उत्तर प्रदेश सरकार ने निराश्रित मवेशियों के लिए योजना का शुभारंभ किया है। इस योजना के अंतर्गत योगी सरकार ने निराश्रित पशुओं की देखभाल करने के लिए एवं उनके पालन-पोषण के लिए 30 रुपये प्रतिदिन देने का वादा किया है। इसके अलावा प्रदेश की सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण व भरण पोषण के लिए स्थायी-अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल, गो संरक्षण केंद्र, गोवंश वन्य विहार व पशु आश्रय गृह आदि संचालित कर रही है।
मुख्यमंत्री निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को मंजूरी मिलने के बाद किसान अगर 10 पशुओं को सहारा देता है तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपये कमा सकता है और हर महिना 9 हजार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। उप सरकार की इस योजना से प्रधानमंत्री के “2022 तक किसानों की आय दोगुनी” करने के सपने को भी मदद मिलेगी।
राज्य सरकार द्वारा पहले से ही 523 पंजीकृत गोशालाओं को कुल संरक्षित गोवंश की संख्या के 365 दिनों के लिए 30 रुपये प्रति गोवंश के लिए अनुदान दिया जा रहा है पर स्थायी व अस्थायी गौ आश्रय स्थलों में निराश्रित गोवंश अधिक संख्या में होने के कारण उनके रख-रखाव में असुविधा हो रही है।
CM श्री @myogiadityanath जी के निर्देशन में सुपोषित उ. प्र. की संकल्पना को साकार करने के क्रम में 'माननीय मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना' के तहत इच्छुक कुपोषित परिवारों को गाय दी जाएगी।
गाय के भरण-पोषण हेतु प्रति माह ₹900 भी प्रदान किए जाएंगे।#SuposhitUP
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) September 14, 2020
मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना :
उत्तर प्रदेश सरकार की 6 अगस्त मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना 2020 को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस सरकारी योजना में निराश्रित, बेसहारा गोवंश का पालन करने वाले किसानों को 30 रुपये प्रतिदिन प्रति पशु के हिसाब से पैसे दिये जाएंगे। इस तरह से निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के जरिए किसान भाई बेसहारा पशुओं का पालन करके अपनी आर्थिक तंगी को कम कर सकते हैं साथ ही रास्ते में घूमने वाले आवारा जानवरों को भी आवास मिल जाएगा।
'मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता' योजना के अन्तर्गत इच्छुक व्यक्तियों को गौ-आश्रय स्थलों से गोवंश उपलब्ध कराए जाएं: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) September 30, 2020
राज्य सरकार द्वारा 2012 में की गई पशुगणना के अनुसार यूपी में 205.66 लाख गोवंश हैं जिनमें से 12 लाख के लगभग गोवंश बेसहारा या निराश्रित हैं। उत्तर प्रदेश में जब योगी सरकार आई थी तो उन्होने बताया भी था की योगी सरकार की योजनाओं की सूची में गोवंश की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
इसके अलावा प्रदेश की सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण व भरण पोषण के लिए स्थायी-अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल, गो संरक्षण केंद्र, गोवंश वन्य विहार व पशु आश्रय गृह आदि संचालित कर रही है।
मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना :
नाम | मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना |
किसने लागु की | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ |
लागु बर्ष | 2019-20 |
लक्ष्य | बेसहारा मवेशियों की देख रेख |
मुख्य लाभ | 900 रूपये प्रति माह |
टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर | 0522-2740482 |
आधिकारिक वेबसाइट | http://www.animalhusb.upsdc.gov.in/en |
ईमेल आईडी | dir-ah.up@nic.in |
योगी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का उद्देश्य :
- उत्तर प्रदेश निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के आवारा पशुओं को आवास प्रदान करना है।
- सरकार के इस कदम से रास्ते में घूमने वाले बेसहारा पशुओं को भी आवास मिल जाएगा।
- प्रधानमंत्री के “2022 तक किसानों की आय दोगुनी” करने के सपने को पूरा करने में मदद करना भी इसका उदेश्य है।
- योगी सरकार द्वारा पहले चरण में लगभग एक लाख पशुओं को हस्तांतरित किया जाएगा, जिसके लिए राज्य सरकर का करीब 109 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होगा।
गाय के भरण-पोषण के लिए प्रति गाय प्रतिमाह 900 रुपये भी प्रदान किए जाएं। यह व्यवस्था पहले से संचालित ‘मा. मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत की जाए: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) September 4, 2020
योगी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का लाभ :
- जिलें के डीएम आवारा पशु योजना के तहत इच्छुक किसानों व पशुपालकों की लिस्ट तैयार करेंगे जिससे उनके खातों में DBT के जरिए 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन के हिसाब से उनके बैंक खाते में जमा किए जाएंगे।
- पशुओं की ईयर टैगिंग भी की जाएगी जिससे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की संभावना कम हो जाएगी।
- पशुपालकों, किसानों द्वारा आवारा पशुओं को आसरा देने से खेती में होने वाले नुक्सान को भी ख़तम किया जा सकता है जो आवारा पशु खेत चार जाते थे वो अब नहीं होगा।
- पशुपालकों, किसानों द्वारा आवारा पशुओं को आसरा देने से रास्ते में निराश्रित पशुओं द्वारा होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
- इसके अलावा तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर समिति का भी गठन होगा। स्थानीय समिति प्रगति से बीडीओ व एसडीएम को अवगत कराएगी।
- डीएम दफ्तर में पूरा ब्योरा होने की वजह से किसान या पशुपालक जिसने भी निराश्रित पशु को योगी आवारा पशु योजना 2019 के अंदर लिया है वह गोवंश को बेच नहीं पाएगा। ऐसा करने वाले लोगों पर सरकार द्वारा कारवाई की जाएगी।
- उत्तर प्रदेश सरकार सभी किसान या पशुपालक भाइयो के खातों में उत्तर प्रदेश आवारा पशु योजना 2019 के अंतर्गत पैसे हर महीने के हिसाब से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण भुगतान किए जाएंगे। इस योजना से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निकटम आप अपने डीएम दफ्तर में संपर्क कर सकते हैं।
UP गोवंश सहभागिता योजना आवेदन फॉर्म प्रक्रिया / पशुपालक चयन पात्रता :
- इच्छुक व्यक्ति संबंधित विकास खंड का मूल निवासी होना चाहिए और वही पर रह रहा होना चाहिए।
- कृषको/ पशुपालको / अन्य व्यक्तियों के पास पालन-पोषण का अनुभव होना चाहिए और उसके पास पशुओं को रखने का पर्याप्त स्थान होना चाहिए।
- इच्छुक कृषको/ पशुपालको को केवल 4 गोवंश ही दिये जाएंगे अगर किसी गाय के साथ बछड़ा भी है तो ऊब दोनों को एक गिना जाएगा।
- आवेदक का किसी भी बैंक में खाता होना चाहिए।
- जो भी लोग दूध आपूर्ति या समितियों से जुड़े लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- प्रशिक्षित पेरावेट या पशुमित्र को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
- इच्छुक व्यक्ति चयन हेतु निर्धारित प्रारूप भर कर (आधार कार्ड / वोटर कार्ड / राशन कार्ड) और बैन पासबुक की कॉपी के साथ आवेदन कर सकता है।
- व्यक्ति निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के आवेदन पत्र को ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी / पशु चिकित्सा अधिकारी से प्राप्त कर सकता है।
योगी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना का आवश्यक दस्तावेज :
- डेयरी कार्ड
- किसान कार्ड
- बैंक के दस्तावेज
- आईडी प्रूफ
- नवीनतम फोटो
- आधार कार्ड