छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना : Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 25 जून 2020 को गोधन न्याय योजना शुरू करने की घोषणा की गयी है। इस योजना की शुरुआत करने का उद्देश्य राज्य को जैविक खेती की और अग्रसर करना है। योजना के तहत सरकार गोपालक किसानों से गोबर खरीदेगी। इसके बाद वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम किया जायगा। जिसे वन विभाग, उद्यानिकी विभाग और किसानों को बेचा जाएगा। इस प्रकार गोबर प्रबंधन की दिशा में कार्य करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा।

इस योजना की शुरुआत से गोपालक किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा। वहीं प्रदेश में पशुओं के खुले में चरई पर भी रोकथाम करने मे मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री बघेल के अनुसार गोधन न्याय योजना को प्रदेश में हरेली पर्व के अवसर पर 21 जुलाई 2020 को लागू किया जाएगा। योजना के अंतर्गत पिछले डेढ़ वर्षों में गोधन के उपयोग से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है।

राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 2200 गावों में गौठान बनाने का कार्य शुरू किया जा चूका है। इसी क्रम में 2800 गाँवों को गौठान निर्माण कार्य से जोड़ा गया है। आगामी महीनो में मध्य प्रदेश के कुल 5000 गाँवों को गौठान निर्माण कार्य से जोड़े जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। गौठान का प्रयोग वर्मी कम्पोस्ट बनाने में किया जाएगा। वर्मी कम्पोस्ट बनाने के कार्य को गाँवों में कार्यरत महिला स्वयं सेवक समूह को सौंपा जाएगा। गावों में गौठान निर्माण कार्य पूरा होने पर महिला स्वयं सेवक समूह के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य शुरू किया जा जाएगा। इससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होने के साथ हीं वर्मी कम्पोस्ट अन्य राज्यों में बेचने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना :

योजना का नाम छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना
राज्य छत्तीसगढ़
घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा
लॉन्च की तारीख 21 जुलाई 2020
लाभार्थी छत्तीसगढ़ राज्य के किसान और पशुपालक
उद्देश्य रोजगार प्रदान करना
संबंधित विभाग कृषि एवं जल संसाधन

छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना का उद्देश्य :

छ्त्तीसगढ़ में एक बड़ी मात्रा में किसान और अन्य लोग है जो पशु पालन क काम करते हैं, लेकिन इसमें अधिक आय ना होने की वजह से वह अपनी गायों को यंहा वंहा चरने के लिए छोड़ देते हैं, जिससे गोबर के कारण गंदगी तो फैलती ही है। साथ ही सड़को पर कई गााय के निकलने की वजह से कई बड़े हादसे भी हो जाते हैं। इन सभी समस्याओं को पूरी तरह से खत्म करने के लिए और पशुरालन को एक व्यवसायी रूप देने के लिए ही गोधन न्याय योजना का ऐलान किया गया है। इससे यह समस्याए भी खत्म होगी ही, साथ ही गायों को भी समय पर चारा देने की जिम्मेदारी भी निभाई जाएगाी।

गोधन न्याय योजना की विशेषताएं :

  • आर्थिक मदद :- इस योजना में पशुपालन करने वाले किसानों को खास तौर पर आर्थिक मदद दी जा रही हैं।
  • योजना में दी जाने वाली सुविधा :- इस योजना के तरह छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को यह सुविधा दे रही हैं कि उनसे गोबर की खरीदी करके उन्हें बदले में पैसे दिए जायेंगे।
  • गोबर का उपयोग :- सरकार जब किसानों से गोबर खरीदेगी, तो इसके बाद इससे वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण किया जायेगा। इसका निर्माण कार्य महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा होगा। और इसे फिर किसानों, वन विभाग एवं उद्यानिकी विभाग को प्रदान किया जायेगा।
  • गोबर का खरीद कीमत :- सरकार द्वारा खरीदे जाने वाले गोबर की कीमत सरकार ने 2 रूपये प्रति किलोग्राम सुनिश्चित की हैं। इसमें परिवहन शुल्क भी शामिल है।
  • गोबर की कीमत का निर्धारण :- गोबर कितने रूपये में खरीदा जायेगा, इसका निश्चय एक समिति की बैठक के बाद किया गया है। इस समिति में कृषि एवं जन संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे अध्यक्ष थे एवं इनके साथ 5 अन्य मंत्रिमंडल के सदस्य भी मौजूद थे।
  • योजना की देखरेख :- इस योजना में गोबर की खरीदी का काम, किसानों को दिए जाने वाले वित्तीय प्रबंधन का काम, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण का काम एवं उसके बेचने की प्रक्रिया आदि की देखरेख मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव एवं उप सचिव की समिति के द्वारा की जाएगी।

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छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना से लाभ :

  • राज्य में पशुओं के सड़क पर टहलने के कारण होने वाले सड़क हादसों पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। दरअसल मध्य प्रदेश में प्रचलित प्रथा के अनुसार गाय/भैंस का दूध निकालने के बाद खुले में चरने के लिए छोड़ दिया जाता है। जिससे सड़क हादसे, खेतों में फसल चरने के नुकसान और सड़कों पर गोबर फैलने से पर्यावरण के दूषित होने की समस्या उत्पन्न हती है। अब सरकार द्वारा पशुपालकों से गोबर खरीदने की योजना लागू करने से पशुपालक पशुओं को खुले में चरने के लिए छोड़ना बंद कर देंगे।
  • योजना के तहत सरकार द्वारा पशुपालकों से गोबर खरीदने की दर निर्धारित करने के लिए राज्य के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय मंत्री मंडलीय उप समिति गठित की जायेगी। समिति द्वारा यो पशुपालकों से गोबर खरीदने की दर, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने और बेचने की रणनीति तैयार करने का कार्य किया जाएगा।
  • राज्य सरकार योजना के तहत निर्धारित दर से पशुपालकों से गोबर की खरीद करेगी। जिससे पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।
  • गोधन न्याय योजना के संचालन से गोबर का प्रयोग वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा। जिससे प्रदेश में रोजगार के नए अवसर में वृद्धि होगी।
  • राज्य सरकार द्वारा वर्मी कम्पोस्ट को वन विभाग, उद्यानिकी विभाग और किसानों को बेचने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ का क्रियान्वयन और रूपरेखा :

  • सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रथम चरण में राज्य के 2200 गौठानों में गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाने का कार्य शुरू किया जाएगा । जिलों में स्थित सभी गौठानों के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग का कार्य जिला कलेक्टर द्वारा किया जाएगा । इसके अलावा कलेक्टरों को मनरेगा से गौठानों में वर्मी टैंक बनवाने और वर्मी खाद प्रसंस्करण के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने का दायित्व दिया गया है।
  • जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला स्तर पर गोधन न्याय योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करने का काम करेंगे। गौठान समितियों की ओर से पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जाएगी। प्रतिदिन इसका लेखा-जोखा रखा जाएगा। स्व-सहायता समूह की ओर से तैयार किए गए वर्मी खाद के गुणवत्ता परीक्षण के बाद इसकी पैकेजिंग और भंडारण गौठानों में किया जाएगा। सहकारी संस्थाओं के माध्यम से किसानों को वर्मी कम्पोस्ट का विपणन किया जाएगा। गौठानों में तैयार वर्मी कम्पोस्ट कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, वन विभाग और शहरी विकास विभाग द्वारा अपनी जरूरत के अनुसार खरीदा जाएगा।

गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के मुख्य तथ्य :

  • इस योजना को ज्यादा से ज्यादा गांव और शहरों में भविष्य में चलाया जायेगा।
  • गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ को दो चरण में चलाया जाएगा, जिसमें पहले चरण में राज्य के 2240 गोशालाओं को जोड़ा जाएगा, फिर कुछ ही दिनों में 2800 गठनों का निर्माण होने के बाद दूसरे चरण में भी गोबर खरीदा जाएगा।
  • सरकार द्वारा इस योजना के ज़रिये 2 रूपये प्रतिकिलो की दर से गाय का गोबर ख़रीदा जायेगा।
  • इस योजना के माध्यम से सरकार 21 जुलाई 2020 को पहली बार गोबर खरदीने की शुरआत करेगी।

गोधन न्याय योजना के तहत कहाँ बेच सकते है गोबर :

  • कुल गौठानों का निर्माण :- पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में कुल 5 हजार गौठानों का निर्माण किया जाना है। जिसमें से लगभग 24 हजार गौठानों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र में किया जा चूका हैं जबकि शहरी इलाकों को केवल 337 गौठान बनाये गये हैं। इन्हें आजीविका केंद्र नाम से भी संबोधित किया जा रहा है। इन गोठानों में जाकर पशुपालक गोबर को बेच सकेंगे, यहाँ से सरकार सीधे पशुपालकों को लाभ देगी।
  • वर्मी कम्पोस्ट खाद की कीमत :- गोबर को स्वयं सेविका की मदद से जैविक खाद में बदला जायेगा, सरकार वर्मी कम्पोस्ट खाद को विभिन्न विभागों एवं अन्य लोगों को 8 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचेगी। सरकार ने इसके लिए भी एक कार्य योजना का निर्माण किया है।

छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के दस्तावेज :

  • आवेदक छत्तीसगढ़ राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  • इस योजना के तहत केवल राज्य के गाय पशुपालको को ही पात्र माना जायेगा।
  • बड़े जमींदारों व्यापारियों को उनकी समृद्धता के आधार पर इस योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा।
  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • मोबाइल नंबर
  • पशुओ से सम्बंधित जानकारी
  • पासपोर्ट साइज फोटो

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