जन औषधि योजना का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 1 जुलाई 2015 को किया गया था। परंतु इस योजना की शुरुआत 2008 में की गई थी। प्रधानमंत्री जी की इस योजना के तहत बेहतर क्वालिटी की दवाइयाँ कम रेट पर आम नागरिकों को उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत केंद्रीय फार्म सार्वजनिक क्षेत्र के उपकरणों की मदद के तहत फार्मास्युटिकल्स विभाग द्वारा किया गया है। जन औषधि योजना के तहत भारत सरकार द्वारा बेहतर क्वालिटी वाली जेनरिक मेडिसीन बाजार रेट से कम कीमत पर दी जा रही है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा इसके लिए जन औषधि स्टोर बनाये जा रहे है। जिनके तहत जेनरिक मेडिसीन उपलब्ध होंगी।
इस योजना के तहत ब्रांडेड या जेनरिक मेडिसीन अथवा फार्म की मेडिसीन की तुलना में बहुत सस्ती है। जिनके तहत वे जेनरिक दवाइयाँ की तुलना में बराबर काम करती है। इस योजना को शुरू विशेष कर आम नागरिकों को सचेत करने के लिए किया है। जिसके तहत लोग समझ सके की ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले जेनरिक दवाइयाँ कम कीमत पर मौजूद है तथा साथ ही साथ इन दवाइयों की तुलना ब्रांडेड मेडिसीन की तुलना में कोई कमी नहीं है। इस योजना के तहत जेनरिक मेडिसीन बाजार के उपलब्ध है जिसके तहत आप इन दवाइयों को आसानी से प्राप्त कर सकते है।
प्रधानमंत्री जन औषधि में लोगों को मार्किट से 60 या 70 % कम रेट पर मेडिसीन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार जल्द ही पुरे भारत देश में लगभग 1 हज़ार से भी ज्यादा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलेगी। जन औषधि योजना के तहत आप कम लागत में अपना कोई काम करना चाहते है तो आपको यह बात जानकर अचम्भा होगा की आप केवल 2 लाख रूपये से जन औषधि केंद्र को खोल सकते है।
इस योजना के तहत देखा जाये तो देश में लगभग 600 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके है। इस योजना के तहत आपको औषधि केंद्रों पर दवाइयों की सेल पर आपको 16 % कमीशन भी दिया जायेगा। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत सरकार की अहम ज़िम्मेदारी यह होती है की सरकार इन जन औषधि केंद्रों पर जेनरिक मेडिसीन को समय पर उपलब्ध कराती है। इस योजना के तहत देखा जाये तो पहले सरकार के नियम के अनुसार जन औषधि केंद्र सिर्फ सरकार की चुनिंदा संस्थाओं तक ही सिमित थी लेकिन अब कोई भी व्यक्ति जैसे डॉक्टर, व्यवसायी, फार्मास्टिक, हॉस्पिटल, NGO आदि कोई भी जन औषधि स्टोर ओपन कर सकता है।
योजना का नाम | प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना |
किसके द्वारा | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
शुरूआत तिथि | 1 जुलाई 2015 |
उद्देश्य | लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराना है |
लाभार्थी | देश के सभी लोग |
विभाग | स्वास्थ्य विभाग |
आधिकारिक वेबसाइट | http://janaushadhi.gov.in |
ईमेल | complaints@janaushadhi.gov.in |
टोल फ्री नंबर | 1800-180-8080 |
दूरभाष | 011-49431800 |
फैक्स | 011-49431899 |
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना क्या है? :
इस योजना को केंद्र सरकार ने शुरू किया है। यह योजना भारत के औषधि विभाग द्वारा शुरू की गई है। इसका उद्देश्य लोगों को जेनेरिक दवाएं कम मूल्य पर उपलब्ध कराना है, जिससे गरीब व्यक्ति भी अपना इलाज अच्छी तरह करवा सकें।
इस योजना को “प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना” के नाम से जाना जाता है। इस योजना के अंतर्गत जो जेनेरिक दवाएं दवाइयां लोगों को उपलब्ध कराई जाएंगी उनका मूल्य कम होगा और उनकी क्वालिटी बेहतर होगी। भारत के औषधि विभाग ने BPPI की स्थापना की है, जो इस योजना के लिए दवाओं का संरक्षण, सप्लाई और मार्केटिंग जैसे सभी काम करेगी।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का उद्देश्य :
- देश में दवा की उपलब्धता की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए, सीपीएसयू आपूर्ति के माध्यम से गुणवत्ता वाली दवाओं तक पहुंच और निजी क्षेत्र में जीएमपी अनुरूप निर्माताओं के जरिए गुणवत्ता का लाभ उठाएं।
- केन्द्रीय और राज्य सरकारों में बजट की बाधाओं के बावजूद, गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं का कवरेज बढ़ाया जा सकेगा जिससे प्रति व्यक्ति उपचार की इकाई लागत को दोबारा परिभाषित किया जाएगा।
- एक मॉडल का विकास करना जिसे न केवल भारत में बल्कि अन्य कम विकसित देशों में भी सभी के लिए सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाली दवाओं तक पहुंच में सुधार के द्वारा गुणवत्ता वाले सस्ती स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाने के उनके सामान्य लक्ष्य में भी दोहराया जा सकता है।
- सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली तक ही सीमित नहीं है लेकिन निजी क्षेत्र द्वारा उत्साह और दृढ़ विश्वास के साथ अपनाया जाना चाहिए और इस तरह से इस देश के हर गांव में इसकी कवरेज फैल गई।जन औषधि योजना सभी के लिए खुला है चूंकि जेनेरिक समतुल्य सभी ब्रांडेड दवाओं के लिए उपलब्ध हैं, अभियान किसी भी दवा के लिए दवा प्रदान करेगा या किसी के लिए ओवर काउंटर (ओटीसी) दवा का उपयोग करेगा यह देश के वंचित वर्गों के लिए उतना ही उपलब्ध होगा जितना कि देश के लाभ वाले अमीर जनसंख्या वर्ग के लिए।
- शिक्षा और प्रचार के माध्यम से जागरूकता पैदा करें ताकि गुणवत्ता उच्च कीमत के बराबर नहीं हो लेकिन कम अधिक यह कहना है कि, कम कीमत के साथ, अधिक दवाएं उपलब्ध होंगी, अधिक मरीजों का इलाज किया जाएगा और अधिक लोग स्वस्थ जीवन जीएंगे।
- राज्य सरकारों, केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों, सहकारी निकायों और अन्य संस्थानों से जुड़े एक सार्वजनिक कार्यक्रम बनें।
- कम चिकित्सीय लागतों के माध्यम से बेहतर स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच में सुधार करके और सभी उपचारात्मक श्रेणियों में जहां कहीं भी आवश्यक हो, आसानी से जेनेरिक दवाओं की मांग बनाएं।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के लाभ :
- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत लोगों को जेनरिक दवाइयों के प्रति सचेत करने का काम भी जन औषधि के तहत होता है।
- इस योजना के तहत बड़ी से बड़ी तथा घातक बिमारियों के इलाज के लिए जेनरिक मेडिसीन मुहैया कराना तथा यह दवाइयाँ लोगों के बजट में भी होगी।
- जन औषधि योजना के तहत समय समय पर जेनरिक मेडिसीन मुहैया कराने की ज़िम्मेदारी भी जन औषधि के तहत आएगी।
- इस योजना के तहत कम रेट पर दवाइयाँ उपलब्ध कराने के साथ साथ क्वालिटी इस बात की भी पूरी गारंटी जन औषधि के तहत विक्रेताओं तथा नागरिकों को दी।
- जन औषधि केंद्र परियोजना के तहत जेनरिक मेडिसीन की सेल के लिए विक्रेताओं को भी क्वालिटी के प्रति सचेत करने का काम जन औषधि के तहत होता है।
- प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत सरकारी हॉस्पिटल तथा डॉक्टर को भी जेनरिक दवाइयों को क्वालिटी के बारे में बताते हुए उन्हें मरीज़ को ये दवाइयाँ कागज़ पर लिख कर देना जरूरी है।
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का लक्ष्य :
- जनता में जन औषधि यानि कि जैनरिक दवाइयों के बारे में जागरूक करना।
- सभी सरकारी या गैर सरकारी समूहों को उपयोग की जाने वाली जैनरिक दवाइयां प्रदान करना।
- देश के चिकित्सको की मदद से जैनरिक दवाइयों की मांग पैदा करना।
- देश की गरीब परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करना।
- सभी गरीब परिवारों को सरकारी योजनो के तहत लाभ प्रदान करना।
- सभी लोगों में शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक करना और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयों के बारे बताना या उपलब्ध करवाना।
जन औषधि केंद्र के लिए आवेदन कौन-कौन कर सकता है :
- अगर अपने बी फार्मा और डी फार्मा की पढ़ाई कर रखी है, तो आप ये केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा कोई भी चेरिटेबल ट्रस्ट या फिर एनजीओ भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बस उनको किसी बी फार्मा और डी फार्मा डिग्रीधारी व्यक्ति को इस केंद्र की जिम्मेदार देनी होगी।
- औषधि स्टोर खोलने के लिए आवेदक के पास पर्याप्त जगह होना, चाहिये जो कि किराए की हो सकती हैं।
- स्टोर के लिए 120 sq ft की जगह होना चाहिये, जिसका निर्णय बीपीपीआई स्वयं विजिट करके लेती हैं।
- आवेदक के पास फार्मिस्ट का सर्टिफिकेट होना चाहिये।
- आवेदक के पास रिटेल ड्रग लाइसेंस एवम टिन नंबर होना चाहिये।
- आवेदक की हालत अच्छी होनी चाहिये, उसका टैक्स फाइल होना चाहिये। पिछले तीन साल का सभी फाइनेंसियल ब्यौरा सही होना चाहिये। जिसका परिक्षण बीपीपीआई द्वारा किया जायेगा।
PM जन औषधि केंद्र कौन खोल सकता है :
- बता दें इस जन औषधि केंद्र खोलने के लिए गैर सरकारी संगठन / संस्था / सहकारी समिति जो राज्य सरकार द्वारा मान्य होनी चाहिए।
- इस योजना के तहत SC, ST एवंदिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए सहायता राशि जोकि 50,000 रुपये मूल्य तक की दवा एडवांस में दी जाती है।
- इस योजना के तहत जो दवाई की दुकाने खोली जाती है वह प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से खोली जाती है।
- कोई भी गैर सरकारी संगठन / संस्था / सहकारी समिति / स्व-स्वास्थ्य समूह जिसे कम से कम 3 साल का कल्याणकारी गतिविधियों में अनुभव होना चाहिए।
- जो इस योजना तहत जन औषधि केंद्र खोल रहा है उसे सेण्टर खोलने के लिए जगह और पैसों की व्यवस्था होनी चाहिए। या फिर कोई बेरोजगार फार्मासिस्ट / मेडिकल प्रैक्टिशनर जिसके पास जगह और पैसों की व्यवस्था है।
- जन औषधि केंद्र के लिए दुकान का साइज 120 वर्गफुट एरिया में होना चाहिए।
जन औषधि स्टोर के लिए सरकार द्वारा की जाने वाली मदद :
- जन औषधि स्टोर ओपन करने के लिए सरकार स्टोर मालिको को यह कार्य शुरू करने के लिए 2 लाख रूपये देगी साथ ही कंप्यूटर जैसे हार्डवेयर लगाने के लिए 50हजार रूपये की मदद की जाएगी।
- जन औषधि स्टोर मालिको के लिए दवायें MRP से 16% कम में दी जाएँगी। जहाँ से मालिक सीधे कमाई कर सकते हैं।
- इसके अलावा सरकार की जाने वाली बिक्री के अनुसार इंसेंटिव भी देगी।
- सरकार द्वारा जेनेरिक दवाई को लेकर लोगों के प्रति जागरूकता फैलने के लिए ये जो कदम उठाया गया है वो काफी महत्वपूर्ण कदम है। ऐसा करने से उन डॉक्टरों पर लगाम लगाई जा सकेगी, जो कि पैसा कमाने के चक्कर में अक्सर मरीजों को महंगी दवाई के नाम लिखकर देते हैं। इस कदम से अब लोगों को पता होगा की बाजार में सस्ती दवाईयां भी मौजूद हैं। इतना ही नहीं किसी भी व्यक्ति का उसके इलाज में होनेवाले खर्चे में भी उसे काफी राहत मिलेगी। वहीं अगर इसके केंद्र की बात की जाए तो, इस योजना से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
- जन औषधि के अंदर सरकार ने बायोग्रेडबल सेनेटरी पैड सुविधा शुरु की है। ये पैड 2.5 रुपय में इन केंद्र में मिलेंगे।
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की योग्यता :
- आप एक चिकित्सक हैं।
- आप पंजीकृत चिकित्सा व्यवसायी हैं।
- कोई भी व्यक्ति या कारोबारी, अस्पताल, गैर सरकारी संगठन, फार्मासिस्ट, डॉक्टर, और मेडिकल प्रैक्टिशनर PMJAY के तहत औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकता है।
- PMJAYके तहत SC, ST एवं दिव्यांग आवेदकों को औषधि केंद्र खोलने के लिए 50,000 रुपये मूल्य तक की दवा एडवांस में दी जाती है।
- PMJAYमें प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है।
आपके पास बी फार्मा / डी फार्मा डिग्री है। यहां तक कि अगर आप व्यक्तिगत रूप से उपरोक्त योग्यता मानदंडों को पूरा नहीं करते हैं, तो भी आप एक जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आवेदन कर सकते हैं । परन्तु ,उसके लिए आप बी फार्मा और डी फार्मा डिग्रीधारी व्यक्ति को कार्यरत करने के लिए सक्षम होने चाहिए।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र परियोजना के पात्रता :
- जन औषधि केंद्र खोलने के लिए योग्यता मुख्य पात्रता हैं। यदि आपने बी फार्मा एवं डी फार्मा किया हुआ हैं, तो आप इसके पात्र हैं।
- इसके अलावा कुछ चैरिटेबल ट्रस्ट एवं एनजीओ भी यदि ये औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं तो इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन इसका संचालन करने वाला व्यक्ति बी फा.र्मा एवं डी फार्मा होना आवश्यक है।
- जन औषधि केंद्र खोलने के लिए एक प्रॉपर स्थान होना आवश्यक है जोकि 120 स्कवायेर फीट का होना चाहिए। ये स्थान अस्पतालों के कैंपस के बाहर या कोई भी उचित स्थान हो सकता हैं जहाँ ये केंद्र खोलने की अनुमति दी जाती हैं। आप यह जगह किराये से भी ले सकते हैं। इन केन्द्रों को रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड या फिर सरकारी दफ्तर के बार खोलने ज्यफा फायदेमंद होता है। बीपीपीआई लोअगों को जन औषधि केंद्र खोलने के लिए स्थान दिलवाने में भी मदद करती हैं।
- आवेदक कोई टैक्स देने वाला व्यक्ति नहीं होना चाहिये पिछले 3 साल की वित्तीय जानकारी सही होनी चाहिये। इन सब का परीक्षण बीपीपीआई द्वारा किया जायेगा।
प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र परियोजना के दस्तावेज :
- फार्मेसी कर चुके युवाओं का ओरिजिनल मेडिकल लाइसेंस
- आधार कार्ड
- आवेदक का पैन कार्ड
- राशन कार्ड
- सभी शिक्षा प्रमाण पत्र
- 10वीं व 12वीं की मार्कशीट
- आवेदक का जाति प्रमाण पत्र
- आवेदक के पत्ते का सबूत
- संस्थान का का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- जिस स्थान पर जन औषधि केंद्र खोलना चाहते हैं, उसके कागजात
- आवेदक के पिछले 3 साल का बैंक स्टेटमेंट अगर बैंक से लोन ले रखा है तो उसके डॉक्यूमेंट
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना संपर्क :
- उपभोक्ताओं के लिए टोल-फ्री :- 1800-180-8080
- स्टोर मालिकों के लिए टोल-फ्री :-1800-313-800000
- ईमेल :- complaints@janaushadhi.gov.in
प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना का पता
- पता :- 8वीं मंजिल, ब्लॉक ई-1, वीडियोकॉन टावर, झंडेवालान एक्सटेंशन, नई दिल्ली-110055
- दूरभाष :- 011-49431800
- फैक्स :- 011-49431899
- वेबसाइट :- janaushadhi.gov.in
- कार्यालय का समय :- सुबह 9:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक (सोम से शुक्र)