उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अंतरिम बजट में यूपी कन्या सुमंगला योजना 2020 की घोषणा की थी। इस बजट में कन्या सुमंगला योजना को लॉन्च किया गया है। उत्तर प्रदेश की बेटियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की गई है। सरकार ने बेटियों की शिक्षा के लिए शुरू की गई कन्या सुमंगला योजना को जनपद में अमलीजामा पहनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
इस योजना के बाद किसी के घर में बेटी पैदा होने पर दुख नहीं मनाया जाएगा। सरकार बेटी के पैदा होने के बाद उसकी पढ़ाई का खर्च उठाएगी। कन्या सुमंगला योजना के तहत बेटी की पढ़ाई और उच्च शिक्षा दिलाने में सरकार सहायता करेगी।कन्या भू्रण, समान लैंगिक अनुपात, बाल बिवाह के साथ ही बालिका को स्वावलम्बी बनाने और शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने में यह योजना अत्यन्त कारगर साबित होगी।
कन्या सुमंगला योजना :
योजना का नाम | मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश |
लांच हुई | फ़रवरी 2019 |
घोषणा हुई | यूपी बजट 2019-20 |
किसने घोषणा की | प्रदेश वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल |
योजना की शुरुवात हुई | अप्रैल 2019 |
लाभार्थी | प्रदेश की लड़कियां |
राशि | 15 हजार (6 चरण में) |
वेब पोर्टल | mksy.up.gov.in |
कन्या सुमंगला योजना क्या हैं? :
- हमारे देश में लड़कियों को आज भी बोझ समझा जाता है। कई जगह पैदा होते साथ उन्हें मार दिया जाता है। आर्थिक तंगी की वजह से लड़कियों को आगे पढाई करने नहीं दी जाती है। इसी के चलते राज्य सरकार योजना ला रही है।
- कन्या सुमंगला योजना से लड़कियों की उच्च शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य एवं भविष्य के लिए मुख्यमंत्री योगी जी ने योजना का एलन किया है।
- कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत जन्म से लेकर उसकी शादी तक 6 चरण में सरकार आर्थिक मदद देगी। इससे प्रदेश में बाल विवाह जैसी कुप्रथा का भी अंत होगा।
कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य :
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश की सबसे भावी योजनाओं में से एक है। इस योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के उन बेटियों के लिए उच्च स्तर की शिक्षा का प्रबंध करवाना है जिनके परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और जिन्हें अपनी बेटी की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता चाहिये। इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को बेटी की शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी ताकि कोई भी लड़की को बोझ ना समझे।
अक्सर छोटी मानसिकता वाले लोग अपनी बेटियों को भ्रूण हत्या केवल इसलिए कर देते हैं क्योंकि वह नही चाहते की उन्हें अपने बेटी को पढ़ाने के लिए और उनकी शादी के लिए पैसे देने पड़े। यह समस्या मुख्यतः गरीब परिवारों में ही देखने को मिलती हैं। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार लड़कियों को बोझ शब्द से छुटकारा दिलवाने के लिए कई योजनाए चला रही हैं जिनमे से एक उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना भी हैं।
कन्या सुमंगला योजना प्रमुख लाभ :
- कन्या सुमंगला के माध्यम से प्रदेश के लगभग 96 लाख परिवारों को आर्थिक सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी।
- बेटियां किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे और साथ में भ्रुण हत्या में भी कमी आएगी।
- सरकार द्वारा लगभग 1200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- कन्या को जन्म से लेकर उसकी स्नातक की पढ़ाई तक ₹15000 दिए जाए। यह अलग-अलग किशत में बेटी के खाते में डाले जाएंगे।
- इस योजना के तहत जन्म से उसकी शादी तक छह चरणों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- इस योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के देश वासियों को काफी अधिक आर्थिक सहायता मिलेगी।
- इस योजना की शुरुआत होने से कोई भी गरीब परिवार बेटियों को बोझ नहीं समझेगा।
- प्रदेश में लड़कियों का जीवन स्तर ऊपर उठेगा।
- इस योजना के शुरू होने से बेटियां उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- इस योजना के तहत यदि कोई परिवार महीने में 25 हजार रुपए कमाता है, तो वे इस योजना का लाभार्थी है।
यदि एक परिवार में दो बेटियां हैं तो उन दोनों बेटियों को ही इस योजना का लाभ मिलेगा यदि 2 से अधिक किसी की बेटियां हैं तो उनमें से केवल दो बेटियों को ही इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा। लेकिन यदि दूसरी संतान के समय यदि किसी महिला को 2 बच्चे जुड़वा हुए हैं तो उन तीनों बेटियों को इस योजना का लाभ प्राप्त होगा जो कि एक बहुत अच्छी बात है।
कन्या सुमंगला योजना हेतु आवश्यक पात्रता शर्तें :
- जैसा की नाम से पता चलता है की यह योजना केवल उत्तर प्रदेश राज्य हेतु राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई है। अतः इस योजना में आवेदन हेतु आवेदक का यूपी राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है तथा उसके पास इसका प्रमाण होना भी आवश्यक है।
- योजना के अंतर्गत प्रदान की जाने वाली धनराशि सरकार द्वारा केवल बेटियों को ही दी जाएगी जिसकी समय सीमा बेटी के अट्ठारह वर्ष तक होगी।
- इस योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता तभी प्रदान की जाएगी यदि बेटी का विवाह अट्ठारह वर्ष से काम आयु में न हुआ हो।
- जो परिवार इस उत्तर प्रदेश सुमंगला योजना हेतु आवेदन करना चाहता हैं उनकी वार्षिक परिवार आय तीन लाख रुपये तक या उससे कम होनी चाहिए। परिवार का तात्पर्य माता-पिता तथा भाई-बहन जिनकी अट्ठारह वर्ष से ऊपर की आयु है।
कन्या सुमंगला योजना के छः चरण हैं :
- प्रथम चरण : अगर इस चरण के लिए पालक अपनी बच्ची का पंजीयन करवाना चाहते हैं तो उनकी बच्ची का जन्म 1 अप्रैल 2019 अथवा उसके बाद होना अनिवार्य है।
- द्वितीय चरण : इस चरण के अंतर्गत अगर पालक अपनी बालिका का पंजीयन करवाना चाहते हैं तो उनका प्रथम वर्ष का टीकाकरण प्रक्रिया पूरी होना अनिवार्य है परंतु ध्यान रहे बालिका का जन्म 1 अप्रैल 2018 से पूर्व नहीं होना चाहिए।
- तीसरा चरण : तीसरे चरण के लिए वही बालिकाएं इस योजना के अंतर्गत शामिल कराई जा सकती हैं जिन्होंने वर्तमान शैक्षणिक स्तर में पहली कक्षा में एडमिशन लिया हो।
- चौथा चरण : चौथे चरण के लिए वही बालिकाएं इस योजना का लाभ ले सकती है जिन्होंने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 6th क्लास में एडमिशन लिया हो।
- पांचवा चरण : पांचवे चरण के लिए वही बालिका इस योजना के अंतर्गत शामिल हो सकती हैं जिन्होंने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में नौवीं क्लास में एडमिशन लिया हो।
- अंतिम चरण : छठे एवं अंतिम चरण के लिए वही बालिकाएं पंजीयन करवा सकती है जिन्होंने ग्रेजुएशन अथवा कम से कम 2 वर्ष के डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया हो। इनमें वे सभी बालिका एडमिशन ले सकती हैं जिन्होंने 10वीं अथवा 12वीं के बाद में डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया हो
कन्या सुमंगला योजना के जरुरी दस्तावेज :
- बैंक खाता पासबुक
- निवास प्रमाण्पत्र
- फोटो आइडेंटिटी कार्ड
- आय प्रमाणपत्र
- आधार कार्ड