छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना : Chhattisgarh Mukhyamantri Suposhan Yojana

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुपोषण अभियान 2021 की शुरुआत 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी के 150 वी वर्षगांठ पर की गई थी। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार बच्चो व महिलाओ को कुपोषण (पोषक की कमी) तथा एनीमिया (शरीर में खून की कमी) मुक्ति का लक्ष्य रखा है।

छत्तीसगढ़ सरकार अगले 3 सालो में राज्य को पूरी तरह कुपोषण तथा एनीमिया मुक्त करने का संकल्प लिया है। इसके तहत छत्तीसगढ़ सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की कल्पना को साकार किया जा सके तथा छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर वासियो के लिए ‘ सुपोषित दंतेवाड़ा ‘ की शुरुवात की।

इस योजना के अंतर्गत सरकार का मुख्य कार्य महिलाओं तथा बच्चों को खाना उपलब्ध करवाना है। इस योजना की शुरुआत राज्य के बस्तर जिले में शुरू हो चुकी है जिसके अंतर्गत सरकार इस जिले की महिलाओं तथा बच्चों को मूंगफली तथा गुड के बने लड्डू प्रदान कर रही है। नीति आयोग द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार यह पता चला कि अकेला छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है जहां पर 5 साल से कम आयु के बच्चे कुपोषण से पीड़ित है।

उसी सर्वे के अनुसार राज्य की 41 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से ग्रसित है। इसी सर्वे को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री हरिक नानी बेरा सुपोषण योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत राज्य के बच्चों तथा महिलाओं के स्वस्थ का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा ताकि बच्चे कुपोषण से ग्रसित ना हो तथा महिलाओं में एनीमिया की कमी ना आए।

योजना का नाम छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान
राज्य छत्तीसगढ़
प्रारंभ तिथि 2 अक्टूबर 2019
किसके द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
उद्देश्य कुपोषित बच्चों ड्राइ राशन
लाभार्थी बालिकाए एवं महिलाये

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना नवीनतम अपडेट :

हमारे देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के कारण आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद किया गया है ऐसे में स्थिति के कारण बच्चों और महिलाओं को पोषक तत्व को बनाए रखने के लिए मुख्यमंत्री जी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से राज्य के 51,455 आंगनवाड़ी केंद्रों के लगभग 28,78,000 लाभार्थियों को तैयार पौष्टिक भोजन का विवरण सुनिश्चित किया गया है मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत लाभार्थियों को पके हुए भोजन के स्थान पर चित्रित करने का निर्णय किया गया है योजना का लक्ष्य छत्तीसगढ़ को 3 वर्षों के अंदर कुपोषण मुक्त करना है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान क्या है ? :

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान बच्चियों तथा महिलाओ को कुपोषण मुक्त करने हेतु एक योजना है। एस योजना कि शुरुवात 2 अक्टूबर 2019 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की गई है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में बालिकाओ तथा महिलाओ को कुपोषण मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का उद्देश्य :

इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य इस योजना के अंतर्गत 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों व 15 से 49 वर्ष तक की महिलाओं को कुपोषण तथा एनीमिया (खून की कमी ) से मुक्त करने का रखा गया है यह योजना 2 अक्टूबर को बस्तर में शुरू किया गया था इस अभियान में स्थानीय स्तर पर आसानी से मिलने वाली पोषक खाद्य पदार्थों को शामिल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत आने वाले हितग्राहियों को अतिरिक्त पोषण आहार के रूप में अण्डा, चिकी, लड्डू, मूंगफली, दलिया आदि प्रदान किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त एनीमिक बच्चे एवं महिलाओं को आयरन व कृमि नाशक दवाएं दी जा रही है तथा निःशुल्क परामर्श दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का विशेषताएं :

  • बच्चों और माताओं को हर रोज मुफ्त पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। इस छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण के अंतर्गत सभी 0 से 5 साल के बच्चे तथा 15 से 49 साल की लड़कियां या महिलाऐं लाभान्वित होंगी।
  • छत्तीसगढ़ सरकार सप्ताह में दो बार अंडे, गुड़ और मूंगफली से बने लड्डू उपलब्ध कराएगी।
  • प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा चिन्हित लाभार्थियों को प्रतिदिन मुफ्त फूड स्कीम के तहत पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
  • हरिक नानी बेरा अभियान को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बस्तर जिले में पहले से ही शुरूकर दिया गया था। जहां विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रो पर लगभग 70,000 बच्चों और 9,000 माताओं को पौष्टिक भोजन मिल रहा था। इस पायलट प्रोजेक्ट को अब पूरे राज्य के लीये लागू कर दिया गया है।
  • महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस सुपोषण अभियान को लागू कराएगी जिसमे लोकल खाने को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य सरकार कुपोषण दूर करने के लिए माताओं व बच्चो को आयरन की गोली भी देगी।
  • इसके अलावा प्राथमिकता के आधार अनुसार फल, दूध, अंडे, सोया आदि उपलब्ध कराने के लिए DMF (जिला खनिज फॉउंडेशन) को लगाया जाएगा।
  • इस हरिक नानी बेरा अभियान को प्रसिद्ध धर्मार्थ संगठनों, जनप्रतिनिधियो, गैर सरकारी संगठनों, मीडिया समूहों और जिले के अन्य कुशल लोगो के माध्यम से राज्य में जगह-जगह फैलाया जाएगा।
  • चावल, चीनी, नमक और मिट्टी का तेल देने के लिए प्रदान करने के लिए (PDS) सार्वजानिक वितरण प्रणाली सिस्टम को और मजबूत बनाया जाएगा।
  • इसके अलावा राज्य सरकार 2 किलो गुड़ हर महीने मुफ्त में उपलब्ध कराएगी।
  • आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल और अन्य वितरण केंद्रों को जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया जाएगा जहाँ से लोगों को पौष्टिक भोजन मिल सकेगा।
  • छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है की इस कुपोषण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण योजना और छत्तीसगढ़ हरिक नानी बेरा खुशहाल बचपन अभियान 2021 को पूरी तरह से सफल बनाया जाये। इसके लिए वे समाज के हर वर्ग को इससे जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें इस योजना से जुड़ने या भाग लेने की अपील करेंगे।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से लाभ :

  • इस योजना के तहत बच्चो की उम्र 0 से 5 वर्ष तथा बालिकाओ और महिलाओ की उम्र 15 से 45 वर्ष।
  • बच्चों को छत्तीसगढ़ सरकार सप्ताह में दो बार अंडे, गुड़ और मूंगफली से बने लड्डू उपलब्ध कराएगी।
  • लोक पारम्परिक पोषक आहार को प्राथमिकता।
  • महिलाओ को चावल , दाल , हरी पत्तेदार सब्जिया , सोयाबीन , कच्चा पपीता के साथ अंकुरित अनाज , चना , मटर , सलाद , गुड़ , रागी आदि दिया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के प्रमुख बिंदु :

  • बच्चों और माताओं को हर रोज पौष्टिक भोजन दिया जाएगा। यह मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों और 15 से 49 वर्ष की आयु की लड़कियों और महिलाओं के लिए है।
  • छत्तीसगढ़ सरकार सप्ताह में दो बार मूंगफली के अंडे, गुड़ और लड्डू का अतिरिक्त पोषण प्रदान करेगी। प्राथमिक उद्देश्य कुपोषण और एनीमिया पर अंकुश लगाना है।
  • हरिक नानी बेरा अभियान का पायलट प्रोजेक्ट बस्तर में पहले ही शुरू कर दिया गया था। लगभग 70,000 बच्चों और 9,000 माताओं को विभिन्न आंगनवाड़ी केंद्रों में पौष्टिक भोजन मिल रहा था, जो अब पूरे राज्य में विस्तारित है।
  • महिला एवं बाल कल्याण विभाग सुपोषण अभियान को लागू करेगा। प्राथमिकता स्थानीय पौष्टिक भोजन को दी जाएगी और सरकार आइरन की गोलियाँ और कृमिनाशक दवाएँ वितरित करेगी।
  • छत्तीसगढ़ सरकार प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा चिन्हित लाभार्थी को प्रतिदिन मुफ्त पौष्टिक भोजन प्रदान करेगी।
  • लाभार्थियों को फल, दूध, मुर्गीपालन, सोयाबीन, लड्डू, भाजी और अन्य वैकल्पिक पौष्टिक आहार देने के लिए डीएमएफ को विकसित किया जाएगा।
  • इसमें सरकारी और गैर-सरकारी धर्मार्थ संगठनों की भागीदारी होगी। जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए आंगनवाड़ी, स्कूल और अन्य वितरण केंद्र पौष्टिक भोजन वितरित करेंगे।
  • चावल, चीनी, नमक, ग्राम और केरोसीन प्रदान करने के लिए पीडीएस सिस्टम को मजबूत किया गया है। सामुदायिक चेतना और जवाबदेह प्रशासन होगा।

सीजी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की प्रगति (15 जून 2021 तक) :

  • अब तक छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के द्वारा कुपोषित बच्चों की संख्या में 13.79% की कमी आ चुकी है। वज़न तिहार 2019 के डाटा के अनुसार, करीब 9.70 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार थे। मार्च 2020 तक 67,889 बच्चे कुपोषण की श्रेणी से बाहर आ चुके हैं। यह कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में राज्य सरकार की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
  • राष्ट्रीय पारिवारिक सर्वेक्षण 4 के अनुसार, करीब 37.7% बच्चे (5 साल से कम उम्र के) कुपोषण का शिकार हैं। साथ ही करीब 47% महिलाऐं जिनकी उम्र 15 से 49 साल के बीच है, वो एनीमिया से ग्रसित है। रिपोर्ट के अनुसार, करीब 9.7 लाख बच्चे कुष्पोषण का शिकार है जो ज्यादातर आदिवासी या दूर दराज़ के जंगली क्षेत्र से आते है।
  • मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के अंतर्गत बच्चो और महिलाओं को लोकल पौष्टिक भोजन और पूरा पका हुआ खाना दिया जा रहा है। इसके साथ ही चिन्हित लाभार्थियों को पूरक पौष्टिक आहार भी आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। एनीमिया से ग्रसित लोगों को आयरन (iron), फोलिक एसिड और antihelminth की गोलियां भी दी जा रही हैं।
  • कोरोना वायरस (कोविड-19) के चलते कुछ समय के लिए सभी आंगनवाड़ी और मिनी आंगनवाड़ी केंद्र को बंद कर दिया गया था। ऐसी परिस्तिथि में मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के पौषण स्तर को कायम रखने के लिए पका हुआ भोजन प्रदान करने की व्यवस्था करवाई है। इसके तहत अब तक 28,78,000 लाभार्थियों को 51,455 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पौष्टिक खाना उपलब्ध कराया गया है।
  • छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना 2021 के अंतर्गत सूखा राशन प्रदान करने की भी व्यवस्था की गयी है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ राज्य को कुपोषण मुक्त बनाना है।
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