वारा, कुछ एयरपोर्ट्स से किक–ऑफ ऑपरेशन्स करने के लिए इंट्रेस्टेड एयरलाइन्स को उपलब्ध कराया जायेगा।
- इस योजना के तहत VGF आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फण्ड (RCF) बनाया जायेगा। कुछ घरेलू उड़ानों के लिए RCF लेवी प्रति डिपार्चर लागू किया जायेगा।
एयरलाइन और हेलीकाप्टर ऑपरेटर्स के लिए क्या विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध होंगी? :
- एयरलाइन और हेलीकाप्टर ऑपरेटर्स के लिए निम्न सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
- इस योजना के तहत एयरलाइन और हेलीकाप्टर ऑपरेटर्स की रूचि होगी जिससे इम्प्लेमेंटिंग एजेंसियों के प्रस्ताव प्रस्तुत करने से बिना जुड़े हुए मार्गों पर ऑपरेशन शुरू किया जा सकता हैं।
- VGF से विभिन्न कन्सेशन के अलावा तलाश की जा सकती है।
- इस योजना के तहत बिना जुड़े हुए मार्गों को प्रस्तावित करने के लिए प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से पेशकश की जाएगी और सबसे कम VGF प्रति सीट के हवाले (कोटिंग) से भाग लेने के लिए सम्मानित किया जायेगा।
- एक सफल बिडर (Bidder) के पास 3 साल की अवधि के लिए मार्ग ऑपरेट करने के लिए विशेष अधिकार होगा।
- 3 साल की ग्रेस अवधि के बाद, मार्ग के आत्मनिर्भर बनने की सम्भावना के रूप में इस तरह के समर्थन वापस ले लिए जायेंगे।
- ऑपरेशन्स के लिए चुने गए एयरलाइन ऑपरेटर, UDAN फ्लाइट्स पर न्यूनतम 9 तथा अधिकतम 40 UDAN सीटें प्रदान करेंगे।
- एयरपोर्ट ऑपरेटर्स में कोई भी लैंडिंग, पार्किंग चार्ज और टर्मिनल नेविगेशन चार्ज लागू नहीं होगा।
उड़ान योजना में राज्य का रोल :
- राज्य सरकार के साथ विचार : विमर्श करके और उनके कन्सेशन के कन्फर्मेशन के बाद एयरपोर्ट्स का चयन शुरू होता है, जहाँ UDAN का ऑपरेशन किया जायेगा।
- इस योजना में बेकार एयरपोर्ट्स के रिवाइवल और अन : सर्व्ड एयरपोर्ट्स पर ऑपरेशन शुरू करने में मदद मिलेगी।
महत्त्वपूर्ण बिंदु :
- क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना ‘उड़ान’ के दूसरे चरण के तहत 73 हवाई अड्डों और हेलीपैडस को जोड़ा जाएगा।
- इस योजना के तहत प्रतिवर्ष लगभग 26.5 लाख सीटें उपलब्ध कराई जाएंगी जिसमें अधिकतम किराया 2500 रुपए / घंटे की दर से वसूला जाएगा।
- इस योजना के तहत हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों से पहली बार बोली प्राप्त की गई है, जिसका उपयोग पहाड़ी राज्यों में एयर कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिये किया जाएगा।
- उड़ान के दूसरे चरण में हिमाचल प्रदेश में 6, उत्तराखंड में 15, अरुणाचल प्रदेश में 8, उत्तर प्रदेश में 9, असम और मणिपुर में 5 शहरों में एयर कनेक्टिविटी प्रदान कराई जाएगी।
- कारगिल, दरभंगा, इलाहाबाद, कसौली, बोकारो, दुमका, हुबली, कन्नूर और पकयोंग जैसे शहर इससे लाभान्वित होने वाले मुख्य शहर हैं। इस योजना के तहत कारगिल को पहली बार हवाई सेवा उपलब्ध होगी और उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा।
- इन प्रस्तावों को अमलीजामा पहनाने के लिये प्रतिवर्ष 487 करोड़ रुपए की व्यवहार्यता अंतराल अनुदान (Viability Gap Funding- VGF) और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों (उत्तर-पूर्वी और पहाड़ी राज्य) में हेलीकॉप्टर संचालन के लिये 130 करोड़ रूपए की आवश्यकता होगी।
- इसके लिये केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के वित्तीयन हेतु प्रमुख मार्गों पर उड़ान भरने वाली एयरलाइनों से वसूली जाने वाली 5,000 रुपए की क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी लेवी में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है।
- अब इसे आंशिक रूप से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा भारत सरकार को दिये जाने वाले लाभांश में से निधि प्रदान कराई जाएगी।
उड़ान स्कीम के लिए शामिल किये गए रूट :
इस योजना के तहत लोगों को सुविधा मुहैया कराने के लिए पांच अलायन्स एयर, स्पाइसजेट, टर्बो मेघा, एयर ओड़िसा और एयर डेक्कन एयरलाइन्स शामिल किये गए है| इन पाँचों को कुल 128 रूट दिए गये हैं | इससे जुडी सूची इस प्रकार है-
नए (अंडर सर्व्ड अनसर्व्ड) हवाईअड्डे | सम्बंधित स्थान | ऑपरेशन का महीना | एयरलाइन ऑपरेटर का नाम |
भटिंडा | दिल्ली | मार्च | अलायन्स एयर |
शिमला | दिल्ली | अप्रैल | अलायन्स एयर/ एयर डेक्कन |
आगरा | जयपुर/ दिल्ली | जून/ अगस्त | अलायन्स एयर/ एयर डेक्कन |
बीकानेर | दिल्ली | जून | अलायन्स एयर |
ग्वालियर | दिल्ली/ दिल्ली/ इंदौर/ लखनऊ | जून/ सितम्बर/ जून/ सितम्बर | अलायन्स एयर/ एयर ओड़िसा/ अलायन्स एयर /एयर ओड़िसा |
कदापा | बेंगलोर/ बेंगलोर/ हैदराबाद/ चेन्नई/ विजयवाड़ा | जून/ सितम्बर/ जून/ सितम्बर/ सितम्बर | ट्रूजेट/ एयर ओड़िसा/ ट्रूजेट/ ट्रूजेट और एयर ओड़िसा/ ट्रूजेट |
लुधियाना | दिल्ली | जून/ अगस्त | अलायन्स एयर/ डेक्कन चार्टर |
नांदेड | मुंबई/ हैदराबाद | जून | ट्रूजेट |
पठानकोट | दिल्ली | जून | अलायन्स एयर |
विद्यानगर | हैदराबाद/ बेंगलोर | जून/ जुलाई | ट्रूजेट |
अंडाल (दुर्गापुर) | बागडोर/ कोलकाता | जुलाई | एयर डेक्कन |
बर्नपुर | कोलकाता | जुलाई | एयर डेक्कन |
कुचबिहार | कोलकाता | जुलाई | एयर डेक्कन |
जमशेदपुर | कोल्कता | जुलाई | एयर डेक्कन |
राउरकेला | कोलकाता/ भुबनेश्वर | जुलाई/ सितम्बर | एयर डेक्कन/ एयर ओड़िसा |
भावनगर | अहमदाबाद/ सूरत | अगस्त | एयर ओड़िसा |
दिउ | अहमदाबाद | अगस्त | एयर ओड़िसा |
जामनगर | अहमदाबाद | अगस्त | एयर ओड़िसा |
अदमपुर | दिल्ली | अगस्त | स्पाइस जेट |
कांडला | मुंबई | अगस्त | स्पाइस जेट |
कानपूर (चकेरी) | दिल्ली/ दिल्ली/ वाराणसी | अगस्त/ सितम्बर/ सितम्बर | स्पाइस जेट/ एयर ओड़िसा/ एयर ओड़िसा |
कुल्लू (भुंतर) | दिल्ली | अगस्त | एयर डेक्कन |
मितापुर (द्वारका) | अहमदाबाद | अगस्त | एयर ओड़िसा |
मुंद्र | अहमदाबाद | अगस्त | एयर ओड़िसा |
पंतनगर | देहरादून/ दिल्ली/ हैदराबाद | अगस्त | एयर डेक्कन/ स्पाइस जेट |
पोंडिचेरी | चेन्नई/ सालेम | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
पोरबंदर | मुंबई/ अगरतल्ला/ ऐजवल | अगस्त | स्पाइसजेट/ एयर डेक्कन |
शिलोंग | दीमापुर/ इम्फाल/ सिलचर | अगस्त | एयर डेक्कन |
अंबिकापुर | बिलास्पुर | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
बिलासपुर | अम्बिकापुर | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
जगदलपुर | रायपुर/ रायपुर/ विशाखापट्टनम | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
जैसलमेर | जयपुर | सितम्बर | स्पाइस जेट |
जलगाँव | मुम्बई | सितम्बर | एयर डेक्कन |
जीपोर (jeypore) | भुबनेश्वर | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
झासुगुड़ा | भुबनेश्वर/ रायपुर/ रांची | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
कोल्हापुर | मुंबई | सितम्बर | एयर डेक्कन |
मैसूर | चेन्नई | सितम्बर | ट्रूजेट, एयर ओड़िसा |
नेवेली (Neyveli) | चेन्नई | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
ओजार नासिक | मुंबई /पुणे | सितम्बर | एयर डेक्कन |
रायगढ़ | रायपुर | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
सालेम | चेन्नई /बेंगलोर | सितम्बर | एयर ओड़िसा /ट्रूजेट |
शोलापुर | मुंबई | सितम्बर | एयर डेक्कन |
उत्केला | भुबनेश्वर | सितम्बर | एयर ओड़िसा |
बीदर | बेंगलोर | अनुमोदन प्रतीक्षित | ट्रूजेट |
होसुर | चेन्नई | अनुमोदन प्रतीक्षित | ट्रूजेट |