उत्तर प्रदेश सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत श्रमिकों के बेटियों के लिए सरकार द्वारा बालिका मदद योजना संचालित की गयी है। इस योजना का उद्देश्य श्रमिक परिवार में बेटी के जन्म पर आर्थिक मदद के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना का संचालन श्रम विभाग द्वारा किया जाता है। भवन सन्निर्माण श्रमिकों के परिवार में बेटी के जन्म लेने पर एकमुश्त 20 हजार रूपये सावधि जमा/फिक्स्ड डिपाजिट के रूप में प्राप्त होती है। योजना के तहत पहली दो बेटियों के जन्म पर दोनों बेटियों को 20-20 हज़ार की सावधि जमा का लाभ प्राप्त होता है। योजना की शर्त के अनुसार पहले और दूसरे प्रसव में लगातार दो बेटियों के जन्म पर हीं लाभ प्राप्त होता है। यदि पहले या दूसरे प्रसव में जुड़वाँ बेटियों का जन्म हुआ हो, तो योजना का लाभ सभी बेटियों प्राप्त होगा। सावधि जमा की रकम का लाभ बेटी के 18 वर्ष पूरे होने तक अविवाहित रहने पर हीं प्राप्त होता है।
उत्तर प्रदेश बालिका मदद योजना :
योजना नाम | उत्तर प्रदेश बालिका मदद योजना |
प्रारंभ तिथि | सितंबर 2020 |
उद्देश्य | श्रमिक परिवार में बेटी के जन्म पर आर्थिक मदद |
रकम | 20 हज़ार |
विभाग | श्रम विभाग |
आधिकारिक वेबसाइट | https://www.upbocw.in/ |
योजना का उद्देश्य :
उ०प्र० भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत लाभार्थी कर्मकारों की पुत्रियों की आर्थिक मदद कर आत्मनिर्भर बनाना।
उत्तरप्रदेश मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के बारे में :
उत्तरप्रदेश सरकार ने श्रमिक यानी मजदुर कार्ड धारको कि दो बेटियों को 18 वर्ष पूर्ण करने पर 20000रु सहायता राशी देने का प्रावधान किया बढ़ते भूर्ण हत्या को देखते हुए। व बाल विवाह को कम करने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है इस योजना में अगर आपके पास शमिक कार्ड (मजदुर) कार्ड या पंजीयन है।
- तो आपकी दो बेटियों को 18 वर्ष पूर्ण करने पर ये लाभ मिलता है इसके लिए जब आपकी बेटी 18 वर्ष कि हो जाती है। तो आप इसके लिए आवेदन कर सकते है। इसके लिए बेटी का अविवाहित होना जरुरी है है तभी इस योजना का लाभ मिलता है इस योजना का आवेदन बहुत ही आसान है।
- बेटी के जन्म के एक वर्ष के अंदर आप आगन बड़ी केंद्र पर आवेदन कर सकते है इसका फॉर्म आपको आगन बड़ी केंद्र पर मिल जायगा।
- 18 वर्ष से पहले अपनी बेटी कि शादी नहीं कर सकते है।
- दो बेटियों तक इस योजना का लाभ मिलता है।
- अगर पहले प्रसव या दुसरे प्रसव पर जुड़वाँ बेटी पैदा होती है तो आप तिन बेटियों तक इस योजना का लाभ ले सकते है।
- अगर कोई संतान नहीं है तो क़ानूनी तरीके से गोद ली गई बेटी के लिए भी आप आवेदन कर सकते है।
- इस योजना में बेटी अभिभावक के बैंक खाते में ये राशी दी जाती है।
उत्तरप्रदेश मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना से होने वाले लाभ :
- रु 20000 एकमुश्त बतौर सावधि जमा 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ही परिपक्व होगा।
भुगतान अविवाहित रहने पर ही देय है। - परिवार के निकटस्थ आंगनबाड़ी केन्द्र पर बालिका के जन्म से 01 वर्ष के अन्दर पंजीकरण कराना आवश्यक होगा।
उत्तर प्रदेश बालिका मदद योजना की पात्रता :
- सभी महिला /पुरुष भवन सन्निर्माण श्रमिक जो न्यनतम एक वर्ष से श्रमिक कर्मकार बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत हों।
- पंजीकृत सदस्य के रूप में प्रत्येक वर्ष रु 50 अंशदान जमा किया गया हो।
- पहले प्रसव में बेटी के जन्म लेने पर रु 20000 सावधि जमा और यदि दूसरे प्रसव में भी बेटी जन्म लेती है, तभी दूसरी बेटी को भी रु 20000 का सावधि जमा /एफडी का लाभ प्राप्त होगा। यदि पहले या दूसरे प्रसव में एक से अधिक बेटियाँ जन्म लेती हैं, तो सभी बेटियों को योजना का लाभ प्राप्त होगा।
- कानूनी रूप से गोद ली हुयी बेटी को प्रथम बेटी मानते हुए योजना का लाभ प्राप्त होगा।
- बालिका जन्म पंजीकरण करवाना आवश्यक है। इसके लिए बालिका के जन्म से 0 – 1 वर्ष के अन्दर निवास स्थान के नजदीकी आँगनबाड़ी केंद्र पर पंजीकरण होना आवश्यक है।
- बालिका के 18 वर्ष पूरे होने पर यदि मृत्यु हो जाती है, तो उसके नाम से की गयी एफडी सरकार के पास वापस चली जायेगी।
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी की गयी बालिका के लाभ की किसी और योजना का लाभ नहीं लिया गया हो।
उत्तरप्रदेश मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के दस्तावेज :
- बेटी का जन्म प्रमाणपत्र
- अभी भावक का आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- फोटो
- बैंक पास बुक
- आय प्रमाण पत्र अगर आश्यक हो तो
- अन्य आवेदन के समय लागु दस्तावेज मान्य होंगे