उत्तर प्रदेश गंभीर बीमारी सहायता योजना : Uttar Pradesh Gambhir Bimari Sahayata Yojana

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यूपी गंभीर बीमारी सहायता योजना के तहत वृद्धों के लिए किसी योजना का गठन किया गया है। हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें हम इस आर्टिकल में बताएंगे कि कौन-कौन बीमारियों के लिए यूपी सरकार बीमारी सहायता आपको प्रदान करेगी और हम आप को यह भी बताएंगे कि इसके लिए क्या पात्रता है।और क्या जरूरी कागजात है इसलिए हमारी इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ें सभी निर्माण श्रमिक समय एवं पारिवारिक सदस्य पात्र होंगे। इस योजना के अंतर्गत देते ऑपरेशन गुर्दा ट्रांसफर लीवर ट्रांसफर मस्तिक ऑपरेशन रीड की हड्डी ऑपरेशन पैर के घुटने बदलने कैंसर इलाज एड्स बीमारी आदि किस योजना में शामिल है।

लाभार्थी स्वयं या पारिवारिक सदस्य की गम्भीर बिमारी में प्रवेश के किसी सरकारी स्वायत्तशासी चिकित्सालय में कराये गये इलाज पर खर्च की शत प्रतिशत पूर्ति बोर्ड द्वारा की जायेगी। लाभार्थी गम्भीर बिमारी की स्थिति में राष्ट्रस्वास्थ्य बीमा योजना भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इलाज कराते हैं तो इलाज की प्रतिपूर्ति सीधे अस्पताल को दी जायेगी।श्रमिक बोर्ड का पंजीकृत लाभार्थी श्रमिक हो। किसी गम्भीर बीमारी के इलाज के दौरान उपचार करने वाले चिकित्सक/अस्पताल द्वारा प्रारूप-2 पर दिया गया प्रमाण पत्र।दवाईयों के खरीदने पर हुए खर्च का बिल जो कि उस चिकित्सक/अस्पताल द्वारा प्रामाणित किए गए हो, जिनके द्वारा उपचार किया गया हो।

उत्तर प्रदेश गंभीर बीमारी सहायता योजना :

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने एक योजना शुरू की है। इस योजना का नाम गंभीर बीमारी सहायता योजना है। यह योजना उन लोगों के लिए है जो लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त है और गरीबी की वजह से सही प्रकार से अपनी गंभीर बीमारी का इलाज नहीं करा पते है जिसके कारण उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस योजना के शुरू होने से ऐसे लोगों को काफी लाभ प्राप्त होगा।

गंभीर बीमारी सहायता योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को गंभीर बीमारी होने पर इलाज के लिए राज्य सरकार से पैसे मिलेंगे। यह योजना पहले मुख्यमंत्री राहत कोष के नाम से संचालित होती थी लेकिन अब इस योजना को स्वास्थ्य सुरक्षा कोष आरोग्य निधि के नाम से संचालित किया जा रहा है। इस योजना का लाभ राज्य में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों और उनके परिवार के सदस्यों को मिलेगा। इस योजना के तहत राज्य के सभी गरीबलोग या मजदूर जो उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत है, वही इस योजना का लाभ उठा सकते है।

उत्तर प्रदेश गंभीर बीमारी सहायता योजना क्या है ?

यूपी गम्भीर बीमारी सहायता योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निकाली गयी नयी योजनायों में से एक है। इस योजना के अंतर्गत गरीब नागरिक, हृदय आपरेशन‚ गुर्दा ट्रान्सप्लान्ट‚ लीवर ट्रान्सप्लान्ट‚ मस्तिष्क आपरेशन‚ रीढ़ की हड्डी ऑपरेशन‚ पैर के घुटने बदलना‚ कैंसर इलाज व एड्स बिमारी का इलाज मुफ्त में करा सकेगें। लाभार्थी गम्भीर बिमारी की स्थिति में राष्ट्रस्वास्थ्य बीमा योजना भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इलाज कराते हैं तो इलाज की प्रतिपूर्ति सीधे अस्पताल को दी जायेगी।

उद्देश्य

पंजीकृत कर्मकार की स्वंय अथवा पारिवारिक सदस्य को गम्भीर बिमारी की स्थिति में सरकारी चिकित्सालय में कराये गए इलाज के उपरान्त किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति कराया जाना है।

गंभीर बीमा सहायता योजना के अंतर्गत आने वाले उपचार :

  • हृदय आपरेशन
  • गुर्दा ट्रान्सप्लान्ट
  • लीवर ट्रान्सप्लान्ट
  • मस्तिष्क आपरेशन
  • रीढ़ की हड्डी ऑपरेशन
  • पैर के घुटने बदलना
  • कैंसर इलाज
  • एड्स बीमारी

यूपी गंभीर बीमारी सहायता योजना के लिए पात्रता :

  • इस योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता आर्थिक रुप से गरीब होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता टैक्स देने वाला नहीं होना चाहिए।
  • उसके घर से कोई भी सरकारी जॉब करने वाला नहीं होना चाहिए।
  • इस योजना के अंतर्गत हृदय ऑपरेशन गुप्ता ट्रांसफर लीवर ट्रांसफर मस्तिक ऑपरेशन रीड की हड्डी ऑपरेशन पैर के घुटने बदलना कैंसर इलाज एड्स बीमारी आदि ही शामिल होंगे।

यूपी गंभीर बीमारी सहायता योजना के लाभ :

  • इस योजना से गरीब व्यक्ति भी अपना इलाज आसानी से करवा सकता है।
  • लाभार्थी समय या पारिवारिक सदस्य की गंभीर बीमारी में प्रवेश के किसी सरकारी चिकित्सालय में किराए के इलाज पर्दे की शत प्रतिशत पूर्ति बोर्ड द्वारा की जाएगी।
  • लाभार्थी गंदी बीमारी की स्थिति में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इलाज करवा सकता है।

नियम व शर्तें :

  • आवेदक को उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए। उसके पास निवास का प्रमाण पत्र भी होना चाहिए।
  • आवेदक को आर्थिक रूप से गरीब होना चाहिए। यह योजना आर्थिक रूप से सक्षम लोगों के लिए नहीं है।
  • आवेदक सरकारी या अर्द्धसरकारी कंपनी का कर्मचारी नहीं होना चाहिए।
  • बीमार व्यक्ति आयकरदाता नहीं होना चाहिए।
  • आवेदक भवन एवं अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए। यानि यह योजना श्रमिकों के लिए है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के लिए कुछ मापदंड :

  • “गंभीर बीमारी सहायता योजना” का लाभ लेने वाला आवेदक व्यक्ति उत्तर प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  • आवेदक व्यक्ति आर्थिक रूप से गरीब होना चाहिए।
  • आवेदन व्यक्ति सरकारी नौकरी पर कार्यरत नहीं होना चाहिए।
  • इस योजना का लाभ लेने वाला व्यक्ति टैक्स (Tax) ना देता हो।
  • आवेदक व्यक्ति भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए।

सामान्य निर्देश :

लाभार्थी श्रमिक द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर दो प्रतियों में आवेदन-पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित अभिलेख भी संलग्न अनिवार्य रूप से किए जायेंगे:-

  • निर्धारित प्रारूप-1 पर आवेदन पत्र।
  • पहचान प्रमाण पत्र की फोटो प्रति
  • निर्धारित प्रारूप-2 पर समक्ष मुख्य चिकित्साधीक्षक/चिकित्सा बोर्ड द्वारा अनुमन्य एवं प्रतिहस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र
  • दवाईयों के क्रय पर हुए व्यय के मूल बिल/बाउचर, जो कि उस चिकित्सक/अस्पताल द्वारा प्रमाणित तथा भुगतान हेतु सत्यापित किए गए हो, जिनके द्वारा उपचार किया गया हो।
  • यदि रोगी अविवाहित पुत्री अथवा 21 वर्ष से कम आयु का पुत्र है तो ऐसी स्थिति में उसका पंजीकृत निर्माण श्रमिक पर आश्रित होने का प्रमाण-पत्र
  • इस समय कार्यवाही में जिला श्रम कार्यालय द्वारा नोडल एजेंसी के रूप में कार्य किया जाएगा। योजनावार तथा लाभार्थीवार विवरण निर्धारित पंजिका में जिला श्रम कार्यालय के साथ-साथ क्षेत्रीय अपर/उप श्रम आयुक्त कार्यालय में संरक्षित रखे जायेंगे, जिसके लिए पंजिका प्रपत्र संख्या-3 संलग्न किया जा रहा है। क्षेत्रीय अपर/उप श्रम आयुक्त कार्यालय द्वारा योजनावार, लाभार्थीवार तथा जिलवार पूर्ण विवरण निर्धारित प्रपत्रों पर मासिक आधार पर संकलित करते हुए, उ.प्र. भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के कार्यालय में मास की समाप्ति के उपरांत अगले 04 दिन के अंदर उपलब्ध करवायें जायेंगे।

ऐसे करें आवेदन :

  • सबसे पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय या चिकित्सा बोर्ड से फार्म प्राप्त करें।
  • इसके साथ पहचान का दस्तावेज यानि आधार कार्ड की फोटो कॉपी लगानी होगी।
  • इसके बाद बीमारी व दवाओं पर हुए खर्च के बिल के साथ ही अस्पताल की पर्ची भी लगानी होगी।
  • अगर किसी आवेदक की अविवाहित पुत्री या 21 वर्ष से कम आयु का बेटा है तो ऐसी स्थिति में उसको पंजीकृत श्रमिक पर निर्भर होने का प्रमाण पत्र देना होगा।
  • राज्य में इस समय कार्यवाही के लिए जिला श्रम कार्यालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
  • गंभीर बीमारी सहायता योजना के आवेदन पत्र यहीं पर जमा होंगे। इस पर विचार करने के बाद इसे मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया जाएगा।
  • यहां से इसकी सूचना तैयार होगी। हर सप्ताह मुख्यमंत्री कार्यालय से धनराशि सीधे संबंधित सरकारी अस्पताल के बैंक अकाउंट में भेज दी जाएगी।
  • आवेदक को अस्पताल का इस्टीमेट भी संलग्न करना होगा। इसमें अस्पताल की ओर से आपरेशन पर होने वाले खर्च का पूरा ब्योरा होना चाहिए।

गंभीर बीमारी सहायता योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज :

  • निर्धारित प्रारूप-1 पर आवेदन पत्र।
  • पहचान प्रमाण पत्र की फोटो प्रति
  • निर्धारित प्रारूप-2 पर समक्ष मुख्य चिकित्साधीक्षक/चिकित्सा बोर्ड द्वारा अनुमन्य एवं प्रतिहस्ताक्षरित प्रमाण-पत्र
  • दवाईयों के क्रय पर हुए व्यय के मूल बिल/बाउचर, जो कि उस चिकित्सक/अस्पताल द्वारा प्रमाणित तथा भुगतान हेतु सत्यापित किए गए हो, जिनके द्वारा उपचार किया गया हो।
  • यदि रोगी अविवाहित पुत्री अथवा 21 वर्ष से कम आयु का पुत्र है तो ऐसी स्थिति में उसका पंजीकृत निर्माण श्रमिक पर आश्रित होने का प्रमाण-पत्र।
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